ठाकुर राम लाल
ठाकुर राम लाल | |
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पद बहाल 28 जनवरी 1977 – 30 अप्रैल 1977 | |
पूर्वा धिकारी | यशवंत सिंह परमार |
उत्तरा धिकारी | शांता कुमार |
चुनाव-क्षेत्र | जुब्बल-कोटखाई |
पद बहाल 14 फ़रवरी 1980 – 7 अप्रैल 1983 | |
पूर्वा धिकारी | शांता कुमार |
उत्तरा धिकारी | वीरभद्र सिंह |
चुनाव-क्षेत्र | जुब्बल-कोटखाई |
आंध्र प्रदेश के राज्यपाल
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पद बहाल 15 अगस्त 1983 – 29 अगस्त 1984 | |
पूर्वा धिकारी | के.सी. अब्राहम |
उत्तरा धिकारी | शंकर दयाल शर्मा |
जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
धर्म | हिन्दू |
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ठाकुर राम लाल (7 जुलाई 1929 - 6 जुलाई 2002) गांव बरथाटा, तहसील जुब्बल, जिला शिमला में पैदा हुए। 1951 में एसडी कालेज शिमला से स्नातक हुए। लॉ कालेज जालंधर से 1955 में इन्होंने एलएलबी पास की। 1957 से 1962 तक यह क्षेत्रीय परिषद के लिए चुने गए। वे 1957, 1962, 1967, 1977, 1980 और 1982 में जुब्बल-कोटखाई निर्वाचन क्षेत्र से हिमाचल प्रदेश विधान सभा के लिए चुने गए। वह हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने पर 28 जनवरी 1977 से 30 अप्रैल 1977 तक कार्यालय में बने रहे। वह 29 जून 1977 से 13 फ़रवरी 1980 तक हिमाचल प्रदेश विधान सभा में विपक्ष के नेता थे। वह फिर से 14 फ़रवरी 1980 को राज्य के मुख्यमंत्री बने और 7 अप्रैल 1983 तक पद पर बने रहे। बाद में वह आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रूप में 15 अगस्त 1983 से 29 अगस्त 1984 तक पद पर बने रहे। उनका 6 जुलाई 2002 को शिमला में निधन हो गया।[१]