साइना नेहवाल
साइना नेहवाल | |
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व्यक्तिगत जानकारी | |
जन्म नाम | साइना नेहवाल |
जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
निवास | हैदराबाद, तेलंगाना |
ऊँचाई | साँचा:convert |
वजन | 60 किलो (130 एलबी) |
राष्ट्र | साँचा:flag/core |
हाथ का इस्तेमाल | दायाँ हाथ |
महिला एकल | |
उच्चतम वरीयता | १[१][२] (२३ मई २०१५) |
वर्तमान वरीयता | १८ [२] (२५ फ़रवरी २०२०) |
खिताब | २४(सुपर सीरीज और ग्रैंड प्रिक्स) |
(बीडबल्युएफ प्रालेख) बीडबल्युएफ प्रालेख | |
Updated on As of 17 September 2015[update]. |
साइना नेहवाल (जन्म:१७ मार्च १९९०) भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। [१][२]। वह एक महीने में तीसरी बार प्रथम वरीयता पाने वाली अकेली महिला खिलाड़ी हैं। लंदन ओलंपिक २०१२ मे साइना ने इतिहास रचते हुए बैडमिंटन की महिला एकल स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया। बैडमिंटन मे ऐसा करने वाली वे भारत की पहली खिलाड़ी हैं। २००८ में बीजिंग में आयोजित हुए ओलंपिक खेलों मे भी वे क्वार्टर फाइनल तक पहुँची थी। वह बीडबल्युएफ विश्व कनिष्ठ प्रतियोगिता जीतने वाली पहली भारतीय हैं। वर्तमान में वह शीर्ष महिला भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और भारतीय बैडमिंटन लीग में अवध वॉरियर्स की तरफ़ से खेलती हैं।
साइना भारत सरकार द्वारा पद्म श्री और सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित हो चुकीं हैं। उनका विवाह बैडमिंटन खिलाड़ी पी॰ कश्यप से हुआ है।
परिचय
साइना का जन्म १७ मार्च १९९० को हिसार, हरियाणा के एक जाट परिवार मे हुआ था। इनके पिता का नाम डॉ॰ हरवीर सिंह नेहवाल और माता का नाम उषा नेहवाल है। साइना साईं के नाम से बना है।[३] सायना ने शुरुआती प्रशिक्षण हैदराबाद के लाल बहादुर स्टेडियम, हैदराबाद में कोच नानी प्रसाद से प्राप्त किया। माता-पिता दोनो के बैडमिंटन खिलाड़ी होने के कारण सायना का बैडमिंटन की ओर रुझान शुरु से ही था। पिता हरवीर सिंह ने बेटी की रुचि को देखते हुए उसे पूरा सहयोग और प्रोत्साहन दिया।
सायना अब तक कई बड़ी उपलब्धियाँ अपने नाम कर चुकी हैं। वे विश्व कनिष्ठ बैडमिंटन विजेता रह चुकी हैं। ओलिम्पिक खेलों में महिला एकल बैडमिंटन का काँस्य पदक जीतने वाली वे देश की पहली महिला खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2006 में एशियाई सैटलाइट प्रतियोगिता भी जीती है।
उन्होंने 2009 में इंडोनेशिया ओपन जीतते हुए सुपर सीरीज़ बैडमिंटन प्रतियोगिता का खिताब अपने नाम किया, यह उपलब्धि उनसे पहले किसी अन्य भारतीय महिला को हासिल नहीं हुई थी। दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया।
वर्ष 2015 में नई दिल्ली को योनेक्स सनराइज इंडिया ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में विश्व चैम्पियन जापान की युई हाशिमोतो को 44 मिनट में 21-15,21-11 से हराने के साथ ही दुनिया की शीर्ष वरीय खिलाड़ी बनी और फाइनल मैच में थाईलैंड की रत्चानोक इंतानोन को हराकर 29 मार्च 2015 को योनेक्स सनराइज इंडिया ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट की महिला एकल ख़िताब की विजेता बनीं।
अप्रैल २०१५ में आधिकारिक रूप से उनकी विश्व रैंकिंग १ घोषित की गई। इस मुकाम तक पहुँचने वाली वे प्रथम भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं।[१][२]
पेशेवर जीवन
२००६-२००९
2006 में, सायना अंडर 19 राष्ट्रीय चैंपियन बनी और दो बार प्रतिष्ठित एशियन सैटेलाइट बैडमिंटन टूर्नामेंट (इंडिया चैप्टर) जीतकर इतिहास बनाया। वह ऐसा करने वाली पहली खिलाड़ी बनी। 2006 में वह एक 4 सितारा टूर्नामेंट, फिलीपींस ओपन जीतने वाली दूसरे भारतीय महिला बनीं और तभी से वह वैश्विक परिदृश्य पर छा गयीं। [४] 86 वें वरीयता वाली सायना ने टूर्नामेंट में प्रवेश कर, खिताब के लिए मलेशिया की जूलिया वोंग पेई जियान को हराने से पहले दुनिया की नंबर चार जू हुआवे और कई शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ियों को अचेत करती चली गयी। उसी वर्ष सायना शीर्ष वरीय चीनी खिलाडी वांग यिहान के खिलाफ एक कठिन लड़ाई लड़ी लेकिन हार गए और 2006 बीडब्ल्युएफ विश्व कनिष्ठ बैडमिंटन प्रतियोगिता की उपविजेता बनीं। वह नौवीं वरीयता प्राप्त जापानी सायाका सातो को 21-9 21-18 हरा कर 2008 विश्व कनिष्ठ बैडमिंटन प्रतियोगिता जीतने वाली पहली भारतीय बनीं।
एक बेहद ही रोमांचक तीन गेम के मुकाबले में चतुर्थ वरीय विश्व की पाँचवीं श्रेष्ठ खिलाडी हाँग काँग की वाँग चेन को हराकर ओलम्पिक खेल के क़्वार्टर फाइनल में पहुचने वाली वो प्रथम भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाडी बन गयीं। क़्वार्टर फाइनल में वह १६वीं वरीयता प्राप्त मारिया क्रिस्टीन युलिआंती से एक बेहद कड़े मुकाबले में हार गयीं। सितम्बर २००८ में उन्होंने मलेशिया की लीदिया चिया ली या को 21–8 21–19 से हराकर योनेक्स चाईनीज़ ताईपे ओपेन का खिताब जीता।।[२] साइना को २००८ में मोस्ट प्रॉमिसिंग प्लेयर का खिताब दिया गया।[५] इसके बाद दिसम्बर २००८ में वह विश्व सुपर सीरीज़ के सेमीफाइनल तक पहुँच गयीं।[६]
२१ जून २००९ को इंडोनेशिया ओपन जीतकर वह विश्व की सबसे प्रतिष्ठित बी डब्ल्यु एफ सुपर सीरीज जीतने वाली पहली महिला भारतीय खिलाडी बन गयीं।[७] उन्होंने फाइनल में चीन की वाँग लिन को १२-२१, २१-१८, २१-९ से हराया।
२०१०
साइना ने सफलतापूर्वक 2010 उबर कप फाइनल के क्वार्टर फाइनल चरण के लिए भारतीय महिला टीम का नेतृत्व किया। साइना विजेता टिने रासमुसेन से हारने से पहले 2010 आल इंग्लैंड सुपर सीरीज के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। शीर्ष वरीयता प्राप्त साइना योनेक्स सनराइज बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप 2010 में चीन की गैरवरीय खिलाड़ी ली श्यूरुई से हारने से पहले सेमीफाइनल तक पहुंच गईं। साइना के कोच गोपीचंद ने उन्हें घरेलू दर्शकों के भारी समर्थन का खुद पर बहुत अधिक दबाव ना लेने की सलाह दी। साइना ने मलेशिया की वोंग मिउ चू को 2010 इंडिया ओपन ग्रां प्री गोल्ड में हराकर टूर्नामेंट में अपनी शीर्ष वरीयता को न्यायोचित ठहरा दिया। इस बीडब्ल्युएफ ग्रां प्री गोल्ड टूर्नामेंट को जीतकर उन्होंने $ 8280 के पुरस्कार राशि जीत ली। नेहवाल सिंगापुर ओपन सुपर सीरीज 2010 में फिर से नंबर 1 वरीयता प्राप्त कर चीन की विश्व चैंपियन लू लान को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। साइना ने सिंगापुर ओपन के फाइनल में चीनी ताइपे की क्वालीफायर ताई जू यिंग को 21-18, 21-15 से हराकर अपने कैरियर का दूसरा सुपर सीरीज खिताब जीता। साइना ने इस बीडब्ल्युएफ सुपर सीरीज टूर्नामेंट को जीतकर 15,000 डॉलर की पुरस्कार राशि जीत ली और अपने कैरियर की शीर्ष वरीयता ३ पर पहुँच गयी।[८] साइना ने जापान की सयाका सातो को एक कठिन खेल में 21-19 / 13-21 / 21-11 से हराकर अपने इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज खिताब का बचाव किया। यह उनका तीसरा सुपर सीरीज़ खिताब और इंडियन ओपन, सिंगापुर सुपर सीरीज के बाद लगातार तीसरा खिताब था।[९] उन्हे फिर से इस बीडब्ल्युएफ सुपर सीरीज टूर्नामेंट को जीतने के लिए $ 18,750 की शीर्ष पुरस्कार राशि मिली। 15 जुलाई 2010 को 64,791.26 अंक के साथ साइना नेहवाल केवल चीन की वांग यिहान से पीछे नंबर 2 पर अपने कैरियर के उच्चतम वरीयता पर पहुंच गईं। दूसरी वरीयता प्राप्त साइना टूर्नामेंट में पसंदीदा खिलाडी थी लेकिन सीधे सेटों में 8-21, 14-21 से चौथी वरीयता प्राप्त चीन की वांग शीझियान से हारकर पेरिस में हो रहे 2010 बीडब्ल्युएफ विश्व प्रतियोगिता से बाहर हो गईं। हालांकि उन्होंने इस टूर्नामेंट में हैदराबाद में खेले गये अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी की लेकिन इस हार के बाद विश्व वरीयता में नंबर 3 पर पहुँच गईं।
२०११
२०१२-२०१३
२२ वर्ष की उम्र में अपने स्विस ओपन खिताब की सफलता पूर्वक रक्षा करते हुए साइना ने फाइनल में चीन की विश्व में दूसरी वरीयता प्राप्त खिलाडी वांग शिझियान को २१-१९, २१-१६ से हराया।[१०] १० जून २०१२ को उन्होंने थाइलैंड की रत्चानोक इंथेनॉन को १९-२१, २१-१५, २१-१० से हराकर थाइलैंड ओपेन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड खिताब अपने नाम किया। इसी वर्ष वह मलेशिया ओपन के सेमीफाइनल और कोरिया ओपन के क़्वार्टर फाइनल में पहुँची थी। अपने तीसरे इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज़ खिताब को जीतते हुए उन्होंने जून में विश्व की नंबर ३ खिलाडी ली श्यूरुई को फाइनल में 13–21, 22–20 21–19 से हराया।[११] इस वर्ष की उनकी सबसे बडी सफलता ४ अगस्त २०१२ को २०१२ लंदन ओलम्पिक के महिला एकल के काँस्य पदक के रूप में सामने आई जब चीन की उनकी प्रतिद्वंदी वांग झिन ने चोट लगने की वजह से बीच मैच में अपना नाम वापस ले लिया।[१२] इसके बाद अक्टूबर में जर्मनी की जुलियान को फाइनल में हराकर उन्होंने डेनमार्क ओपेन खिताब भी जीता।[१३]
२०१४
२६ जनवरी २०१४ को विश्व प्रतियोगिता की काँस्य पदक विजेता पी वी सिंधु को हराकर साइना इंडिया ओपन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड की विजेता बनी।[१४] मार्च २०१४ में विश्व की चौथी वरीयता प्राप्त साइना चीन की वांग शिझियान से क़्वार्टर फाइनल में हारकर २०१० की आल इंगलैंड सुपर सीरीज प्रीमियर से बाहर हो गई।[१५] २०१४ की ऑस्ट्रेलियन ओपेन सुपर सीरीज़ के सेमीफाइनल में शिझियान को हराकर उन्होंने आल इंगलैंड में हुई हार का बदला ले लिया। फाइनल में स्पेन की कैरोलिना मरीन को २१-१८, २१-११ से हराकर साइना ने ऑस्ट्रेलियन ओपेन सुपर सीरीज़ का खिताब अपने नाम कर लिया। इस जीत से वह विश्व में सातवें पायदान पर पहुँच गईं।[१६] इसी तरह से चाइना ओपन सुपर सीरीज़ प्रीमियर में जापान की अकाने यामागुची को २१-१२, २२-२० से हराकर यह खिताब जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं।
२०१५
स्पेन की कैरोलीना मरीन को फाइनल में 19-21, 25-23, 21-16 से हराकर पिछली विजेता साइना ने 2015 का इंडिया ओपन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड खिताब जीत लिया। इसके ठीक पहले आल इंगलैंड बैडमिंटन प्रतियोगिता के फाइनल में पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला बनते हुए साइना कैरोलिना से ही फाइनल में 21-16, 14-21, 7-21 से हार गयी थीं।[१७] २९ मार्च २०१५ को थाइलैंड की रत्चानोक को इंडियन ओपन सुपर सीरीज़ के फाइनल में हराकर वह विश्व की शीर्ष वरीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गईं।[१८]
२०१८
सायना नेहवाल ने 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में अंतिम दिन रविवार को महिला एकल वर्ग का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। सायना ने फाइनल में हमवतन पी.वी सिंधु को मात दी। ऐसे में इस स्पर्धा का रजत पदक भी भारत को ही मिला है। सायना ने भारत की झोली में 26वां स्वर्ण पदक[१९] जीता! सायना ऐसे में राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई हैं।
पेशेवर उपलब्धियाँ
एकल | खेलीं | जीती | Hari | अंतर |
---|---|---|---|---|
कुल | 442 | 315 | 127 | +188 |
वर्तमान वर्ष साँचा:as of | 36 | 29 | 7 | +22 |
युगल | खेलीं | जीती | हारी | अंतर |
---|---|---|---|---|
कुल | 33 | 9 | 24 | −15 |
वर्तमान वर्ष साँचा:as of | 0 | 0 | 0 | 0 |
प्रतियोगिता | 2008 |
2012 |
---|---|---|
ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक | क्वार्टर फ़ाइनल | साँचा:bronze medal |
प्रतियोगिता | 2006 |
2010 |
---|---|---|
राष्ट्रमंडल खेल | साँचा:bronze medal | साँचा:gold medal |
प्रतियोगिता | 2004 |
2008 |
---|---|---|
राष्ट्रमंडल युवा खेल | साँचा:silver medal | साँचा:gold medal |
एकल प्रतियोगिताएँ | |
---|---|
प्रकार | कुल खिताब |
सुपर सीरीज प्रीमियर | 5 |
सुपर सीरीज | 4 |
ग्रैंड प्रिक्स & गोल्ड | 7 |
कुल | 16 |
पुरस्कार राशि
आयोजन | कुल राशि |
---|---|
एकल | $ 570610.00 |
युगल | $ 1068.75 |
एकल में उपलब्धियाँ
- अनु. = अनुपस्थित
- क़्वा. फा. = क्वार्टर फाइनल
- सेफा = सेमी फाइनल
2008 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक
चरण | प्रतिद्वंदी | परिणाम | कुल खेल | अंक |
---|---|---|---|---|
पहला चरण | एल्ला डेहल | जीती | 2–0 | 21–9, 21–8 |
दूसरा चरण | लारिसा ग्रिगा | जीती | 2–0 | 21–18, 21–10 |
तीसरा चरण | वांग चेन | जीती | 2–1 | 21–19, 11–21, 21–11 |
क्वार्टर फाइनल | मारिया क्रिस्टीन युलिआंती | हार गयी | 1–2 | 28–26, 14–21, 15–21 |
2012 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक
चरण | प्रतिद्वंदी | परिणाम | कुल खेल | अंक |
---|---|---|---|---|
समूह (ग्रुप स्टेज) | साँचा:flag/core जैक्वेट ( ओलम्पिक में।) | जीती | 2–0 | 21–9, 21–4 |
समूह (ग्रुप स्टेज) | साँचा:flag/core लियान टैन ( ओलम्पिक में।) | जीती | 2–0 | 21–4, 21–14 |
प्री क्वार्टरफाइनल | साँचा:flag/core याओ जी ( ओलम्पिक में।) | जीती | 2–0 | 21–14, 21–16 |
क्वार्टरफाइनल | साँचा:flag/core टाइन बाउन ( ओलम्पिक में।) | जीती | 2–0 | 21–15, 22–20 |
सेमी फाइनल | साँचा:flag/core वाँग यिहान ( ओलम्पिक में।) | हारी | 0–2 | 13–21, 13–21 |
काँस्य पदक के लिये | साँचा:flag/core वाँग झिन ( ओलम्पिक में।) | जीती | 0–1 | 18–21, 0–1 मैच छोडा। |
अन्य सफलताएँ
प्रतियोगिता | वर्ष | परिणाम |
---|---|---|
साँचा:flagicon चेकोस्लोवाकिया कनिष्ठ प्रतियोगिता | 2003 | साँचा:gold medal |
साँचा:flagicon एशियाई सैटेलाइट बैडमिंटन प्रतियोगिता | 2005 | साँचा:gold medal |
साँचा:flagicon फिलीपीन्स ओपन | 2006 | साँचा:gold medal |
साँचा:flagicon एशियाई सैटेलाइट बैडमिंटन प्रतियोगिता | 2006 | साँचा:gold medal |
साँचा:flagicon भारतीय राष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता | 2007 | साँचा:gold medal |
साँचा:flagicon भारत के राष्ट्रीय खेल | 2007 | साँचा:gold medal |
साँचा:flagicon 2008 चीनी ताइपे ओपन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड | 2008 | साँचा:gold medal |
साँचा:flagicon भारतीय राष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता | 2008 | साँचा:gold medal |
साँचा:flagicon2010 बैडमिंटन एशिया चैम्पियनशिप | 2010 | साँचा:bronze medal |
पुरस्कार
- अर्जुन पुरस्कार (2009)
- राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार (2009–2010)[२१]
- पद्म श्री (2010)[२२]
- २०१२ लदंन ओलम्पिक में काँस्य पदक के लिए -
- १ करोण रूपए हरियाणा सरकार की तरफ से।[२३]
- ५० लाख रूपए राजस्थान सरकार की तरफ से।[२४]
- ५० लाख रूपए आँध्र प्रदेश सरकार की तरफ से।[२५]
- १० लाख रूपए भारतीय बैडमिंटन संघ की तरफ से।[२६]
- मंगलायतन विश्वविद्दालय की तरफ से डॉक्टरेट की मानक उपाधी[२७]
प्रमुख खिलाड़ियों के विरुद्ध प्रदर्शन
तुलनात्मक अध्ययन में विश्व-स्तरीय खिलाड़ी सम्मिलित हैं।
(अंतिम बार १७ मार्च, २०२० को सम्पादित किया गया)
सन्दर्भ
- उद्धृत
- सामान्य
बाहरी कड़ियाँ
- साइना नेहवाल रैंकिंग में नंबर दो परसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- साइना नेहवाल: सात साल में 14 खिताब
- मैं बनूँगी नंबर वन: साइना नेहवालसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- साइना नेहवाल का प्रालेख
- जन्मदिन विशेष : ‘आधी सैलरी’ से पापा ने सायना को पहुंचाया शिखर तक
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- भारत के खिलाड़ी
- 1990 में जन्मे लोग
- जीवित लोग
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- हिसार के लोग
- भारत के ओलम्पिक खेल पदक विजेता
- आंध्र प्रदेश के खिलाड़ी
- हरियाणा के खिलाड़ी
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- 2016 ओलम्पिक में भारत के खिलाड़ी
- पद्मश्री,2010