शिवकाशी
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| शिवकाशी | |
| — नगर — | |
| समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
| देश | साँचा:flag |
| राज्य | तमिलनाडु |
| ज़िला | विरुधुनगर
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| जनसंख्या | ७२,१७० (साँचा:as of) |
| क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) |
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- फिल्म के लिए, देखें शिवकाशी (फिल्म)
शिवकाशी (तमिल: சிவகாசி) भारत के राज्य तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले में स्थित एक सक्रिय शहर और नगरपालिका है। यह भारत के पटाखा उद्योग की राजधानी है जहाँ लगभग 8,000 बड़े और छोटे कारखाने हैं जिनमें कुल मिलाकर 90 प्रतिशत पटाखों का उत्पादन होता है।
आंतरिक स्टुडियो एवं कलाकारों के साथ शिवकाशी के विशाल प्रिंटिंग प्रेस लाखों भारतीयों के लिए तेजी से बदलती हुई रंगीन व भड़कीले पोस्टरों तथा कैलेंडरों की श्रेणी का उत्पादन करते हैं। यह शहर अपने पटाखों के कारखानों के लिए पूरे भारत में मशहूर है। इस औद्योगिक शहर में लगभग 400 उत्पादक मौजूद हैं।
यह शहर अपने शक्तिशाली छपाई उद्योग और माचिस-निर्माण उद्योगों के लिए भी जाना जाता है। जवाहरलाल नेहरू ने इसे "कुट्टी जापान" (अंग्रेजी में मिनी जापान) का नाम दिया था। इसके आसपास के शहर हैं श्रीविल्लीपुत्तूर, सत्तूर और थिरुथंगल।
जनसांख्यिकी
As of 2001[update] भारत की जनगणना[१] के अनुसार शिवकाशी की आबादी 72,170 है। यहाँ पुरुषों की आबादी 50% और महिलाओं की आबादी 50% है। शिवकाशी की औसत साक्षरता दर 77% है जो कि राष्ट्रीय औसत दर 59.5% से कहीं अधिक है: पुरुष साक्षरता 82% है और महिला साक्षरता 69% है। शिवकाशी की कुल आबादी का 11% प्रतिशत 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का है।
इतिहास
शिवकाशी --- "शिवलिंग काशी से लाया गया"
शिवकाशी का इतिहास 600 वर्षों से अधिक का है। 1428 और 1460 ई. के बीच मदुरै के तत्कालीन महाराज, राजा हरीकेसरी परक्कीरामा पांडियन ने मदुरै के दक्षिणी क्षेत्र पर शासन किया था। इतिहास के अनुसार वे तेनकाशी (दक्षिण काशी) में भगवान शिव के एक मंदिर का निर्माण करना चाहते थे। इसलिए वे काशी वाराणसी गए और भगवान शिव की पूजा की और वहाँ से एक शिवलिंग लेकर आये. वरदान में मिले शिवलिंग के साथ अपने महल में लौटते समय उन्होंने भगवान शिव की पसंद, विलवा पेड़ों की एक झुरमुट के नीचे आराम किया। शिवलिंग को लेकर आने वाली गाय ने उन स्थान से आगे बढ़ने से मना कर दिया जिससे शिवलिंग को तेनकाशी ले जाना संभव नहीं हो सका. राजा ने महसूस किया कि भगवान शिव की इच्छा उनकी इच्छा से अलग थी और उन्होंने शिवलिंग को उसी स्थान पर स्थापित कर दिया जहाँ गाय रुक गयी थी। वह स्थान जो "काशी से लाये गए शिवलिंग" द्वारा पवित्र हो गया था इस घटना के बाद से शिवकाशी कहा जाने लगा. इसके बाद राजा ने तेनकाशी में भगवान शिव के लिए एक अन्य मंदिर का निर्माण किया।
"काशी विश्वनाथ स्वामी" मंदिर
बाद में राजा पांडिया और राजा थिरुमलाई नाइकर ने इस मंदिर के विस्तार में योगदान दिया और इसका नाम "काशी विश्वनाथ स्वामी" मंदिर रखा. इसके निर्माण की अवधि 15वीं और 16वीं शताब्दियों के बीच की थी। अनायाप्पा ज्ञानी ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया. नाइकरों के शासन के अंतर्गत मंदिर को और भी अधिक विकसित किया गया। मुथू वीरप्पा नायकर ने 1659 में रथम (समारोहों के दौरान धूम-धाम से सवारी निकालने के लिए मंदिर का रथ) का निर्माण किया था।
पथिरा काली अम्मन - एक 'कावल दैवम' (गांव की रक्षा करनेवाला देवता)
यही वह जगह है जहाँ पथिरा काली अम्मन - एक 'कावल दैवम' (गांव की रक्षा करनेवाली देवी) के लिए तमिलनाडु में अब तक के सबसे ऊँचे टावर का निर्माण किया गया है। इस मंदिर की देखभाल शिवकाशी नाडर देवस्थानम समिति द्वारा की जा रही है। इस मंदिर के "कुंभाभिषेकम" का आयोजन 11 जून 1987 को किया गया था। 7 जुलाई 1995 को "राजा गोपुरम" के लिए "कुंभाभिषेकम" (मुख्य टॉवर) आयोजित किया गया था। राजा गोपुरम की 7 चरणों में लंबाई साँचा:convert, चौड़ाई साँचा:convert और ऊँचाई साँचा:convert है। इसकी नींव साँचा:convert के लिए, 100 मूर्तियों के साथ 6 वर्षों में पत्थरों से तैयार की गयी थी। 7 चरणों के साँचा:convert का निर्माण 1½ वर्ष की अवधि के अंदर 30 वास्तुकारों द्वारा किया गया था। 'पौर्णमी पूजा' पूर्णिमा के दिन धूम-धाम से की जाती है। लोग बड़ी संख्या में देवी की पूजा करने आते हैं। इस मंदिर में एक बहुत ही सुंदर बगीचा है और यह काफी हद तक दर्शकों को प्रभावित करता है।
पंगुनी पोंगल और चिथिराई पोंगल
हर साल पंगुनी पोंगल और चिथिराई पोंगल त्यौहार अप्रैल और मई के महीनों में क्रमशः देवी "मरियम्मा" और "भद्रकालीअम्मा" के लिए मनाया जाता है। दोनों त्यौहार संबंधित मंदिरों में ध्वज उत्थापन के दिन से दस दिनों तक चलते रहते हैं।
चिथिराई पोंगल में 5वें और 6ठे दिन के समारोह इसके "कला निर्देशन" के कारण बहुत प्रसिद्ध हैं जो आम तौर पर शहर में शिव मंदिर के सामने मंदिर की आतंरिक सज्जा का एक प्रतिरूप होता है। उस समय स्थानीय "उराविन मुराई समूह" द्वारा प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाता है। 8वें दिन का त्योहार "कायिरू कुथू" का है (इस दिन कूल्हों के आसपास सुई से छेदकर धागे फंसाए जाते हैं). उस दिन शहर के लोग अपने चहरे और शरीर को काले और सफ़ेद धब्बों से पेंट का लेते हैं और सम्बंधित मंदिरों में जाते हैं। 9वें दिन का त्यौहार थेरोत्तम (कार समारोह) होता है। शहर में सब लोग एक साथ इकट्ठा होते हैं और दो रथों को सभी चार रथ वीधियों (सडकों) से होकर खींचते हैं। और अंतिम दिन के त्यौहार के लिए "करुपत्ती मुटाई" और वेल्लाई मुटाई" जैसी मिठाइयाँ सूखे खजूर के पत्तों से बने डिब्बों में उपलब्ध होती हैं।
भूगोल
शिवकाशी लुआ त्रुटि: callParserFunction: function "#coordinates" was not found।[२] में स्थित है। इसकी औसत ऊंचाई 101 मीटर (331 फीट) है। शिवकाशी में सालों भर सूखा और कुछ गर्म मौसम रहता है। मानसून के दौरान शहर में थोड़ी वर्षा होती है।
उद्योग
शिवकाशी के उद्योगों ने 1960 के दशक में भारत के आर्थिक संघर्ष से उबर कर अच्छी प्रगति की. सरकारी सहायता के बगैर स्थानीय लोगों ने माचिस, पटाखे और छपाई उद्योगों का निर्माण किया जो आज भारत के कुल माचिस उत्पादन का 80%, भारत के कुल पटाखा उत्पादन का 90% और भारत के कुल ऑफसेट प्रिंटिंग सॉल्युशन का 60% का योगदान करता है। यह सबसे अधिक बिक्री/उत्पाद शुल्क/सीमा शुल्क का भुगतान करने वाले शहरों में से एक है और इसने 100% रोजगार का लक्ष्य हासिल किया है। 80 के दशक के दौरान एक समय बाल श्रम बहुत अधिक होता था, लेकिन अब इसे पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।
शिवकाशी को "तीन उद्योगों का एक शहर" कहा जा सकता है, जिनके नाम हैं
- छपाई/ऑफसेट प्रिंटिंग प्रेस
- पाइरोटेक्निक्स (फायरवर्क्स) और पटाखे
- सेफ्टी माचिस और रंगीन माचिस
शिवकाशी शहर में बड़ी संख्या में ऑफसेट छपाई की मशीने मौजूद हैं - जो जर्मनी के गुटेनबर्ग शहर के बाद दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। श्री के.एस.ए. अरुनागिरी नाडर प्रिंटिंग को इस शहर में लाने के लिए जिम्मेदार थे और इसलिए शिवकाशी में उन्हें "प्रिंटिंग के संस्थापक" के रूप में जाना जाता है। डायरियों, कैलेंडरों आदि का प्रिंटर कोरोनेशन लिथो वर्क्स शहर का सबसे पहला प्रिंटिंग प्रेस है जो शहर का प्रसिद्ध प्रिंटर है।
अय्या नाडर और उनके भाई षण्मुगा नाडर ने माचिस उद्योग और कई कॉलेजों की स्थापना की थी। नाइटएंगल स्टेशनरीज और तिलक राज टेक्सटाइल के डिजाइनर और निर्माता - श्रीनिवास फाइन आर्ट्स उल्लेखनीय महत्व के हैं जिनकी स्थापना 1969 में हुई थी और जो एक प्रमुख प्रतिष्ठित टेक्सटाइल शोरूम है।
प्रिंटिंग और पटाखों के अलावा शिवकाशी के निकट थिरुथंगल में एक छोटे स्तर पर ग्रेनाइट (पीला) का उत्खनन किया जाता है। यहाँ खदान मालिकों के खिलाफ निवासियों द्वारा कई बार विरोध प्रदर्शन किये गए हैं क्योंकि पत्थरों के कण आवासीय क्षेत्रों के आसपास काफी नजदीक तक फ़ैल जाते हैं।
संस्कृति
इस शहर की आबादी मुख्यतः हिंदू है, हालांकि कई मुस्लिम स्कूल और कुछ चर्च भी यहाँ मौजूद हैं। मरियम्मा और पत्रकालीअम्मा मंदिरों के लिए वार्षिक थिरुविझा (अप्रैल और मई के दौरान) त्यौहार लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। एसएचएनवी (SHNV) स्कूल में नादर उराविनमुराई समिति द्वारा वार्षिक प्रदर्शनी आयोजित की जाती है जो यहाँ के सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ को उत्साह पूर्वक आकर्षित करती है। शिवकाशी का एक सक्रिय लायंस क्लब, रोटरी क्लब और उद्यमी महिलाओं के लिए इनर व्हील क्लब है।
पथिराकालियम्मा मंदिर परिसर के अंदर कायम 'पारंपरिक नंदावनम' बहुत ही पारंपरिक है और इसने अपनी पुरानी परंपरा को आज भी वैसे ही बनाए रखा है। बड़ी संख्या में मोर और मोरनियाँ किसी तरह की परिश्रमी भागीदारी के बगैर बागीचे में बेख़ौफ़ घूमती रहती हैं जो आपकी टाइम मशीन को पुराने दिनों में वापस ले जाएंगी.
रात के खाने के दौरान स्थानीय लोग ज्यादातर अपने घरों में चावल, दूध और खस्ता "पकोड़ा" के साथ साधारण भोजन करते हैं। करूपट्टी (ताड़ के पेड़ से बनी मीठी कैंडी) मिटाई और वेल्लाई मिटाई (कलगांडू मीठी कैंडी से बना) भी शिवकाशी में एक पसंदीदा नाश्ता है। "कारा सेव" एक और मसालेदार और खस्ता नमकीन नाश्ता है जो ज्यादातर शिवकाशी से 15 किमी दूर, सत्तूर में बना होता है।
शिवकाशी के व्यंजन
शिवकाशी का एक उल्लेखनीय पकवान है परोटा, जिसे एक विशेष ग्रेवी के साथ परोसा जाता है। शिवकाशी अपने पकोड़ों के लिए प्रसिद्ध है। पकोड़ा के साथ आम तौर पर खीर (पाल साधम) दिया जाता है और इसे शादियों में भी परोसा जाता है। त्यौहारों के मौसम में, शहर की मिठाइयों की दुकानों में करूपट्टी मिठाई (चावल के आटे और ताड़ के शक्कर से बनी) और वेल्लाई मिठाई (चावल के आटे और चीनी से बनी) जैसी मिठाइयां बेची जाती हैं।
इडली के साथ कोथुकरी (कीमा और मसालों से बना कुर्मा) नाश्ते की एक लोकप्रिय सामग्री है। बोली, जो मैदा, गुड़ और बंगाली चने से बना एक तरह का मीठा पैनकेक है, इसे सड़क के किनारे की दुकानों में बेचा जाता है।
कर्थिगाई त्यौहार में शिवकाशी के लोग मूंगफली और गुड़ के लड्डू बनाते हैं।
परिवहन
शिवकाशी में शहर बस सेवा चलती है जो शहर के अंदर, उपनगरों और शिवकाशी के 20 किमी के दायरे में स्थित स्थानों के अंदर संपर्क सेवा प्रदान करती है। यहाँ निजी मिनी-बस सेवाएं भी संचालित की जाती हैं जो शिवकाशी शहर के अंदर और इसके आसपास लगभग हर सड़क को जोड़ती है।
सड़क मार्ग
सरकारी परिवहन सेवा वातानुकूलित एसी बसें चलाती हैं और निजी यात्री सेवाओं द्वारा सेमी-स्लीपर बसें जैसे कि मुथुकुमारी, प्रवीण, एपीएस (APS), विवेगाम, अमरनाथ प्रतिदिन चेन्नई तक के लिए संचालित की जाती हैं। यह शहर कोयंबटूर, मदुरै, तूतीकोरिन और बंगलोर जैसे प्रमुख नगरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। सभी प्रमुख नगरों के लिए दैनिक आधार पर निजी बस सेवाएं भी संचालित की जाती हैं। वेलमुरुगन और मुरुगन इल्लम बस
ट्रेन द्वारा
पोढ़िगाई एक्सप्रेस (2662) जो सेनगोत्ताई से चेन्नई एग्मोर तक चलती है यह प्रतिदिन 20.53 बजे सिवाकासी (एसवीकेएस) (SVKS) स्टेशन पर रुकती है और यह 07.05 बजे चेन्नई पहुँचती है। यही ट्रेन (2661) प्रतिदिन 20.50 बजे चेन्नई से चलती है और हर दिन 06.24 बजे शिवकाशी स्टेशन पर रुकती है। इस मार्ग में भारी मांग के कारण दक्षिणी रेलवे ने एक विशेष ट्रेन (0609 और 0610) सेनगोत्ताई एक्सप्रेस की घोषणा की है जो क्रमशः हर शनिवार और रविवार को चलती है।
इसके अलावा 08.53 बजे, 14.02 बजे और 18.00 बजे विरुधुनगर और थिरुमंगलम से होकर मदुरै तक के मार्ग में एक यात्री ट्रेन भी चलती है जो प्रतिदिन 07.00 बजे, 11.25 बजे और 17.30 बजे तेनकाशी, श्रीविल्लीपुथुर, राजापलायम, शंकरणकोली से होकर सेनगोत्ताई तक संपर्क जोड़ती है।
हवाई मार्ग
निकटतम हवाई अड्डा मदुरै और तूतीकोरिन में है। कोई भी आसानी से मदुरै तक के लिए बस ले सकता है और वहाँ से राज्य के अलग-अलग हिस्सों के लिए संपर्क स्थापित कर सकता है।
शिक्षा
शिवकाशी में माध्यमिक शिक्षा के साथ-साथ पेशेवर पढ़ाई के लिए भी बहुत अच्छे शैक्षणिक संस्थान मौजूद हैं। यह कई स्कूल कॉलेज भी हैं जिनमें से ज्यादातर निजी स्वामित्व वाले हैं और उनके द्वारा संचालित किये जाते हैं साथ ही यहाँ कुछ सरकारी सहायता प्राप्त संस्थान भी चलाए जा रहे हैं। शिवकाशी में स्थित प्रत्येक संस्थान छात्रों के अनुशासन और अखंडता के लिए काफी प्रगतिशील है।
महत्वाकांक्षी लोगों ने पढाई को काफी महत्त्व दिया है और इसीलिये उन्होंने शिवकाशी में और इसके आसपास कई स्कूलों और कॉलेजों का शुभारंभ किया है - यहाँ सभी समुदाय के लोग किसी भी पक्षपात के बिना शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
- इंजीनियरिंग कॉलेजसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- पी.एस.आर. (P.S.R.) रंगास्वामी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग फॉर वुमेन
- मेप्को श्लेंक इंजीनियरिंग कॉलेज
- श्री विद्या कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
कला और विज्ञान के कॉलेज
- अय्या नाडर जानकी अम्मल कॉलेज
- स्टैण्डर्ड फायरवर्क्स राजरत्नम कॉलेज फॉर वुमेन
- श्री कालिश्वरी कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस
- शंकरलिंगम भुवनेश्वरी फार्मेसी कॉलेज
पॉलिटेक्निक और आईटीआई
- अरासन गणेशन पॉलिटेक्निक
- पी.एस.आर. (P.S.R.) पॉलिटेक्निक कॉलेजसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- अय्या नाडर जानकी अम्मल पॉलिटेक्निक कॉलेज
- शिवकाशी इंस्टिट्यूट ऑफ प्रिंटिंग टेक्नोलोजी
- रामलक्ष्मी इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट
- पद्मनाभ इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट
- पबानास इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट
बी.एड. और टीचर ट्रेनिंग कॉलेज
- पी.एस.आर. (P.S.R.) कॉलेज ऑफ एडुकेशनसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- श्री. आर. पुन्नुस्वामी नायडू कॉलेज ऑफ एडुकेशन (वुमेन)
- [१]साँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
स्कूल
- वेलनकन्नी माथा हाइयर सेकंडरी स्कूल, शिवकाशी
- कम्मावर मैट्रिकुलेशन हाइयर सेकंडरी स्कूल
- अन्नामलाई नाडर उन्नामलाई अम्मल हाइयर सेकंडरी स्कूल
- शिवकाशी हिंदु नाडर विक्टोरिया हाइयर सेकंडरी स्कूल
- शिवकाशी हिंदु नाडर विक्टोरिया मैट्रिकुलेशन हाइयर सेकंडरी स्कूल
- येन्नार्की रविंद्रन थिलगावथी विद्याशाला (वायआरटीवी) (YRTV)
- लायंस मैट्रिकुलेशन हाइयर सेकंडरी स्कूल
- वीएसके (VSK) दुरईस्वामी नाडर मैट्रिकुलेशन हाइयर सेकंडरी स्कूल
- श्री मेथा जैन पब्लिक स्कूल
- जेसीज मैट्रिकुलेशन हाइयर सेकंडरी स्कूल
- कामराजार मैट्रिकुलेशन हाइयर सेकंडरी स्कूल
- श्री विनयागार मैट्रिकुलेशन हाइयर सेकंडरी स्कूल
- शिवकाशी मुस्लिम हाइयर सेकंडरी स्कूल
- शिवकाशी मुस्लिम एलिमेंट्री स्कूल
- सीएमएस (CMS) गर्ल्स हाई स्कूल, सचियापुरम
- सीएसआई (C.S.I.) स्कूल फॉर मेंटली रिटार्टेड, सचियापुरम
- म्युनिसिपल हाई स्कूल
- श्रुति विद्योध्याय
- रागलैंड मैट्रिकुलेशन हाइयर सेकंडरी स्कूल
- सेवंथ डे एड्वेंटिस्ट मैट्रिकुलेशन स्कूल
- कोरोनेशन गर्ल्स हाइयर सेकंडरी स्कूल
- शिवकाशी हिंदु नाडर गर्ल्स हाइयर सेकंडरी स्कूल
- ए.वी.एम. (A.V.M.) मारिमुथु नाडर हाइयर सेकंडरी स्कूल, विलमपट्टी
- अम्मन कोविल पट्टी गवर्नमेंट हाई स्कूल
- एन.पी.एस.एस. (N.P.S.S.) राथिना नाडर कनगम्मल रोटरी मैट्रिक हाइयर सेकंडरी स्कूल
थिरुथंगल के स्कूल
- वाय.आर.टी.वी. (Y.R.T.V.) मैट्रिक हाइयरसेकंडरी स्कूल
- कलाइमगल हाइयरसेकंडरी स्कूल
- एस.एन.जी. (S.N.G.) गर्ल्स हाइयर सेकंडरी स्कूल
- के.एम.के.ए. (K.M.K.A.) मैट्रिक हाइयर सेकंडरी स्कूल
- ग्लोरी हाइयरसेकंडरी स्कूल
- थिरुथंगल लायंस हाइयर सेकंडरी स्कूल
- मुथुमारी मैट्रिक हाइयर सेकंडरी स्कूल
- एस.आर. (S.R.) गवर्नमेंट हाइयरसेकंडरी स्कूल
- सुंदरावेल मैट्रिक हाइयर सेकंडरी स्कूल
शिवकाशी के पवित्र स्थल
- श्री अनंदा उधंदा मदास्वामी कोविल
- स्वामी काशी विश्वनाथ थिरु कोविल (शिवन कोविल)
- मुरुगन कोविल
- पथिरा काली अम्मन थिरु कोविल
- मारी अम्मन थिरु कोविल
- सक्कम्मल थिरु कोविल
- कडाई कोविल
- कामाची अम्मन कोविल
- कचाकारा अम्मन कोविल
- पेरूमल कोविल
- अय्यप्प स्वामी थिरु कोविल
- कर्रुपा स्वामी कोविल
- उमामहेश्वरी अम्मन थिरु कोविल
- सीएसआई (CSI) रागलैंड मेमोरियल चर्च
- रोमन्स कैथोलिक चर्च फॉर माथा
- केनरा बैंक के निकट बाजार मस्जिद, वर्ष 1700 तक का पहला और प्राचीन मस्जिद,
- वर्ष 1827 तक का शफी मद्हब पेरिया पल्लीवसल,
- हनाफी मद्हब पल्लीवसल,
- मधिना पल्लीवसई,
- तमिल नगर पल्लीवसल,
- तौहीद जमात पल्लीवसल,
- ई.एस.आई. (E.S.I.) अस्पताल के पास रिजर्व लाइन पल्लीवसल,
- सरथा नगर पल्लीवसई,
- मस्जिद ए पीरमोहम्मद, पल्लापट्टी,
- ज़िंदा शेख मधार दरगाह,
- पस्सीपतनम नैना मोहम्मद दरगाह,
- संगूर पेथापन दरगाह, कोरोनेशन कॉलोनी,
- सेंगामाला नाचियार पुरम के नजदीक पदयाली साहिब दरगाह,
- विलायाथुल्ला दरगाह
- नागूर अंदावर दरगाह
- अजमेर काजा मोहिदीन दरगाह,
- सिवाकासी चर्च ऑफ गॉड, चर्च
- सिवाकासी ईस्ट गेथासाम्ने प्रेयर हाउस
- कारमेल प्रेयर फेलोशिप चर्च, शिवकाशी
- मिस्पाह प्रेयर हाउस, पल्लापट्टी
- एपोस्टोलिक क्रिस्चियन एसेम्बली, थिरुथंगल
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
4. http://www.thehindubusinessline.com/2008/04/09/stories/2008040951202100.htm
हाल के समाचार
- श्रीनिवास फाइन आर्ट्स, लवली ऑफसेट और गोपसंस ने शिवकाशी में एक विशाल बुक प्लांट की स्थापना की.
- कड़े प्रतिबंधों के बावजूद शिवकाशी ने यह साबित कर दिखायासाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- तमिलनाडु के आतिशबाजी शहर में चुनाव व्यापार काफी तरक्की कर रहा है
- यह फ्लेक्स बोर्ड के निर्माताओं के लिए तेजी का समय है
- शिवकाशी एक विनाशलीला की प्रतीक्षा कर रहा है।
- शिवकाशी छपाई उद्योग में मंदी
- गेज परिवर्तन का काम तुरंत शुरू करें: शिवकाशी सांसद
- इकाइयां शांत हो गयीं
- शिवकाशी के छात्र एमबीबीएस (MBBS) की सूची में सबसे ऊपर
- शिवकाशी में मल्टीमीडिया अभियान शुरू होगा साँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- 'छोटे जापान' को एक विश्व ब्रांड बनाने का प्रयास
- खदानों से शिवकाशी में "कंपन" का खतरा उत्पन्न हुआ
- युवा वैज्ञानिक पुरस्कार, लायंस मैट्रिक एचएसएस (HSS)
- चीन में बने शिवकाशी के पटाखेसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
बाहरी कड़ियाँ
- www.sivakasionline.com: शिवकाशी के बारे में कुछ भी और सब कुछ
- शिवकाशी, एक अधिकारिक गाइड
- www.sivakasiinfo.com - शिवकाशी इन्फो वेबपोर्टल
- www.kuttyjapan.com - शिवकाशी शहर का वेबपोर्टल
- अरासन गणेशन पॉलिटेक्निक कॉलेज
- मेप्को श्लेंक इंजीनियरिंग कॉलेज
- शिवकाशी का मौसम
- शिवकाशी की जानकारी
- sivakasiweekly.com
- वायआरटीवी (YRTV) मैट्रिकुलेशन हाइयर सेकंडरी स्कूल
- राजेश्वरी फायरवर्क्स एजेंसी
इन्हें भी देखें
- शिवकाशी (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र)
- Articles needing additional references from June 2009
- Articles with invalid date parameter in template
- All articles needing additional references
- Articles containing potentially dated statements from 2001 All articles containing potentially dated statements
- Articles needing additional references from जनवरी 2010
- Articles with dead external links from जून 2020
- Articles with dead external links from अगस्त 2021
- विरुधुनगर जिले के नगर और शहर