क्षुद्रग्रह वर्णक्रम श्रेणियाँ
क्षुद्रग्रहों की वर्णक्रम-श्रेणियाँ (Asteroid spectral types) उनके उत्सर्जन वर्णक्रम (एमिशन स्पेक्ट्रम), रंग और कभी-कभी ऐल्बीडो (चमकीलेपन) के आधार पर निर्धारित होती हैं। बहुत हद तक यह क्षुद्रग्रहों की सतहों पर मौजूद सामग्रियों का भी संकेत देती हैं। छोटे क्षुद्रग्रहों में क्षुद्रग्रह की ऊपर की सतह और अंदरूनी रचना में कोई अंतर नहीं होता जबकि ४ वेस्टा जैसे बड़े क्षुद्रग्रहों की भीतरी संरचना बाहरी परत से काफ़ी भिन्न हो सकती है।[१]
श्रेणीकरण व्यवस्थाएँ
वर्णक्रम, ऐल्बीडो, आदि के आधार पर क्षुद्रग्रहों को श्रेणियों में बाँटने वाली कई व्यवस्थाएँ ईजाद की गई हैं लेकिन उनमें से दो अधिक प्रचलित हैं।
थोलेन श्रेणीकरण
यह सन् १९८४ में डेविड थोलेन (David J. Tholen) नामक खगोलशास्त्री द्वारा प्रस्तवित की गई थी। इसकी श्रेणियाँ १९८० में 'अष्टवर्णीय क्षुद्रग्रह सर्वेक्षण' (Eight-Color Asteroid Survey) के तहत ९७८ क्षुद्रग्रहों पर किये गये अध्ययन के आधार पर परिभाषित की गई थी। इस व्यवस्था में १४ श्रेणियाँ हैं। अधिकांश क्षुद्रग्रह इनमें से केवल ३ श्रेणियों में पड़ते हैं और बाक़ी ११ में कम ही क्षुद्रग्रह आते हैं।[१]
तीन मुख्य श्रेणियाँ इस प्रकार हैं:
- C-श्रेणी - गाढ़े रंग की कार्बनयुक्त वस्तुएँ (dark carbonaceous objects)
- S-श्रेणी, उदाहरण १५ युनोमिया (15 Eunomia), ३ जूनो (3 Juno) - सिलिकायुक्त यानि पत्थरीली वस्तुएँ
- X-श्रेणी
- M-श्रेणी, उदाहरण १६ सायकी (16 Psyche) - धातुयुक्त वस्तुएँ
- E-श्रेणी, उदाहरण ४४ नायसा (44 Nysa), ५५ पैन्डोरा (55 Pandora) - M-जैसी लेकिन इनका ऐल्बीडो M-वस्तुओं से अधिक होता है
- P-श्रेणी, उदाहरण २५९ ऐलथेया (259 Aletheia), इस्मेने (190 Ismene); CP-उपश्रेणी: ३२४ बैम्बरगा (324 Bamberga) - M-जैसी लेकिन इनका ऐल्बीडो M-वस्तुओं से कम होता है
अन्य (छोटी) श्रेणियाँ इस प्रकार हैं:
- A-श्रेणी, उदाहरण २४६ ऐसपोरीना (246 Asporina)
- D-श्रेणी, उदाहरण ६२४ हेक्टर (624 Hektor)
- T-श्रेणी, उदाहरण ९६ ईग्ली (96 Aegle)
- Q-श्रेणी, उदाहरण १८६२ अपोलो (1862 Apollo)
- R-श्रेणी, उदाहरण ३४९ देमबोवस्का (349 Dembowska)
- V-श्रेणी, उदाहरण ४ वेस्टा (4 Vesta)
इस श्रेणी व्यवस्था में अगर किसी क्षुद्रग्रह में एक से अधिक श्रेणी के गुण हों तो उसे कभी-कभी CG जैसी मिश्रित श्रेणी में डाल दिया जाता था।
SMASS श्रेणीकरण
यह सन् २००२ में गठित एक श्रेणी-व्यवस्था है। यह १४४७ क्षुद्रग्रहों का अध्ययन करने वाले 'छोटे मुख्य-घेरे क्षुद्रग्रहों के वर्णक्रमी सर्वेक्षण' (Small Main-Belt Asteroid Spectroscopic Survey उर्फ़ SMASS) पर आधारित है। हालांकि इसमें वर्णक्रमों को अधिका बारीक़ी से मापा गया, इसमें मापे गये वर्णक्रम का विस्तार थोलेन अध्ययन से कम था। जब SMASS की श्रेणीयाँ निर्धारित की गई तो जहाँ तक सम्भव था पुरानी थोलेन श्रेणीयाँ रखने की कोशिश की गई। SMASS की श्रेणीयाँ इस प्रकार हैं:[२]
- C-श्रेणी - कार्बनयुक्त वस्तुएँ (carbonaceous objects)
- S-group - सिलिकायुक्त पत्थरीली वस्तुएँ
- X-group - अधिकतर धातु की वस्तुएँ
- X-श्रेणी - X-श्रेणी की सबसे साधारण वस्तुएँ, जो थोलेन श्रेणीकरण में M, E और P-श्रेणीयों में विभाजित हैं
- Xe, Xc, and Xk - X-श्रेणी और अन्य श्रेणीयों की बीच की वस्तुएँ
- T-श्रेणी
- D-श्रेणी
- Ld-श्रेणी - एक नई श्रेणी जिसमें L-श्रेणी से अधिक विशेषताएँ हैं
- O-श्रेणी - एक छोटी श्रेणी, उदाहरण ३६२८ बोज़नेमचोवा (3628 Božněmcová)
- V-श्रेणी - उदाहरण ४ वेस्टा (4 Vesta)
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ अ आ साँचा:cite book
- ↑ Bus, S. J.; Binzel, R. P. (2002). "Phase II of the Small Main-belt Asteroid Spectroscopy Survey: A feature-based taxonomy". Icarus 158 (1): 146–177. Bibcode:2002Icar..158..146B स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।. doi:10.1006/icar.2002.6856.