संदीप नाथ
संदीप नाथ | |
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१२ जनवरी २०१४ को डेल्ही पोएट्री फेस्टिवल (सीजन-२) में संदीप नाथ, नई दिल्ली | |
जन्म | इलाहबाद, उत्तर प्रदेश, भारत |
व्यवसाय | गीतकार, कवि, लेखक |
संदीप नाथ बॉलीवुड फ़िल्मों में कार्यरत एक भारतीय गीतकार और लेखक व कवि हैं।
परिचय
उत्तर प्रदेश के एक बंगाली परिवार में जन्में और कम उम्र में करियर शुरु करने वाले बॉलीवुड के जाने माने फिल्म गीतकार और लेखक संदीप नाथ ने बॉलीवुड की कई हिट फिल्मों को अपने खूबसूरत गीतो से सजाया है। राम गोपाल वर्मा की २००३ में आई हिट फिल्म भूत से अपने करियर की सफल शुरुआत करने के बाद संदीप नाथ ने पेज थ्री (2005 फ़िल्म), सरकार, कॉरपोरेट, सांवरिया, सरकार राज, फैशन, जेल, पान सिंह तोमर, साहेब बीवी और गैंग्सटर, बुलेट राजा, आशिकी 2 और की सिंघम रिटर्न जैसी कई हिट फिल्मों के लिए गीत लिखे हैं।[१]
कैरियर
मुंबई में आने के बाद सबसे पहले उन्होंने ऐडवरटाइसमेंट के लिए जिंगल, कॉपीराइटिंग के जरिये अपने करियर शुरुआत की। सुनिधी चौहान द्वारा गाया गया देना बैंक का जिंगल संदीप नाथ ही लिखा था। २००२ में सबसे पहले भूत फिल्म और पैसा वसूल साइन की थी। २००३ में रिलीज हुई भूत इनकी पहली फिल्म हैं। भूत और पैसा वसूल के बाद एक हसीना थी (2003 फ़िल्म) और रक्त जैसी फिल्मों में गाने लिखे। उसके बाद आयी मधुर भंडारकर की फिल्म पेज 3, जिसमें संदीप ने पांच गीत लिखे। उनमें से तीन गीत बहुत हिट हुए। वो गीत थे- लता जी का गाया हुआ गीत, "कितने अजीब रिश्ते हैं यहां पे...", आशा जी द्वारा गाया हुआ हुजूर हुलूरे आला... और सपना अवस्थी द्वारा गाया गया कुवां मां डूब जाउंगी.... बहुत हिट हुए। इस फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला और इनके पैर फिल्म इंडस्ट्री में मजबूती से जम गये। इसके बाद आयी संजय लीला भंसाली की फिल्म सांवरिया में मैंने एक गीत- जिसमें'यूं शबनमी पहले नहीं थी चांदनी' लिखा, जिसके लिए इन्हें सर्वश्रेष्ठ गीतकार का स्टारडस्ट अवॉर्ड भी मिला। इसके बाद फिल्मों का सिलसिला शुरू हो गया- सरकार, सरकार राज, कॉर्पोरेट, फैशन और जेल से लेकर साहब बीवी गैंग्स्टर और पान सिंह तोमर तक ५० से अधिक फिल्मों में गीत लिखा। "फैशन का है यह जलवा...", " ओ सिकंदर... ", "लम्हा-लम्हा जिंदगी...", "रात मुझे कहकर चिढ़ाये..." जैसे गीत भी बहुत प्रसिद्ध हुए। वें डोंट वरी जस्ट बी हैप्पी, जिसमें मैं डायलॉग लिख लिख रहें हैं। इसके अलावा बुलेट राजा, साहेब बीवी और गैंग्स्टर रिटर्न्स और भट्ट कैंप की आशिकी 2 में लिखे गए इनके गीत बहुत हित हुए।[२][३][४][५][६][७][८]
प्रकाशित पुस्तके
- मुझे कुछ भी नाम दो (काव्य संग्रह)
- दर्पण अब भी अंधा हैं (गज़ल संग्रह)