पुलह तारा
पुलह, जिसका बायर नामांकन "बेटा अर्से मॅजोरिस" (β UMa या β Ursae Majoris) है, सप्तर्षि तारामंडल का पाँचवा सबसे रोशन तारा और पृथ्वी से दिखने वाले सभी तारों में से ७८वाँ सब से रोशन तारा है। यह हमसे क़रीब ७९ प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित है और पृथ्वी से इसका औसत सापेक्ष कांतिमान (यानि चमक का मैग्निट्यूड) +२.३४ है। इस तारे का नाम महर्षि पुलह पर रखा गया है।
अन्य भाषाओं में
पुलह को अंग्रेज़ी में "मेरॉक" (Merak) भी कहा जाता है। यह अरबी भाषा के "अल-मराक़" (المراق) से लिया गया है जिसका अर्थ "कटि" (यौन अंगों का क्षेत्र) है। अरब खगोलशास्त्र में इस तारामंडल में जो काल्पनिक भालू की आकृति बनाई जाती थी यह तारा उसके कटि-भाग में स्थित है।
वर्णन
पुलह एक सफ़ेद रंग का A1 V श्रेणी का मुख्य अनुक्रम तारा है।[१] इसकी सतह का तापमान ९,८०० कैल्विन है जो कि काफ़ी अधिक है। पुलह की निहित चमक (निरपेक्ष कान्तिमान) सूरज की ६९ गुना है। इसका द्रव्यमान (मास) हमारे सूरज के द्रव्यमान का लगभग ३ गुना और व्यास (डायामीटर) हमारे सूरज के व्यास का २ गुना है। इस तारे के इर्द-गिर्द एक मलबे का चक्र है, ठीक जैसे अभिजित और मीनास्य तारों के इर्द-गिर्द पाया गया है। हालाँकि पुलह के पास गोई ग़ैर-सौरीय ग्रह नहीं मिला है, ऐसे धूल और मलबे के चक्र का मतलब अक्सर यह होता है के यहाँ ग्रहों का निर्माण हो रहा है, इसलिए अभी इस तारे के इर्द-गिर्द परिक्रमा करते किसी ग्रह के मिलने की सम्भावना बनी हुई है।