सेवई

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

सेवई या संथकई दक्षिण भारत में बहुत प्रसिद्ध हैं, खासकर तमिलनाडु (कोंगुनाडु क्षेत्र) और कर्नाटक में, ये एक प्रकार के चावल से बने नूडल होते हैं। अन्य अनाजों की बनी हुई संथकई का प्रचालन भी धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है, जैसे गेंहू, रागी आदि।

सेवई/संथकई अपनी ही शैली के एक अन्य खाद्य पदार्थ इडियप्पम से विशेष रूप से अलग है, यह अंतर इनके बनाने में प्रयोग की जाने वाली सामग्रियों, बनाने की विधि और उत्सारण के बाद इनके द्वारा बनाये गए पकवानों के फलस्वरूप है। सेवई सुबह के नाशेत/ रात के भोजन के रूप में प्रचलित है और यह माना जाता है कि यह सरलतापूर्वक पाच्य होती है क्योंकि यह बिना तेल के या बहुत ही कम तेल में बनायी जा सकती है और इसे भाप द्वारा भी पकाया जा सकता है।

ताज़ा निकाली गयी सेवई

सेवई बनाने की प्रक्रिया

सेवई/संथकई आमतौर पर चावल के कणों से शुरू करके ताज़ी ही बनायी जाती है। यह सूखी हुई सेवई के पैकेट (या राइस स्टिक्स) में आने वाली सेवई से भी बनायी जाती है, जैसे कि एशियन ग्रॉसरी स्टोर में उपलब्ध इंस्टैंट (तुरंत तैयार होने वाली) सेवई. पारंपरिक रूप से, घर पर सेवई बनाना निम्न चरणों में पूरा किया जा सकता है (स्थान और पारिवारिक तरीकों के आधार पर छिटपुट विविधता के साथ):

  • हल्के उबले हुए चावल को ठन्डे पानी में लगभग 3 घंटे तक भिन्गायें
  • भिन्गाये गए चावल को वेट ग्राइंडर की सहायता से पीस कर महीन मिश्रण तैयार करना
  • चावल के इस मिश्रण से गोल आकार के पकौड़े बनायें और उन्हें भाप में पकाएं (इस चरण में ही कम से कम तीन विविध तरीके होते हैं जो इस प्रकार हैं)
    • मिश्रण को हल्के तेल की सहायता से तलते हुए आटे के रूप में गूंथ लेते हैं और फिर गोल पकौड़े बनाते हैं (इन्हें कोज्हूक्कोटाईस भी कहते हैं, फिर इसे इडली बनाने वाले पात्र में रखकर भाप द्वारा पकाते हैं)
    • मिश्रण को इडली के सांचे में डालें और इसे भाप द्वारा पकाएं
    • मिश्रण को हल्के तेल की सहायता से तलते हुए आटे के रूप में गूंथ लेते हैं और फिर गोल पकौड़े बनाकर इन पकौड़ों को उबलते हुए पानी में डालकर अच्छी तरह पकाते हैं
  • अब पके हुए इन पकौड़ों को एक प्रकार के सेवई प्रेस के द्वारा दबाकर पतले रेशे बनाये जाते हैं

सेवई की सामग्री

घर पर बनायी गयी सेवई प्रायः 100 प्रतिशत चावल (निश्चित रूप से, पानी और नमक सहित) द्वारा ही बनायी जाती है जबकि सूखी राइस स्टिक्स में प्रायः कुछ अन्य पदार्थ भी मिले होते हैं जैसे साबूदाना, मक्के का आटा आदि।

इंस्टैंट राइस नूडल्स में पड़ने वाले अन्य पदार्थों में व्हीट ग्लूटन (आटे का लस) ग्वार गम (ग्वार के पौधे से प्राप्त होने वाला गोंद), खाद्य स्टार्च आदि आते हैं।

सेवई के अन्य नाम

तमिलनाडु के पश्चिमी भागों में सेवई को संथकई कहते हैं। कन्नड़ में इसे 'शाविगे' कहते हैं। साधारण बोलचाल में लोग सेवई के लिए इडियप्पम और सेमिया (वर्मीसेली) शब्दों का इस्तेमाल भी करते हैं, हालांकि ये खाद्य पदार्थ कई मायनों में सेवई से भिन्न होते हैं। तमिल भाषा में इन्हें इस प्रकार लिखा जाता है, சந்தகை, சந்தவம், சந்தவை.

सेवई से बनाये जाने वाले पकवान

इमली.नींबू और नारियल की सेवई

सेवई को प्रायः नीबू, इमली, टमाटर, नारियल, दही आदि के द्वारा स्वादिष्ट बनाया जाता है और गर्म खाने करने पर इसका स्वाद सबसे अच्छा लगता है। सादी सेवई के साथ लिए जाने वाली चीजों में मीठा किया गया नारियल का दूध, बनाना सुगर और घी सबसे ज्यादा प्रचलित हैं, कुछ अन्य पदार्थों में कुज्हम्बू, अनेकों सब्जियां से बना कोरमा और मटन/चिकन/ मछली का कोरमा आदि हैं।

सेवई प्रेस

यहां सेवई प्रेस के कुछ प्रकार दिए गए हैं