सग्रादा फैमिलिया
सग्रादा फ़ैमिलिया साँचा:small साँचा:nowrap | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | साँचा:br separated entries |
चर्च या संगठनात्मक स्थिति | Minor basilica (छोटा मगर अति-पवित्र गिरजाघर) |
नेतृत्व | आर्चबिशप लिउईस मारटीनेज़ सिसटाच (Lluís Martínez Sistach) |
निर्माण वर्ष | 7 नवम्बर 2010 |
वर्तमान स्थिति | सक्रिय/ अधूरा निर्माणा |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | साँचा:if empty |
ज़िला | कातालोनिया |
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भौगोलिक निर्देशांक | लुआ त्रुटि: callParserFunction: function "#coordinates" was not found। |
वास्तु विवरण | |
वास्तुकार | अन्तोनी गौदी (Antoni Gaudí) |
शैली | आधूनिक निर्माण कला (Modernisme) |
निर्माता | साँचा:if empty |
ठेकेदार | ला सग्रादा फैमिलिया नीव का निर्माण बोर्ड (Construction Board of La Sagrada Família Foundation) साँचा:citation needed |
शिलान्यास | साँचा:start date and age |
निर्माण पूर्ण | 2026-2028[१] (estimate) |
ध्वंस | साँचा:ifempty |
आयाम विवरण | |
अभिमुख | उत्तर-पूर्व |
क्षमता | 9,000 |
लम्बाई | साँचा:convert[२] |
चौड़ाई | साँचा:convert[२] |
चौड़ाई (नेव) | साँचा:convert[२] |
शिखर | 18 (8 अभी तक बन चुके हैं) |
शिखर ऊँचाई | साँचा:convert (जैसा कि योजना में शामिल किया गया है) |
साँचा:designation/divbox | |
आधिकारिक नाम: अन्तोनी गौदी के काम (Works of Antoni Gaudí) | |
प्रकार | सांस्कृतिक (Cultural) |
मापदण्ड | i, ii, iv |
संसूचित | 1984[३] |
सन्दर्भ संख्या | 320bis |
State Party | स्पेन |
इलाक़ा (Region) | योरोप और उत्तर अमरीका |
साँचा:designation/divbox | |
आधिकारिक नाम: Templo Expiatorio de la Sagrada Familia | |
प्रकार | स्पेन के ऐतिहासिक और यादगार स्मार्क |
24-07-1969 | |
(R.I.)-51-0003813-00000[४] | |
वेबसाइट | |
www |
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सग्रादा फैमिलिया (कातालोन्या उचारण: [səˈɣɾaðə fəˈmiɫiə]; अंग्रेज़ी भाषा: Basilica and Expiatory Church of the Holy Family) एक रोमन कैथोलिक गिरजाघर है। यह गिरजाघर बार्सिलोना स्पेन में स्थित है। इसे अन्तोनी गौदी (Antoni Gaudí) द्वारा (1852–1926) में बनाया गया था। हालंकि यह अभी पूरी तरह से निर्मित नहीं है लेकिन यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत स्थल के रूप में घोषित किया है। नवम्बर 2010 में पोप बेनेडिक्ट सोहवें (Pope Benedict XVI) ने इसे एक छोटे पवित्र गिरजाघर (minor basilica) के रूप में घोषित किया था। [५][६][७]
सग्रादा फैमिलिया का निर्माण कार्य 1882 में शुरू हुआ था। विश्व प्रसिद्ध वास्तुकला विशेषज्ञ अन्तोनी गौदी इसमें 1883 में शामिल हुए थे।[८] गौदी ने इसके निर्माण और योजना शैली को गोथिल और आधूनिल काल के गोलाईदार-लकीरी (curvilinear) आकारों के मिश्रण से एक नया आयाम दिया। उसने अपने जीवनकाल के अंतिम वर्ष इस परियोजना में लगा दिए और 73 की आयु में जब 1926 में उसका देहान्त हुआ था तब पाव से भी कम परियोजना पूरी हुई थी।[९] सग्रादा फैमिलिया का निर्माण धीमी रफ़्तार से आगे बढ़ता गया क्योंकि उसे निजि दान पर निर्भर होना पड़ रहा था और एक बड़ी बाधा स्पेन के गृह युद्ध के रूप में उत्पन्न हुई थी। 1950 के दशक से कभी तेज़ी से तो कभी धीमी गति से कार्य बनता गया। 2010 तक आधा निर्माण हो चुका था। अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि पूरा निर्माण 2026 में समाप्त होगा जो कि गौदी के मृत्यु के पूरे सौ साल बाद का समय है।
इस गिरजाघर के साथ बारसेलोना के लोगों को बाँटने का लम्बा इतिहास है: पहले तो सम्भावना की आशंका पर कि यह गिरजाघर सांता इयुलालिया या बारसेलोना कैथेडरेल से मुक़ाबला करेगा, फिर गौदी के द्वारा प्रस्तुत रूप-रेखा पर[१०], फिर गौदी के देहान्त के पश्चात इस सन्देह पर निर्माण कार्य गौदी-द्वारा प्रस्तुत योजना से हटकर होगा[१०], फिर हाल में रखे उस प्रस्ताव पर चिन्ता जिसके अनुसार स्पेन से फ्रांस तक एक सुरंग में रेल-मार्ग बनाना, जिससे शायद इस पूरे निर्माण के स्थायित्व पर प्रश्न पर लग जा रहा है।[११]
कला-प्रेमी रेनर ज़ेबस्त के अनुसार इस गिरजाघर जैसी कोई इमारत पूरे जगत के इतिहास में शायद नहीं मिलेगी। [१२] इसी प्रकार से पॉल गोल्डबर्गर ने इसे मध्यकाल से लेकर अब तक गोथिक वास्तु कला की ग़ैर-मामूली व्यक्तिगत व्याख्या बताया है। [१३]
इतिहास
परिप्रेक्ष्य
सग्रादा फैमिलिया के बेसिलिका दरअसल एक पुस्तक विक्रेता की प्रेरणा थी। इस पुस्तक विक्रेता का नाम जोसफ मारिया बोकाबेल्ला (Josep Maria Bocabella) था जो कि एसोसिएशन एस्प्रिचुअल दे देवॉतॉस दे सान होज़े (Asociación Espiritual de Devotos de San José) नामक धार्मिक संगठन का संस्थापक रहा है। [१४] वेटिकन शहर की एक यात्रा के बाद 1872 में बोकाबेल्ला एक चर्च के निर्माण के इरादे से इटली से लौटे जिसकी प्रेरना का मुख्य स्रोत लोरेटो थे। [१४] की डिजाइन करने के लिए, सेंट जोसेफ के त्योहार पर, 19 मार्च 1882 शुरू हो गया था दान द्वारा वित्त पोषित चर्च के apse तहखाना, जिसका योजना एक मानक रूप से एक गोथिक पुनरुद्धार चर्च के लिए था,[१५] शुरुआती काम 18 मार्च 1883 को शुरू किया गया। इसके पहले वस्तुकला विशेषज्ञ फ़्रांसिस दे पौला देल विल्लार इ लोज़ानो थे जिनका इरादा गोथिक कला को पुनः स्थापित करना था।[१४] 1883 तक इस शैली में एक महराब बना दी गई और तभी गौदी ने निर्माण की कमान अपने हाथ में ली। [१४] हालांकि 1883 गौदी निर्माण से जुड़ गए, परन्तु केवल 1884 से उन्हें वास्तुकला निर्देशक का पद दिया गया था।
निर्माण
बहुत देर की अवधि तक निर्माण के विषय पर गौदी ने टिप्पणी की है की: "मेरे ग्राहक को कोई जल्दी नहीं है।" [१६] गौदी की जब 1926 में मृत्यु हो गई थी बैसिलिका 15 और 25 प्रतिशत के बीच था पूरा हो चुका था। [९][१७] गौदी की मृत्यु के बाद काम दोमेनेत्स सुगरानेस (Domènec Sugrañes) की दिशा-निर्देश के अनुसार जारी रखा गया। 1936 में युद्धस्पेन की गृह युद्ध से यह निर्माण पर प्रगति धीमी हो गई थी। गिरजाघर के कुछ भाग कातालान अलगाववादियों द्वारा तबाह कर दिए गए थे और साथ निर्माण के दस्तावेज़ों को भी नुक्सान पहुँचा था। वर्तमान डिजाइन एक आग के साथ ही आधुनिक रूपांतरों पर जला दिया गया है कि योजनाओं का खंगाला संस्करण पर आधारित है। 1940 के बाद से वास्तु कला विशेषज्ञ फ्रांसेस्क क्विंटाना (Francesc Quintana), इसीदेर पुइग बोआदा (Isidre Puig BOADA), लिउईस बोनेट इ गैरी (Lluís Bonet i Gari) और फ्रांसेस्क कार्दोनेर (Francesc Cardoner) ने काम को आगे बढ़ाया है। इस परियोजना के वर्तमान निर्देशक जॉर्दी बॉनेट इ आर्मेगोल (Jordi Bonet i Armengol) स्वर्गीय लिउईस बोनेट इ गैरी के सुपुत्र हैं। जॉर्दी ने 1980 के दशक से इस परिसर के डिज़ाइन और निर्माण कार्य में संगणक और प्रोगामन भाषाओं के प्रयोग को जोड़ दिया है। न्यूज़ीलैंड के मार्क बरी (Mark Burry) कार्यकारी वास्तुकार और शोधकर्ता के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं। जे बुस्केट (J. Busquets) और एतसूरो सोतू (Etsuro Sotoo) के बनाए गए मन को लुभाने वाली मूर्तियाँ और विवादास्पद जोसफ सुबिराच्स (Joseph Subirachs) सामने के हिस्से की सजावट का काम करते हैं।
केंद्रीय खड़े निर्माण वॉल्ट को 2000 में पूरा किया गया था और तब से मुख्य कार्य अनुप्रस्थ भाग और महराब वॉल्ट का निर्माण किया गया है। 2006 से काम एक दूसरे के आने वाले और समर्थक ढाँचों पर ध्यान केंद्रित किया गया है ताकि यसू मसीह और दक्षिण स्वागत द्वार स्पष्ट रूप से इमारत के प्रमुख भाग लगेंगे और आने वालो के समक्ष एक भव्य स्वागत का प्रतीक होगा।
निर्माण की वर्तमान स्तिथि
एक अनुमान के अनुसार 2026 के आसपास निर्माण पूरा होने की आशा की जा रही है जो कि इसके प्रमुख वास्तुकार गौदी की मृत्यु के सौ साल पूरे होने का अवसर है, जबकि परियोजना की जानकारी पत्रक के अनुसार 2028 में एक पूरा होने की तारीख़ जताई गई है। इस परियोजना को 1992 के बार्सिलोना ओलंपिक खेल से काफ़ी धन की प्राप्ति हुई और कई पर्यटकों ने इसमें अपना व्यक्तिगत योगदान दिया था।
सीएडी / सीएएम अर्थात कंप्यूटर-एडेड डिजाइन प्रौद्योगिकी को निर्माण में तेज़ी लाने के लिए इस्तेमाल किया गया है जबकि 20 वीं सदी में शुरू उपलब्ध निर्माण तकनीक पर आधारित पहले अनुमान लगाया गया था कि यह कई सौ वर्षों पूरा होने वाला कार्य है। साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed] वर्तमान प्रौद्योगिकी से पत्थर को की अनुमति देता है सीएनसी मिलिंग करे। इसके पूर्व 20 वीं सदी में, पत्थर हाथ से खोदे जाते थे। [१८]
2008 में कुछ प्रसिद्ध कैटलन वास्तुकारों ने निर्माण कार्य पर रोक लगाने की वकालत की थी। [१९] रोक लगाने के पीछे एक मुख्य कारण यह बताया गया कि गौदी के वास्तविक निर्माण योजना का सम्मान किया जाना चाहिए, जो कि हालांकि पूर्णतः विवरण अपने आप में नहीं रखता था और आंशिक रूप से नष्ट हो गया था, परन्तु उसे हाल के समयों में फिर से जोड़कर एक माननीय रूप में संसार के समक्ष पेश किया गया था। [२०]
2010 की एक प्रदर्शनी जो जर्मन वास्तुकला संग्रहालय में आयोजित की गई थी, में एक डॉक्युमेंटरी "गौदी अनसीन, कमप्लीटिंग ला सग्रादा फैमिलिया" (Gaudí Unseen, Completing La Sagrada Família) में वर्तमान सग्रादा फैमिलिया निर्माण के तरीकों और भविष्य की योजनाओं का वर्णन किया गया है। [२०]
ए वी ई सुरंग
2013 के बाद से, ए वी ई उच्च गति की ट्रेनें बार्सिलोना के केंद्र के नीचे से होकर चल रही हैं जो कि सग्रादा फैमिलिया के बहुत ही निकट है।
इस रेल यतायात को सरल बनाने वाली सुरंग का निर्माण 26 मार्च 2010 हुआ जो कि एक विवादस्पद क़सम बताया गया है। स्पेन के लोक निर्माण मंत्रालय ( Ministerio de Fomento ) ने कई प्रमाणों को जनता के समक्ष रखते हुए इस बात का स्पष्ट रूप से दावा किया कि परियोजना से गिरजाघर को कोई खतरा उन्हें दिखाई नहीं देता। [२१][२२] इस दावे विपरीत सग्रादा फैमिलिया के इंजीनियरों और वास्तुकारों ने सुरंग निर्माण से गिरजाघर की स्थिरता पर प्रश्न किया है। उन्होंने आशंका जताई कि भविष्य में कोई नहीं होने की गारंटी नहीं दी जा सकती है। द बोर्ड ऑफ़ द सग्रादा फैमिलिया (The Board of the Sagrada Família) जिसे स्पेनी भाषा में पाततोनात दे ला सग्रादा फैमिलिया (Patronat de la Sagrada Família) कहा जाता है, ने इस रास्ते से ए वी ई परियोजना बनाने का कड़ा विरोध किया और एक अभियान भी चलाया। स्थानीय संस्था ए वी ई पी ई एल लितोरोल" AVE PEL Litoral या जिसे अंग्रेज़ी में ए वी ई बाई कोस्ट (AVE by the Coast) भी कहा जाता है, ने इस विरोध अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लिया था। मगर इन विरोध अभियानों को स्पेन की सरकार ने अन्देखा किया था।
सग्रादा फैमिलिया के निर्माण से जुड़े कुछ चित्र
पवित्रता का घोषित किया जाना
मुख्य निर्माणाधीन ढाँचे को ढाँप दिया गया और एक काम-चलाव अंग 2010 के मध्य में जोड़ दिया गया था ताकि इस परिसर को के लिए इस्तेमाल किया जा सके। [२३] इस चर्च था को पोप बेनेडिक्ट सोलहवें द्वारा 7 नवम्बर 2010 को एक भव्य 6,500 सम्मिलित लोगों के समक्ष इस सग्रादा फैमिलिया गिरजा घर को अति पवित्र घोषित किया गया। [२४] इसके अतिरिक्त 50,000 लोगों के एक विशाल जत्थे ने गिरजाघर के बाहर से पवित्रता घोषण प्रकृया में बढ़-चढ़कर भाग लिया था। इनमें शामिल कई बिशप और पादरियों ने विशेष रूप से हाथ उठाकर अपने प्रभु ईसा मसीह से प्रथनाएँ की थी।[२५]
आग
19 अप्रैल 2011 को एक विघटनकारी व्यक्ति ने छोटी सी आग मुख्य पवित्र भाग में लगाई थी जिससे कई पर्यटकों और निर्माण श्रमिकों को निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा था।[२६] गिरजाघर में पवित्रता का मुख्य प्रतीक नष्ट हो गया और आग को बड़ी ही कठिनाई से पैंतालीस मिनट के अग्नि-रक्षक दल के परिश्रम के पश्चात क़ाबू पा लिया गया था। [२७]
आकार
ला सग्रादा फैमिलिया की शैली विभिन्न बनने रूप से दीर्घकालिक स्पेन की गोथिक वास्तुकला, कातालन आधुनिकता (Catalan Modernism) और आर्ट नोव्यू (Art Nouveau) या कातालान नूसेन्टिस्म (Noucentisme) को प्रदर्शित करता है। हालांकि सग्रादा फैमिलिया आर्ट नोव्यू अवधि के भीतर आता है, निकोलस पेव्स्नर (Nikolaus Pevsner) और ग्लास्गो (Glasgow) के चार्ल्स रेनी मॅकिन्टोश (Charles Rennie Macintosh) बताते हैं कि गौदी ने आर्ट नोव्यू को सामान्य प्रयोग से कहीं दूर ले जाकर एक फ़र्श की सजावट तक सीमित नहीं रखा बल्कि इमारत की वास्तुकला का एक अभिन्न अंग बना दिया। [२८]
योजना
हालांकि सग्रादा फैमिलिया के निर्माण में कभी उसको एक कैथेड्रल-जैसी गिरजाघर या बिशप के कार्यस्थल बनाना लक्ष्य या उद्देश्य में नहीं था, , ला फैमिलिया सग्रादा अपने प्रारंभिक समय से एक कैथेड्रल-जैसी गिरजाघर आकार के परिसर के रूप में योजनाबद्ध थी। ज़मीनी-स्तर पर योजना इस तरह थी जैसे कि स्पेन के दूसरे गिरजाघर जैसे कि बर्गोस कैथेड्रल, लियोन कैथेड्रल और सेविले कैथेड्रल पहले से निर्मित थे। कातालान और कई अन्य यूरोपीय गोथिक कैथेड्रल-जैसी गिरजाघरों के साथ विभिन्न समानताएँ रखते हुए भी सग्रादा फैमिलिया इन सबकी चौड़ाई की तुलना में कम है, जैसे कि खिड़की के निकट का स्थान कम होना, प्राथना के लिए घूमने का स्थल कम होना, सात महराबों का एक साथ होना, टावरों की संख्या में अधिक होना, तीन बैठने के स्थान और तीनों का आकार एक दूसरे से भिन्न होना, विभिन्न स्थालों की सजावट अलग होना, आदि शामिल हैं। जहाँ बड़े गिरजाघरों के लिए अपने आसपास छोटे गिरजाघर और ऐतिहासिक इमारतों का होना एक आम बात है, सग्रादा फैमिलिया का निर्माण हटकर है क्योंकि यह क़रीब-क़रीब की दीवारों और तंग रास्तों से घिरा पड़ा है जो एक बंद चौकोर का आकार लेते हुए तीनों प्रवेश स्थलों एक प्रकार से मठ जैसी इमारतों का प्रतीक बने हुए हैं। इस ख़ासियत से हटकर योजना में विल्लार की शैली से प्रभावित रही है, जिससे स्पष्ट है कि गौदी की निर्माण-योजना पारंपरिक गिरजाघर वास्तुकला से किसी भी प्रकार से हटकर नहीं है।
गिरजाघर के ऊपर के प्रतीक चिन्ह (स्पाएर)
गौदी के मूल आकार अनुसार अठारह स्पाएर होने चाहिए जो ऊंचाई के क्रम में ईसा मसीह के बारह प्रेरित चेलों, मरियम, ईसा मसीह की माँ, चार नई टैस्टमैंट के लेखक और सर्वोच्च स्थान पर स्वयं ईसा मसीह के प्रतीक होंगे। 2010 तक आठ स्पाएरों का निर्माण हो चुका है जो चार नई टैस्टमैंट के लेखकों और चार ईसा मसीह के जन्म प्रकट होने वाले संतों के नाम पर समर्पित हैं।
परियोजना की आधिकारिक वेबसाइट के 2005 'निर्माण' रिपोर्ट' के अनुसार, गौदी द्वारा हस्ताक्षर किए गए चित्र से पता चलता है कि मरयम को समर्पित स्पाएर गौदी के अनुसार नई टैस्टमैंट के लेखकों से छोटा होना चाहिए था। यह चित्र हाल ही में नगर अभिलेखागार में पाए गए हैं। स्पाएरों की ऊँचाई मौजूदा नींव के साथ गौदी के इरादों के अनुकूल बनाई जाएगी। इसका आश्वासन 'निर्माण' रिपोर्ट' में दिया गया था।
नई टैस्टमैंट के लेखकों के स्पाएर उनके परंपरागत प्रतीकों की मूर्तियां द्वारा क़द में बढ़ाया जाएगा जैसे एक बैल सेंट ल्यूक का प्रतीक है, एक पंखों वाला आदमी मैथ्यू का प्रतीक है, एक बाज़ जॉन का प्रतीक है, और एक शेर मार्क का प्रतीक है। यसू मसीह के केंद्रीय स्पाएर को एक विशाल क्रॉस द्वारा ऊँचा किया जाएगा; इन सबके कारण स्पाएर की कुल ऊँचाई 170 की तुलना में एक मीटर कम हो जाएगा। यह बार्सिलोना की मॉन्ट्युइक (Montjuïc) पहाड़ी से क़द में कम है क्योंकि गौदी नहीं चाहते}} थे कि उनकी बनाई इमारत भगवान की ऊँचाई से मुक़ाबला करे।
इन स्पाएरों के पूरा होने के पश्चात सग्रादा फैमिलिया दुनिया में सबसे बड़ा गिरजाघर बन जाएगा।
ईसा मसीह के जन्म का प्रतीक स्थाल
1894 और 1930 के बीच निर्मित, ईसा मसीह के जन्म का प्रतीक स्थाल (Nativity façade) इस गिरजाघर में पूरा होने होने वाला पहला प्रतीक स्थाल था। यह ईसा मसीह के जन्म को समर्पित है। यहाँ उनके जीवन के विभिन्न तत्वों की याद ताज़ा करने के लिए दृश्यों के साथ सजाया है। गौदी की प्राकृतिक शैली की विशेषता यह है कि मूर्तियाँ प्रत्येक रूप से अपने स्वयं के तरीके में एक प्रतीक के साथ सजाए गए हैं। उदाहरण के लिए, तीन छत दो बड़े स्तंभों से अलग हो रहे हैं, और प्रत्येक के आधार पर एक छोटा कछुआ या एक बड़ा कछुआ है (एक भूमि और अन्य समुद्र का प्रतिनिधित्व करते हैं प्रत्येक पत्थर और अपरिवर्तनीय बातों के रूप में कुछ समय के प्रतीक हैं)। कछुए और उनके प्रतीकों के विपरीत, दो गिरगिट प्रतीक भी पाए जाते हैं जो परिवर्तन के प्रतीक हैं।
यह प्रतीक स्थल उत्तर-पूर्व की ओर उगते सूरज की रौशनी झेलता है, जो कि मसीह के जन्म का चिन्ह समझा जाता है। यह तीन् धार्मिक पुण्य (आशा, विश्वास और दान) का प्रतिनिधित्व करता है, जिनमें से प्रत्येक ऍक छत के माध्यम से विभाजित होता है। जीवन का पेड़ (The Tree of Life) दान का प्रतिनिधित्व करने वाले ईसा मसीह के दरवाज़े के ऊपर से आगे की ओर बढ़ जाता है। चार टावर इस प्रतीक स्थल को पूरा करते हैं और इनमें से हर एक विभिन्न रूप से संत मथायस (Matthias the Apostle), सेंट बरनबास (Saint Barnabas), जुड (Jude the Apostle) और शमौन कनानी (Simon the Zealot) के नामों पर समर्पित किए गए हैं।
मूल रूप से गौदी ने इरादा किया था कि यह प्रतीक स्थल बहुरंगी हो और हर महराब को रंगों की एक विस्तृत सरणी के साथ चित्रित किया जाए। उसने हर मूर्ति और रंग देना चाहता था। इसी कारण से इंसानों के प्रतिमाएँ और भी कहीं ज्यादा जीवित लगती हैं जैसे कि पौधे और पशुओं की प्रतिमाओं में महसूस किया जाता है। [२९]
गौदी ने पूरे गिरजाघर की संरचना और सजावट का प्रतिनिधित्व करने के लिए इस प्रतीक स्थल को चुना है। वह इस बात से भली-भांति परिचित थे कि वह गिरजाघर को अपने जीवनकाल में कभी पूरा नहीं कर पाएँगे। परन्तु दूसरों को अपने कार्य में अपनाने के लिए एक कलात्मक और वास्तुकला उदाहरण स्थापित करने की आवश्यकता महसूस कर चुके थे। उन्हें विश्वास था कि यदि वे ईसा मसीह के जन्म स्थल से पूर्व स्नेह के प्रतीक का निर्माण शुरू करते हैं तो वह सख़्त और निरस लगेगा (जैसे कि हड्डियों का बना हो) और लोग इसे देखते ही मूँह मोड़ लेंगे। [३०] इसके साथ ही कुछ मूर्तियाँ 1936 में नष्ट हो गई थीं। साँचा:clarify और उन फिर से निर्माण मूर्तिकार सोतू के साथों हुआ था। साँचा:citation needed
स्नेह का प्रतीक स्थल
अत्याधिक सजाए गए ईसा मसीह के जन्म स्थल के विपरीत स्नेह का प्रतीक स्थल पर्याप्त रूप से पत्थर के साथ, तपस्या में सादा और सरल है, यहाँ पर एक कंकाल की हड्डियों सदृश करने के लिए कठोर सीधे लाइनों के साथ खुदी हुई है। यह स्थल उन यातनाओं को समर्पित है जिन्हें ईसा मसीह ने उनके सूली पर चढ़ाए जाने के दौरान ईसा मसीह ने दुःख के रूप में झेले थे। यह प्रतीक स्थल आदमी के पापों को चित्रित करने के इरादे से भी बनाया गया था। इसका निर्माण 1954 में शुरू हुआ था जो गौदी द्वारा उतारे गए चित्रों पर आधारित था। इन टावरों को 1976 में पूरा किया गया था। 1987 में जोज़ेफ़ मारिया सुबिराच्स (Josep Maria Subirachs) के नेतृत्व में विभिन्न दृश्य बनाने शुरू किए।
बड़ाई का प्रतीक स्थल
प्रतीक स्थलों में बड़ा और सबसे चौंका देने वाला निर्माण यह बड़ाई का प्रतीक स्थल हो सकता है जिसका निर्माण 2002 में शुरू हुआ था। यह स्थल ईसा मसीह की आसमानी बड़ाई पर समर्पित है और यह ईश्वर तक के मार्ग को दिखाता है: मौत, अंतिम निर्णय, और बड़ाई। जबकि बाईं ओर नर्क उन लोगों के लिए है जो भगवान के मार्ग से दूर हट जाएँ। यह जानते हुए कि निर्माण की समाप्ति वह जीवित नहीं रहेगा, गौदी ने एक नमूना तय्यार किया था जिसे 1936 में ध्वस्त कर दिया गया था। इसी प्राप्त कुछ मूल अंश इस प्रतीक स्थल परियोजना के विकास में काम आए थे। इस प्रतीक स्थल के निर्माण के लिए गिरजाघर के एक भाग को पूरी तरह से तोड़ना पड़ सकता है। इस प्रतीक स्थल में मौत और ईश्वर को जवाब देना भी दिखाए जाएँगे।
गिरजाघर के अन्दर का भाग
गिरजाघर के अन्दर के भाग के कॉलम एक अद्वितीय गौदी आकार दिखाते हैं। उनके भार का समर्थन करने के लिए शाखाओं के अलावा, उनकी कभी बदलती सतहों और विभिन्न ज्यामितीय रूपों के चौराहे के परिणाम हैं। स्तंभ एक दायरे जैसा है जो अंततः बढ़ जाता है और सोलह-तरफ़ा रूप रखता है। इसके सबसे सरल उदाहरण एक अष्टकोण में विकसित एक वर्ग आधार का है। इस आशय (उदाहरण के लिए एक वर्ग पार अनुभाग स्तंभ घुमा दक्षिणावर्त और एक समान एक घुमा वामावर्त) घुमावदार स्तंभों की एक तीन आयामी चौराहे का परिणाम है।
अन्दर का कोई भी फ़र्श एक स्तर पर नहीं है। सजावट हर दिशा में फैल चुकी है जिसमें कई आकार मिलकर लुभावने गोलाईदार लकीरों और बिखरे नुक्तों में बटते हैं। यहाँ तक विस्तृत काम जैसे कि बालकनी और सीडियों के रास्ते के लोहे के जंगले गोलाईदार रूप लेते हैं।
सन्दर्भ
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- ↑ [s.n.] (19 April 2011). Fire by suspected arsonist at Sagrada Familia स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।. The Telegraph. Accessed September 2013.
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का गलत प्रयोग;Pevsner
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- ↑ साँचा:cite book
बाहरी कड़ियाँ
- साँचा:sister-inline
- Official website of the Construction Board of La Sagrada Família Foundation
- दंकश्वर का एक ब्लॉग
- पी डी एफ़ गेनी की एक कड़ीसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
इन्हें भी देखें
- साँचा:cite book
- साँचा:cite book
- साँचा:cite book
- साँचा:cite book
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