वृषपर्वा तारामंडल
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वृषपर्वा या सिफ़ियस (अंग्रेज़ी: Cepheus) तारामंडल खगोलीय गोले के उत्तरी भाग में दिखने वाला एक तारामंडल है।[१] दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें से एक है और अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। "वृषपर्वा" का नाम दैत्यों के एक राजा पर रखा गया है, जबकि अंग्रेज़ी नाम "सिफ़ियस" इथियोपिया के एक मिथिक राजा पर रखा गया है।
तारे
वृषपर्वा तारामंडल में सात मुख्य तारे हैं, हालांकि वैसे इसमें 43 तारों को बायर नाम दिए जा चुके हैं। इनमें से एक के इर्द-गिर्द ग़ैर-सौरीय ग्रह परिक्रमा करता हुआ पाया गया है। इस तारामंडल के मुख्य तारे और अन्य वास्तुएँ इस प्रकार हैं -
- गामा सॅफ़ॅई (γ Cephei) - पृथ्वी से लगभग 50 प्रकाश-वर्ष दूर स्थित एक द्वितारा जिसमें एक नारंगी उपदानव तारा और एक लाल बौना हैं। इसमें मुख्य (उपदानव) तारे के इर्द-गिर्द एक ग्रह परिक्रमा कर रहा है। गामा सॅफ़ॅई आकाश में धीरे-धीरे अपना स्थान बदल रहा है और सन् 3000 और 5200 के बीच में यह पृथ्वी का नया ध्रुव तारा बन जाएगा।
- डॅल्टा सॅफ़ॅई (δ Cephei) - यह एक परिवर्ती तारा है जो अपनी चमक 3.5 और 4.3 मैग्नीट्यूड के बीच बदलता रहता है और जिसके नाम पर एक "सॅफ़ॅई परिवर्ती" तारों की श्रेणी का नाम रखा गया है।
- मू सॅफ़ॅई (μ Cephei) - एक लाल महादानव जिसकी खोज विलियम हरशॅल ने की थी और जिसके गहरे लाल रंग की वजह से उसे "हरशॅल का रक्तमणि तारा" (Herschel's Garnet Star, हरशॅलज़ गार्नेट स्टार) कहा जाता है। इसका व्यास (डायामीटर) सूरज के व्यास का 1,650 गुना है।
- वी॰वी॰ सॅफ़ॅई (VV Cephei) - एक लाल महादानव जिसका व्यास सौर व्यास का 1,600 से 1,900 गुना है।
- वी381 सॅफ़ॅई (V381 Cephei) - एक M1Ibpe+ श्रेणी का लाल महादानव जिसका व्यास सौर व्यास का 327 गुना है।
- ऍन॰जी॰सी॰ 188 (NGC 188) नाम का खुला तारागुच्छ जो खगोलीय गोले के उत्तरी ध्रुव के सब से समीप स्थित खुला तारागुच्छ है।
- आतिशबाज़ी आकाशगंगा (Fireworks Galaxy, NGC 6946) - एक सर्पिल (स्पाइरल) आकाशगंगा जिसमें नौ महानोवा (सुपरनोवा) विस्फोट देखें जा चुके हैं, जो किसी भी अन्य आकाशगंगा से ज़्यादा है।