स्त्रियों की सल्तनत
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स्त्रियों की सल्तनत (साँचा:lang-tr, क़दिनलार साल्तानति, सल्तनत-ए ख़्वातीन) सोलहवीं और सत्रहवीं सदी के दौरान लगभग 130 साल की अवधि थी जिसमें उस्मानिया साम्राज्य की शाही महिलाओं ने राज्य के मामलों में (मर्द) उसमानी सुल्तान से असामान्य राजनैतिक प्रभाव हासिल कर लिया था। यह सिलसिला सुलेमान प्रथम के दौर से शुरू हुआ, जब ख़ुर्रम सुल्तान ने दरबार में ख़ास राजनैतिक प्रभाव हासिल किया।[१] बाद के समय में वालिदा सुलतान (सुल्तान की माँ अथवा राजमाता) और ख़ासकी सुलतान (सुल्तान की सबसे पसन्दीदा बीवी) को असामान्य राजनैतिक प्रभाव हासिल रहा, जो वास्तविक रूप से सल्तनत पर हकूमत चलाती रहीं।[२]
शक्तिशाली व प्रभावशाली उस्मानी स्त्रियों की सूची
नाम | जन्म | पति | औलाद | मौत |
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ख़ुर्रम सुल्तान | 1502 | सुलेमान प्रथम | शहज़ादा महमद, महर माह सुल्तान, शहज़ादा अब्दुल्लाह, सलीम द्वितीय, शहज़ादा बायज़ीद और शहज़ादा जहाँगीर | 1558 |
महर माह सुल्तान | 1522 | सुलेमान प्रथम और ख़ुर्रम सुल्तान की इकलौती बेटी, सल्तनत के वज़ीर-ए आज़म रुस्तम पाशा की बीवी। | आयशा हुमाशाह सुल्तान | 1578 |
नूरबानो सुल्तान | 1525 | सलीम द्वितीय | मुराद तृतीय, इस्मिहास सुल्तान, शाह सुल्तान and गौहरख़ान सुल्तान | 1584 |
सफ़िया सुल्तान | 1550 | मुराद तृतीय | महमद तृतीय, शहज़ादा महमूद, आयशा सुल्तान और फ़ातमा सुल्तान | 1619 |
ख़न्दान सुल्तान | महमद तृतीय | अहमद प्रथम, शहज़ादा सलीम, शहज़ादा सुलेमान, दो बेटियाँ | 1605 | |
हलीमा सुल्तान | महमद तृतीय | शहज़ादा महमूद, मुस्तफ़ा प्रथम, एक बेटी | ||
कौसम सुल्तान | 1589 | अहमद प्रथम | शहज़ादा महमद, मुराद चतुर्थ, शहज़ादा क़ासिम, शहज़ादा सुलेमान, इब्राहिम, आयशा सुल्तान, फ़ातिमा सुल्तान, गौहरख़ान सुल्तान और ख़ानज़ादा सुल्तान | 1651 |
तौरख़ान ख़दीजा सुल्तान | 1627 | इब्राहिम | महमद चतुर्थ, बेहान सुल्तान, और गौहरख़ान सुल्तान | 1683 |