अभिजित तारा

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अभिजित
Vega
Vega in lyra.svg
लायरा तारामंडल में अभिजित (वेगा)
प्रेक्षण तथ्य
युग J2000.0      विषुव J2000.0
तारामंडल लायरा
दायाँ आरोहण 18h 36m 56.33635s[१]
झुकाव +38° 47′ 01.2802″[१]
सापेक्ष कांतिमान (V)+0.026[२] साँचा:nowrap
विशेषताएँ
विकास स्तरमुख्य अनुक्रम
तारकीय श्रेणीA0Va[३]
U−B रंग सूचक0.00[४]
B−V रंग सूचक0.00[४]
परिवर्ती श्रेणीडेल्टा स्कूटी[५]
खगोलमिति
रेडियल वेग (Rv)साँचा:nowrap[६] किमी/सै
विशेष चाल (μ) दाआ.: 200.94[१] मिआसै/वर्ष
झु.: 286.23[१] मिआसै/वर्ष
लंबन (π)130.23 ± 0.36[१] मिआसै
दूरीसाँचा:rnd ± साँचा:rnd प्रव
(साँचा:rnd ± साँचा:rnd पार)
निरपेक्ष कांतिमान (MV)+0.582[७]
विवरण
द्रव्यमानसाँचा:nowrap[८] M
त्रिज्यासाँचा:nowrap[८] R
सतही गुरुत्वाकर्षण (log g)साँचा:nowrap[९]
तेजस्वितासाँचा:nowrap[८] L
तापमानसाँचा:nowrap[१०] (8,152–10,060 K)[८] K
घूर्णन गति (v sin i)साँचा:nowrap[८] किमी/सै
अन्य नाम
Wega,[११] Lucida Lyrae,[१२] Alpha Lyrae, α Lyrae, 3 Lyr, BD+38°3238, GCTP 4293.00, HD 172167, GJ 721, HIP 91262, HR 7001, LTT 15486, SAO 67174,[१३]
डेटाबेस संदर्भ
सिम्बादdata
अन्य उपयोग के लिए अभिजीत देखें।

अभिजित या वेगा (Vega), जिसका बायर नाम "अल्फ़ा लायरे" (α Lyrae या α Lyr) है, लायरा तारामंडल का सब से रोशन तारा है। यह पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से पाँचवा सब से रोशन तारा भी है। अभिजित पृथ्वी से 25 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। खगोलशास्त्री हज़ारों सालों से अभिजित का अध्ययन करते आए हैं और कभी-कभी कहा जाता है के यह "सूरज के बाद शायद आसमान में सब से महत्त्वपूर्ण तारा है"।

विवरण

अभिजित आसमान में घूम रहा है - सन् 12,000 ईसा पूर्व में यह उत्तर ध्रुव का तारा था (यानि हमेशा ठीक उत्तर की ओर होता था)। यह वहां से हिल चुका है लेकिन सन् 13,727 ईस्वी में यह फिर से उत्तर ध्रुव का तारा बन जाएगा।

अभिजित की उम्र केवल 45 करोड़ वर्ष है। हमारे सूरज की उम्र इस से दस गुना ज़्यादा है। इसका द्रव्यमान (मास) सूरज के द्रव्यमान का लगभग 2.1 गुना है और इसका व्यास (डायामीटर) सौर व्यास का लगभग 2.26 गुना है। इसमें नाभिकीय संलयन (न्यूक्लीयर फ्यूज़न) इतनी फ़ुर्ती से चल रहा है के अभिजित अपना हाइड्रोजन इंधन बहुत तेज़ी से ख़त्म कर रहा है और इसका पूरा जीवनकाल पृथ्वी के सूरज के जीवनकाल का दसवा ही होगा। अभिजित अपने पूरे जीवनकाल का लगभग आधा समय व्यतीत कर चुका है। श्रेणीकरण के हिसाब से यह एक A0V श्रेणी का तारा है, यानि एक नीला-से रंग का मुख्य अनुक्रम तारा है।

अभिजित बहुत तेज़ी से घूर्णन कर रहा है (यानि अपने अक्ष पर घूम रहा है)। घूर्णन की यह 274 किलोमीटर प्रति सैकिंड की रफ़्तार इतनी तेज़ है के यदि यह थोड़ी सी अधिक तेज़ होती तो यह तारा टूटकर बिखरना शुरू हो जाता। इतने तेज़ घूर्णन से यह थोड़ा-सा पिचक भी गया है - इसकी चौड़ाई इसकी लम्बाई से 23% ज़्यादा है।

ग्रह और मलबा चक्र

अभिजित से आने वाले अवरक्त विकिरण (इन्फ़्रारॅड रेडियेशन) को परखने से ज्ञात हुआ है के इस तारे के इर्द-गिर्द एक मलबे का चक्र परिक्रमा कर रहा है जो सौर मंडल के बाहरी इलाक़ों में सूरज की परिक्रमा करते हुए काइपर घेरे जैसा है। वैज्ञानिक मानते हैं के यह धूल-ग़ुबार अभिजित के पास खगोलीय वस्तुओं के आपसी टकराव से पैदा हुआ है।

अध्ययन से यह भी ज्ञात हुआ है के एक बृहस्पति जैसा गैस दानव ग्रह भी शायद अभिजित की परिक्रमा कर रहा है।

चित्रदीर्घा

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ