स्वच्छ भारत अभियान
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स्वच्छ भारत अभियान (SBA) | |
चित्र:Swachh Bharat Abhiyan logo.jpg | |
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी अभियान को आरम्भ करते हुए | |
स्लोगन | एक कदम स्वच्छता की ओर |
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वर्तमान स्थिति | समाप्त |
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स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा आरम्भ किया गया राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जिसका उद्देश्य गलियों, सड़कों तथा अधोसंरचना को साफ-सुथरा करना और कूड़ा साफ रखना है। यह अभियान 2 अक्टूबर, 2014 को आरम्भ किया गया। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने देश को दासता से मुक्त कराया, परन्तु 'स्वच्छ भारत' का उनका सपना पूरा नहीं हुआ। महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने सम्बन्धी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट सन्देश दिया था।
स्वच्छ भारत का उद्देश्य व्यक्ति, क्लस्टर और सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के माध्यम से खुले में शौच की समस्या को कम करना या समाप्त करना है। स्वच्छ भारत मिशन विसर्जन उपयोग की निगरानी के जवाबदेह तन्त्र को स्थापित करने की भी एक पहल सरकार ने 2 अक्टूबर 2019, महात्मा गांधी के जन्म की 150वीं वर्षगाँठ तक ग्रामीण भारत में 1.96 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 1.2 करोड़ शौचालयों का निर्माण करके खुले में शौंच मुक्त भारत (ओडीएफ) को हासिल करने का लक्ष्य रखा है। [१]
पृष्ठभूमि
आधिकारिक रूप से 1 अप्रैल 1999 से शुरू, भारत सरकार ने व्यापक ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम का पुनर्गठन किया और पूर्ण स्वच्छता अभियान (टीएससी) शुरू किया जिसको बाद में (1 अप्रैल 2012 को) प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा निर्मल भारत अभियान (एनबीए) नाम दिया गया।[२][३] स्वच्छ भारत अभियान के रूप में 24 सितंबर 2014 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी से निर्मल भारत अभियान का पुनर्गठन किया गया था।[४]
'निर्मल भारत अभियान' (1999 से 2012 तक पूर्ण स्वच्छता अभियान, या टीएससी) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई समुदाय की अगुवाई वाली पूर्ण स्वच्छता (सीएलटीएस) के सिद्धांतों के तहत एक कार्यक्रम था। इस स्थिति को हासिल करने वाले गांवों को निर्मल ग्राम पुरस्कार नामक कार्यक्रम के तहत मौद्रिक पुरस्कार और उच्च प्रचार प्राप्त हुआ।[५][६][७]
टाइम्स ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट किया कि मार्च 2014 में यूनिसेफ इंडिया और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने भारत सरकार द्वारा 1999 में शुरू विशाल पूर्ण स्वच्छता अभियान के हिस्से के रूप में स्वच्छता सम्मेलन का आयोजन किया, जिसके बाद इस विचार को विकसित किया गया।[८]
ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय
सरकार ने 2 अक्टूबर 2019 तक खुले में शौंच मुक्त (ओडीएफ) भारत को हासिल करने का लक्ष्य रखा है, सरकार ने 2 अक्टूबर 2019, महात्मा गांधी के जन्म की 150 वीं वर्षगांठ तक ग्रामीण भारत में 1.96 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत (यूएस $ 30 बिलियन) के 1.2 करोड़ शौचालयों का निर्माण करके खुले में शौंच मुक्त भारत (ओडीएफ) को हासिल करने का लक्ष्य रखा है।[१][९] प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 2014 के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में शौचालयों की जरूरत के बारे में बताया:
मोदी ने 2014 के जम्मू और कश्मीर राज्य चुनाव अभियान के दौरान स्कूलों में शौचालयों की आवश्यकता के बारे में भी बताया:
मई 2015 तक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, महिंद्रा ग्रुप और रोटरी इंटरनेशनल सहित 14 कंपनियों ने 3,195 नए शौचालयों का निर्माण करने का वादा किया है। उसी महीने में, भारत में 71 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने 86,781 नए शौचालयों के निर्माण का समर्थन किया।[१०]
हजारों भारतीय लोग अभी भी मानव मल धोने के कार्य में कार्यरत हैं।[११][१२][१३]
राजदूत
चयनित सार्वजनिक व्यक्ति
मोदी ने इस अभियान का प्रचार करने के लिए 11 लोगों को चुना[१४][१५] वो हैं:
- सचिन तेंडुलकर
- प्रियंका चोपड़ा
- अनिल अंबानी
- बाबा रामदेव
- सलमान खान
- शशि थरूर
- तारक मेहता का उल्टा चश्मा धारावहिक के सदस्य
- मृदुला सिन्हा
- कमल हसन
- विराट कोहली
- महेन्द्र सिंह धोनी
सिविल इंजिनियरिंग भारत के शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम के तूफान से प्रभावित बंदरगाह शहर को साफ करने के लिए झाड़ू उठाया था।[१६][१७]
ब्रांड एम्बेसडर
वेंकैया नायडू ने विभिन्न क्षेत्रों में ब्रांड एंबेसडर सूचीबद्ध किए::[१८][१९]साँचा:whenसाँचा:citation needed
- राज्ययोगी ब्रह्मकुमारी दादी जानकीजी
- पवन कल्याण[२०]
- एस पी बालासुब्रह्मण्यम
- अमला (अभिनेत्री)
- के कविता[२०]
- गुनुपति वेंकट कृष्ण रेड्डी
- सुधाला अशोक तेजा
- पुलेला गोपीचंद (खिलाड़ी)
- हम्पी कोनेरू
- गैला जयदेव
- नितिन
- वी.वी.एस. लक्ष्मण (खिलाड़ी)
- जे रामेश्वर राव
- शिवलाल यादव (राजनीतिज्ञ)
- बी वी आर मोहन रेड्डी
- लक्ष्मी मांचू[२१]
2 अक्टूबर 2014 को प्रधान मंत्री मोदी ने नौ लोगों को नामांकित किया, जिनमें शामिल हैं:
- कपिल शर्मा {कॉमेडियन}
- सौरव गांगुली (खिलाड़ी, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान)
- पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने अपने 'स्वच्छ भारत अभियान' को आगे बढ़ाने के लिए
- पद्मनाभ आचार्य (नागालैंड के राज्यपाल)
- सोनल मानसिंह (शास्त्रीय नर्तक)
- रामोजी राव (इनादु समूह)
- अरुण पुरी (इंडिया टुडे समूह)
उन्होंने भारत के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान, इनाडू और इंडिया टुडे सहित कई संगठनों को भी नामित किया, साथ ही साथ मुंबई के डब्बावाले भी, जो शहर के लाखों लोगों को घर का बना खाना पहुंचाते हैं।
8 नवंबर 2014 को, मोदी ने उत्तर प्रदेश को संदेश भेजा और उस राज्य के लिए नौ लोगों का एक और नामांकन किया।[२२][२३]
- अखिलेश यादव (राजनीतिज्ञ)
- स्वामी रामभद्राचार्य
- मनोज तिवारी (राजनीतिज्ञ)
- मोहम्मद कैफ (खिलाड़ी)
- देवप्रसाद द्विवेदी
- राजू श्रीवास्तव (कॉमेडियन)
- सुरेश रैना (खिलाड़ी)
- कैलाश खेर
- शिल्पा शेट्टी (अभिनेत्री), फरवरी 2017 से
- शेखर गुरेरा (कार्टूनिस्ट), जनवरी 2018 से [२४]
30 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी और स्कूल और कॉलेज के छात्र इस अभियान में भाग ले रहे हैं।[२५][२६]
साफ शहरों की सूची
भारत सरकार ने 15 फरवरी 2016 को सफाई रैंकिंग जारी की।[२७][२८] [२९] सफाई सेलेक्शन -2016 में 73 शहरों को सफाई और स्वच्छता के आधार पर स्थान देता है। 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की जांच के लिए सर्वेक्षण किया गया था कि वे कितने स्वच्छ या गंदे थे।[१]
- सर्वाधिक स्वच्छ १० नगर
- इंदौर (लगातार तीन बार सबसे स्वच्छ शहर[३०])
- भोपाल
- चंडीगढ़
- नई दिल्ली
- विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश)
- सूरत (गुजरात)
- राजकोट (गुजरात)
- गंगटोक (सिक्किम)
- पिंपरी चिंचवड (महाराष्ट्र)
- ग्रेटर मुंबई (महाराष्ट्र)
- सूची में अन्तिम के 10 शहर
- 64. कल्याण डोंबिवली (महाराष्ट्र)
- 65. वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
- 66. जमशेदपुर (झारखंड)67 गाज़ियाबाद (उत्तर प्रदेश)
- 68. रायपुर (छत्तीसगढ़)
- 69. मेरठ (उत्तर प्रदेश)
- 70. पटना (बिहार)
- 71. इटानगर (अरुणाचल प्रदेश)
- 72. आसनसोल (पश्चिम बंगाल)
- 73. धनबाद (झारखंड)
समान अभियान
स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान भारत की तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा लांच किया गया जिसमें स्कूल के शिक्षकों और छात्रों के साथ स्वच्छता अभियान में उन्होंने भी भाग लिया।[३१]
शहरी क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत मिशन
मिशन का उद्देश्य 1.04 करोड़ परिवारों को लक्षित करते हुए 2.5 लाख समुदायिक शौचालय, 2.6 लाख सार्वजनिक शौचालय, और प्रत्येक शहर में एक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की सुविधा प्रदान करना है। इस कार्यक्रम के तहत आवासीय क्षेत्रों में जहाँ व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण करना मुश्किल है वहाँ सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करना। पर्यटन स्थलों, बाजारों, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशनों जैसे प्रमुख स्थानों पर भी सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया जाएगा। यह कार्यक्रम पाँच साल अवधि में 4401 शहरों में लागू किया जाएगा। कार्यक्रम पर खर्च किये जाने वाले ₹62,009 करोड़ रुपये में केंद्र सरकार की तरफ से ₹14,623 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएगें। केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त होने वाले ₹14,623 करोड़ रुपयों में से ₹7,366 करोड़ रुपये ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर ₹4,165 करोड़ रुपये व्यक्तिगत घरेलू शौचालय पर ₹1,828 करोड़ रुपये जनजागरूकता पर और समुदाय शौचालय बनवाये जाने पर ₹655 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। इस कार्यक्रम खुले में शौच, अस्वच्छ शौचालयों को फ्लश शौचालय में परिवर्तित करने, मैला ढ़ोने की प्रथा का उन्मूलन करने, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और स्वस्थ एवं स्वच्छता से जुड़ीं प्रथाओं के संबंध में लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाना आदि शामिल हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत मिशन
निर्मल भारत अभियान कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के लिए माँग आधारित एवं जन केन्द्रित अभियान है, जिसमें लोगों की स्वच्छता सम्बन्धी आदतों को बेहतर बनाना, स्व सुविधाओं की माँग उत्पन्न करना और स्वच्छता सुविधाओं को उपलब्ध करना, जिससे ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाया जा सके।
अभियान का उद्देश्य पांच वर्षों में भारत को खुला शौच से मुक्त देश बनाना है। अभियान के तहत देश में लगभग 11 करोड़ 11 लाख शौचालयों के निर्माण के लिए एक लाख चौंतीस हज़ार करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे। बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी का उपयोग कर ग्रामीण भारत में कचरे का इस्तेमाल उसे पूंजी का रूप देते हुए जैव उर्वरक और ऊर्जा के विभिन्न रूपों में परिवर्तित करने के लिए किया जाएगा। अभियान को युद्ध स्तर पर प्रारंभ कर ग्रामीण आबादी और स्कूल शिक्षकों और छात्रों के बड़े वर्गों के अलावा प्रत्येक स्तर पर इस प्रयास में देश भर की ग्रामीण पंचायत, पंचायत समिति और बहराइच को भी इससे जोड़ना है।
अभियान के एक भाग के रूप में प्रत्येक पारिवारिक इकाई के अंतर्गत व्यक्तिगत घरेलू शौचालय की इकाई लागत को ₹10,000 से बढ़ा कर ₹12,000 रुपये कर दिया गया है और इसमें हाथ धोने,शौचालय की सफाई एवं भंडारण को भी शामिल किया गया है। इस तरह के शौचालय के लिए सरकार की तरफ से मिलने वाली सहायता ₹9,000 रुपये और इसमें राज्य सरकार का योगदान ₹3,000 रुपये होगा। जम्मू एवं कश्मीर एवं उत्तरपूर्व राज्यों एवं विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों को मिलने वाली सहायता ₹10,800 होगी जिसमें राज्य का योगदान ₹1,200 रुपये होगा। अन्य स्रोतों से अतिरिक्त योगदान करने की स्वीकार्यता होगी।
स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन स्वच्छ भारत-स्वच्छ विद्यालय अभियान केन्द्रीय 25 सितंबर, 2014 से 31 अक्टूबर 2014 के बीच केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालय संगठन में आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान की जाने वाली गतिविधियों में शामिल हैं-
- स्कूल कक्षाओं के दौरान प्रतिदिन बच्चों के साथ सफाई और स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं पर SBAविशेष रूप से महात्मा गांधी की स्वच्छता और अच्छे स्वास्थ्य से जुड़ीं शिक्षाओं के संबंध में बात करें।
- कक्षा, प्रयोगशाला और पुस्तकालयों आदि की सफाई करना।
- स्कूल में स्थापित किसी भी मूर्ति या स्कूल की स्थापना करने वाले व्यक्ति के योगदान के बारे में बात करना और इस मूर्तियों की सफाई करना।
- शौचालयों और पीने के पानी वाले क्षेत्रों की सफाई करना।
- रसोई और सामान ग्रह की सफाई करना।
- खेल के मैदान की सफाई करना
- स्कूल बगीचों का रखरखाव और सफाई करना।
- स्कूल भवनों का वार्षिक रखरखाव रंगाई एवं पुताई के साथ।
- निबंध,वाद-विवाद, चित्रकला, सफाई और स्वच्छता पर प्रतियोगिताओं का आयोजन।
- 'बाल मंत्रिमंडलों का निगरानी दल बनाना और सफाई अभियान की निगरानी करना।
इसके अलावा फिल्म शो, स्वच्छता पर निबंध / चित्रकारी और अन्य प्रतियोगिताएं, नाटकों आदि के आयोजन द्वारा स्वच्छता एवं अच्छे स्वास्थ्य का संदेश प्रसारित करना। मंत्रालय ने इसके अला
वा स्कूल के छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और समुदाय के सदस्यों को शामिल करते हुए सप्ताह में दो बार आधे घंटे सफाई अभियान शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ अ आ साँचा:citation
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- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ IRC स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।:India: Unrealistic approach hampers rural sanitation programme स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, 1 June 2007
- ↑ Institute of Development Studies:Community-led total sanitation:India स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ Benny George:Nirmal Gram Puraskar: A Unique Experiment in Incentivising Sanitation Coverage in Rural India स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, International Journal of Rural Studies (IJRS), Vol. 16, No. 1, April 2009
- ↑ Poo2Loo to break open defecation taboo
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- ↑ Naidu picked up the broom to clean cyclone-hit port city of Visakhapatnamसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ अ आ साँचा:cite web
- ↑ "Lakshmi Manchu Is Telangana Swachh Bharat's Brand Ambassador" स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। MovieNewz.in,Retrieved 04.09.2015
- ↑ साँचा:cite web
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- ↑ कार्टूनिस्ट शेखर गुरेरा को ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। पंजाब केसरी, 31 January 2018.
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