वियत मिन्ह
वियत मिन्ह ( सुनें; वियतनाम दोक लाप दोंग मिन्ह होई का संक्षेप, हिन्दी अनुवाद "वियतनाम के स्वतंत्रता का संगठन") एक राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम था जो पाक बो में १९ मई, १९४१ को स्थापित हुआ था। इससे पहले चीन के नानजिंग शहर में १९३५-१९३६ में इसका गठन हुआ था जहाँ वियतनामी राष्ट्रवादियों और राष्ट्रवादी पार्टियों ने साम्राज्यवाद-विरोधी मोर्चा खोला था। यह अधिक समय तक नहीं चला, और १९४१ में हिंदचीनी साम्यवादी पार्टी और हो चि मिन्ह ने इसे पुनःस्थापित किया। [१] इसका पहला उद्देश्य था फ़्रांसीसी साम्राज्य से वियतनाम को स्वतंत्र करना। जब जापान में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वियतनाम पर कब्ज़ा किया, तब वियत मिन्ह ने अमेरिका और चीन गणराज्य के सहायता से जापानी सैन्य कब्ज़े के ख़िलाफ़ विद्रोह किया। युद्ध के बाद, इसने फ़्रांस द्वारा वियतनाम का दुबारा कब्ज़ा किए जाने का विरोध किया और बाद में वियतनाम युद्ध में दक्षिण वियतनाम और अमेरिका से लड़ा।
द्वितीय विश्व युद्ध
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान में फ़्रांसीसी हिंदचीन पर कब्ज़ा कर लिया। अब फ़्रांस के साथ-साथ, वियत मिन्ह को जापानियों के ख़िलाफ़ भी लड़ना पड़ा। १९४४ के अंत तक, वियत मिन्ह में लगभग ५,००,००० सदस्य थे, जिनमें २,००,००० तोंकिन में, १,५०,००० अन्नाम में और १,५०,००० कोचीनचीन में थे। जापानियों से संघर्ष में उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ और चीन गणराज्य (ताइवान) से आर्थिक मदद मिली। अगस्त १९४५ में जापान के हर के बाद, उन्होंने फ़्रांसीसी सेना से ज़ब्त की गई कुछ सार्वजनिक इमारतों और हथियारों को वियत मिन्ह के हवाले कर दिया। हो चि मिन्ह के नेतृत्व में वियत मिन्ह ने ६०० से ज़्यादा जापानी सिपाहियों को भी शामिल किया जो १९५४ तक फ़्रांस से लड़े। हो चि मिन्ह ने २ सितंबर, १९४५ को वियतनाम के स्वतंत्रता की घोषणा की।
प्रथम हिंदचीन युद्ध
लेकिन घोषणा के बाद ही चीनी गुओमिंदांग सेना ने वियतनाम में प्रवेश किया और जापानी शाही सेना के प्रत्यावर्तन की निगरानी करने लगी। इसका यह मतलब था कि वियतनामी लोकतांत्रिक गणराज्य असल में सिर्फ़ काल्पनिक था और किसी भी इलाक़े के प्रशासन नहीं कर रहा था। कुछ महीनों बाद, चीनी, वियतनामी और फ़्रांसीसी सेनाओं ने समझौता किया। फ़्रांसीसियों ने चीन में कुछ अधिकार त्याग दिए, और वियत मिन्ह फ़्रांसीसी सरकार के वापसी के लिए राज़ी हो गया, इसके बदले कि उन्हें फ़्रांसीसी संघ के अंदर स्वतंत्रता मिले और चीनी वियतनाम छोड़ने पर राज़ी हो गए। लेकिन फ्रांसीसियों औत वियतनामियों के बीच समझौता तुरंत टूट गया और इसके बाद दस साल तक फ़्रांस और वियतनाम के बीच प्रथम हिंदचीन युद्ध हुआ।
वियत मिन्ह आधुनिक सैन्य विज्ञान में पीछे थे, इसलिए उन्होंने कुआंग न्गाई प्रांत में जून १९४६ एक सैनिक विद्यालय शुरू की। ४०० से ज़्यादा वियतनामियों को जापानियों से प्रशिक्षण मिला। बाद में इनमें से कुछ ने वियतनाम युद्ध में जनरल के रूप में भाग लिया।
फ़्रांसीसी जनरल जँ-एतिएन वैलुई ने वियत मिन्ह को हनोई से बाहर निकाल दिया और उनकी फ़्रांसीसी पैदल सेना जिसके पास बख्तरबंद हथियार थे हनोई ने छोटे और अलग-थलक वियत मिन्ह समूहों से लड़ती रही। फ़्रांसीसी सेना ने वियत मिन्ह के अड्डे वियत बाक को घेर लिया लेकिन उन्हें हरा नहीं पाए और पीछे हटना पड़ा। इसे अब फ़्रांसीसी फ़ौज के ख़िलाफ़ वियत मिन्ह का जीत माना जाता है।
वियत मिन्ह १९४९ तक फ़्रांस से लड़ते रहे, जब चीन और वियतनाम की सीमाएँ एक अभियान के वजह से जुड़ गईं जिसका नाम था चिएन दिच बिएन गिओई (सीमास्थल अभियान)। हाल में स्थापित हुई चीनी जनवादी गणराज्य ने वियत मिन्ह को सुरक्षित अड्डे और भारी हथियार दिए। इस सहायता से वियत मिन्ह कई ग्रामीण इलाक़ों पर कब्ज़ा कर पाया और जल्द ही फ़्रांस के अधीन क्षेत्रों की ओर बढ़ने लगा।
वियत मिन्ह ने युद्ध के दौरान १,५०,००० लोगों की हत्या की।[२]
उत्तर वियतनाम और वियत मिन्ह का अंत
दिएन बीएन फु के युद्ध में हार के बाद फ्रांसीसियों ने वियतनाम छोड़ने का समझौता किया। जिनेवा सम्मलेन के शांति समझौते के अनुसार वियतनाम को १९५६ के एकता चुनाव तक उत्तर वियतनाम और दक्षिण वियतनाम में बाँट दिया गया। उत्तर वियतनाम के नागरिक प्रशासन को 11 अक्तूबर, १९५४ को वियत मिन्ह के हाथों सौंप दिया गया और हो चि मिन्ह को उत्तर वियतनाम का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। न्गो दिन्ह दिएम, जिन्हें राजा बाओ दाई ने दक्षिण वियतनाम का प्रधानमंत्री नियुक्त किया, धीरे-धीरे दक्षिण वियतनाम का पूरा नियंत्रण हासिल किया।
१९५६ के जिनेवा समझौता ने वियतनाम के एकता के लिए चुनाव का वादा किया था, लेकिन अमेरिका या न्गो दिन्ह दिएम की सरकार ने १९५४ के जिनेवा सम्मलेन में किसी भी चीज़ पर हस्ताक्षर नहीं किया। असाम्यवादी वियतनामी प्रतिनिधि-मंडल किसी भी तरह के बँटवारे के ख़िलाफ़ थी, लेकिन हार गई जब फ्रांसीसी ने वियत मिन्ह प्रतिनिधि फाम वान दोंग का प्रस्ताव मान गए, जिसके अनुसार वियतनाम का एकीकरण "स्थानीय आयोगों" के निगरानी में होने वाले चुनावों से हो। अमेरिकी मंडल ने ब्रिटेन और दक्षिण वियतनाम के समर्थन के साथ अपना प्रस्ताव सामने रखा, जिसे "अमेरिकी योजना" के नाम से जाना जाता है। इसके तहत चुनावों की निगरानी संयुक्त राष्ट्र करेगी, लेकिन इसे सोवियत संघ ने रद्द कर दिया।
वियतनामी राजा बाओ दाई ने न्गो दिन्ह दिएम को दक्षिण वियतनाम का प्रधानमंत्री नियुक्त किया। अमेरिकी समर्थन के साथ, १९५५ में उन्होंने जनमत बुलाकर राजा को शासन से हटा दिया और अपने आप को दक्षिण वियतनाम का राष्ट्रपति घोषित किया।
जब चुनाव नहीं हुए, वियत मिन्ह के सिपाही जो दक्षिण वियतनाम में थे, सक्रीय हो गए और सरकार से लड़ने लगे। उत्तर वियतनाम ने लाओस के कुछ इलाक़ों पर कब्ज़ा कर लिया ताकि वियत कोंग को सहायता दी जा सके। यह युद्ध द्वितीय हिंदचीन युद्ध में तब्दील हो गया, जिसे पश्चिम में वियतनाम युद्ध के नाम से जाना जाता है।