१ + २ + ४ + ८ + · · ·
गणित में 1 + 2 + 4 + 8 + · · · एक अनन्त श्रेणी है जिसके व्यंजक उत्तरोतर दो की घात के रूप में हैं। एक गुणोत्तर श्रेणी के रूप में इसका प्रथम पद 1, है और सार्वानुपात 2 है। एक वास्तविक संख्याओं की श्रेणी के रूप में यह अनन्त पर अपसरण करती है, अतः वास्तविक परिदृश्य में इसका संकलन महत्व हीन है। व्यापक अभिप्राय से देखने पर श्रेणी ∞ के अतिरिक्त अन्य मान से भी सम्बंधित है और यह संख्या -1 है।
संकलन
श्रेणी के आंशिक योग 1 + 2 + 4 + 8 + . . ., 1, 3, 7, 15, ... हैं; चूंकि ये मान श्रेणी की तरह अनन्त पर अपसरण करते हैं। अतः सिसैरा-संकलन और हाबिल-संकलन सहित कोई भी ज्ञात विधि से इसका योग अनन्त ही प्राप्त होता है।[१] दूसरी तरफ अन्य व्यापक रूप से उपयोगी विधि द्वारा जो 1 + 2 + 3 + 4 + . . . का परिमित मान -1 प्ताप्त होता है। सम्बंधित घातिय श्रेणी :
- <math>f(x) = 1+2x+4x^2+8x^3+\cdots+2^n{}x^n+\cdots = \frac{1}{1-2x}</math>
की अभिसरण त्रिज्या 0 से 1/2 के मध्य है, अतः यह x = 1 पर अभिसारी नहीं है।
ये भी देखें
टिप्पणी
- ↑ Hardy p.10