रॉयल नेवल हॉस्पिटल जिब्राल्टर
भौगोलिक स्थिति | |
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स्थान | यूरोपा सड़क, जिब्राल्टर |
निर्देशांक | साँचा:coord |
संगठन | |
अस्पताल का प्रकार | सैन्य |
सेवाएं | |
बिस्तर | 300 |
इतिहास | |
स्थापना | 1903 |
बन्द हुआ | फ़रवरी 2008 |
कड़ियाँ | |
सूचियाँ |
रॉयल नेवल हॉस्पिटल जिब्राल्टर (साँचा:lang-en), पूर्व नाम: ब्रिटिश मिलिट्री हॉस्पिटल जिब्राल्टर (साँचा:lang-en), एक सैन्य अस्पताल था जिसका निर्माण 1903 के आसपास जिब्राल्टर में हुआ था। अस्पताल का उद्देश्य ब्रिटिश सैन्य कर्मियों और स्थानीय नाविकों को चिकित्सा सेवा मुहैया कराना था। अस्पताल जिब्राल्टर के दक्षिणी हिस्से में यूरोपा सड़क पर स्थित था। इसके अंतर्गत कुल तीन इमार्ते आती हैं। 1963 में अस्पताल को रॉयल नेवी को हस्तांतरित कर दिया गया था। वर्ष 2008 में इसे बंद कर दिया गया था ताकि इसका रिहायशी रूपांतरण हो सके, हालांकि यह कार्य अस्पताल के बंद होने से पहले ही शुरू हों चुका था।
इतिहास
ब्रिटिश मिलिट्री हॉस्पिटल जिब्राल्टर का निर्माण 1903 के आसपास जिब्राल्टर में ब्रिटिश सैन्य कर्मियों और स्थानीय नाविकों को चिकित्सा सेवा मुहैया कराने के उद्देश्य से किया गया था।[१][२][३] यह औबेरियन प्रायद्वीप और यूरोप के दक्षिणी छोर पर भूमध्य सागर के प्रवेश द्वार पर स्थित स्व-शासीब्रिटिश विदेशी क्षेत्र जिब्राल्टर के दक्षिणी हिस्से में यूरोपा सड़क पर स्थित था।[४][५] इसमें तीन मंजिला इमार्ते थी जिनमें कुल तीन सौ बिस्तरों की सुविधा थी।[३][४] बहारी दीवारों के हल्के नीले रंग ने अस्पताल को इसका उपनाम द वेजवुड कैसल नाम दिया।[१][४] अस्पताल में आएँ आगंतुकों में महारानी एलेक्ज़ेंड्रा (1905) और जॉर्ज पंचम (1912) जैसी हस्तियाँ शामिल हैं।[६]
ब्रिटिश मिलिट्री हॉस्पिटल ने स्पेनिश ग्रह युद्ध (1936-1939) के दौरान हताहतों को चिकित्सा सेवा मुहैया कराई। हताहतों में जर्मन युद्धपोत डचलैंड के 55 आदमी भी थे, जिनके जहाज पर उस समय बमबारी कर दी गई थी जब वे इबिथा द्वीप पर लंगर डाले हुए खड़े थे। अस्पताल पहले से ही अपनी सीमा पर था चूँकि उसके ज्यादातर बिस्तर एचएमएस हंटर के हताहतों से भरे हुए थे, ब्रिटिश नौसेना का युद्धपोत जो मई 1937 में अल्मरिया के नजदीक गश्त देते वक्त बारूदी सुरंग से जा टकराया था। उसी समय अस्पताल के कर्मचारी अस्पताल के अपने खुद के जहाज एचएम मेन के हताहतों की देखरेख में लगे हुए थे। कई हताहतों में अत्यधिक रूप से जल चुके लोग भी शामिल थे। हताहतों की संख्या इतनी बढ़ चुकि थी कि क्वीन एलेक्ज़ेंड्रा इम्पीरियल मिलिट्री नर्सिंग सर्विस की चार नर्सों को फ्लाइंग बोट पकड़ के तत्काल अस्पताल जर्मन हताहतों की देखभाल के लिए आना पड़ा। उसके आने वाले एक वर्ष बाद इन चार में से एक नर्स को जर्मन रेड क्रॉस सम्मान से नवाजा गया और एडोल्फ हिटलर से प्रमाणपत्र भी प्राप्त हुआ।[१]