रॉयल मानस राष्ट्रीय उद्यान
रॉयल मानस राष्ट्रीय उद्यान | |
संरक्षित क्षेत्र | |
रॉयल मानस राष्ट्रीय उद्यान का मुख्य प्रवेश द्वार
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देश | भूटान |
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जिला | पेमागात्शेल, सरपांग, ज़ेमगांग |
क्षेत्रफल | १,०५७ कि.मी.² (४०८ वर्ग मील) |
Animal | सुनहरा लंगूर, सानो बनैल, जंगली भैंसा, हॉर्नबिल |
स्थापना | 1966[१] |
Website: पर्यावरण संरक्षण के लिए भूटान ट्रस्ट फंड | |
रॉयल मानस राष्ट्रीय उद्यान भूटान का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है। रॉयल सरकार इसे मूल्यवान पौधों के लिए "किंगडम का संरक्षण शोपीस" और "जेनेटिक डिपॉजिटरी" मानती है। 1,057 वर्ग किलोमीटर (408 वर्ग मील) विस्त्रिथ् ये उद्यान में पूर्वी सरपांग जिला, ज़ेमगांग जिले का पश्चिमी आधा और पश्चिमी पेमागात्शेल जिला शामिल है। यह "जैविक गलियारे" के माध्यम से फिब्सो वन्यजीव अभयारण्य (दक्षिण पश्चिम), जिग्मे सिंगे वांगचुक राष्ट्रीय उद्यान (उत्तर पश्चिम), थ्रुमशिंगला राष्ट्रीय उद्यान (उत्तरी केंद्र), और खलिंग वन्यजीव अभयारण्य (दक्षिण पूर्व) से जुड़ा हुआ है।[२]
रॉयल मानस राष्ट्रीय उद्यान को भूटान की राष्ट्रीय विरासत माना जाता है, जिसे 1996 में वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था। वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) स्थानीय वन्यजीव अधिकारियों के साथ इस राष्ट्रीय विरासत को संरक्षित करने के लिए एक संरक्षण प्रबंधन योजना पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है।[३]
मौसम
रॉयल मानस में व्यापक जलवायु परिवर्तन हैं। मई-सितंबर मानसून 5000 मिलीमीटर बारिश लाता है। सर्दियों में बारिश नगण्य है और जलवायु नवंबर से मार्च तक बेहद सुखद है।[४]
वनस्पति और जीव
रॉयल मानस खाद्य, वाणिज्य, चिकित्सा और धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग की जाने वाली कई पौधों की प्रजातियां भी पैदा करता है। उद्यान के भीतर दूरस्थ गांवों में लगभग 5,000 लोग रहते हैं।[५][१] रॉयल मानस राष्ट्रीय उद्यान भूटान में उष्णकटिबंधीय और उप उष्णकटिबंधीय पारिस्थितिक तंत्र के सबसे बड़े उदाहरण का प्रतिनिधित्व करता है।
यहां पक्षियों की 365 से अधिक प्रजातियों और 59 स्तनपायी प्रजातियां (राय, डीएस 2006) को आधिकारिक तौर पर दर्ज किया गया है। 13 प्रजातियों को पूरी तरह संरक्षित स्तनधारियों के नीचे रखा जाता है।[६]
रॉयल मानस राष्ट्रीय उद्यान हाथि, बंगाल बाघ, गौर के साथ-साथ दुर्लभ सुनहरा लंगूर (प्रेस्बिटीस जीई), सानो बनैल, कैप्रोलैगस हेपिडस, डॉल्फ़िन (प्लाटानिस्टा) का घर है। यह एकमात्र भूटानी उद्यान भी है जो एक सींग वाले गैंडों और जंगली भैंसा (बुबलास अर्नी) से घिरा हुआ है। पक्षियों की सैकड़ों प्रजातियां में धनेश की चार प्रजातियां (लाल गर्दन वाला धनेश, ॠदेड धनेश, पूर्वी धब्बेदार धनेश और विशाल धनेश) भी रहते हैं।[२]
संदर्भ
- ↑ अ आ साँचा:cite web
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