रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड
प्रकार |
राज्य के स्वामित्व वाले उपक्रम, सार्वजनिक कंपनी |
---|---|
व्यापार करती है | नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज |
उद्योग |
वित्तीय सेवाएँ निवेश प्रबंधन |
स्थापना | 1969 |
मुख्यालय | नई दिल्ली, भारत |
क्षेत्र | भारत |
प्रमुख व्यक्ति |
राजीव शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक |
उत्पाद | निवेश बैंकिंग एवं निजी बैंकिंग, संपत्ति प्रबंधन |
राजस्व | साँचा:increase ₹ १०५.०९ बिलियन (US$१.३८ अरब) (2011–12) |
प्रचालन आय | साँचा:increase ₹75.91 अरब (US$९९६.२ मिलियन) (2011–12) |
निवल आय | साँचा:increase ₹28.17 अरब (US$३६९.६९ मिलियन) (2011–12) |
कुल संपत्ति | साँचा:increase ₹ १,०८७.२९ बिलियन (US$१४.२७ अरब) (2011–12) |
कुल इक्विटी | साँचा:increase ₹ १४७.४५ बिलियन (US$१.९४ अरब) (2011–12) |
कर्मचारी | 600 |
मातृ कंपनी | भारत सरकार |
वेबसाइट | recindia.nic.in |
रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड या आरईसी, (Rural Electrification Corporation Limited (REC)) भारत के विद्युत क्षेत्र में एक अग्रणी सार्वजनिक अवसंरचना वित्तीयन कंपनी है। विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय क्षेत्र का एक नवरत्न उद्यम है। इसे कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत 25 जुलाई 1969 को निगमित किया गया। आरईसी भारत सरकार का एक सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है।[१] इसका निवल मूल्य (networth) 31.3.2015 को 24857.03 करोड़ रुपए (स्टैंडअलोन) तथा 25072.58 करोड (समेकित) था।[२] इसका उद्देश्य पूरे देश में ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजनाओं को बढ़ावा देना है। यह राज्य बिजली बोर्डों, राज्य सरकारों के विद्युत विभागों और सहकारी समितियों को उनके द्वारा प्रायोजित ग्रामीण विद्युतीकरण के लिए वित्तपोषित करता है।
आरईसी राज्य बिजली बोर्डों/राज्य विद्युत यूटिलिटियों को विद्युतीकरण योजनाओं में निवेश करने के लिए ऋण सहायता प्रदान करता है। ऋण सहायता प्रदान करने का कार्य नई दिल्ली में स्थित कारपोरेट कार्यालय और यूनिट (आंचलिक कार्यालयों), जो अधिकांश राज्यों में स्थित हैं, के माध्यम से किया जाता है।
राज्यों में स्थित परियोजना कार्यालय संबंधित रा.वि.बो./राज्य विद्युत यूटिलिटियों को आरईसी के वित्तपोषण कार्यक्रमों में समन्वय और संबंधित विद्युत यूटिलिटियों द्वारा स्कीमों की मंजूरी और संवितरण और कार्यान्वयन में सुविधा देते हैं। वर्तमान में कंपनी यूके आधारित ब्राण्ड फाइनेंस पीएलसी द्वारा ५०० वैश्विक वित्तीय सेवाएँ ब्राण्ड में शुमार की जाती है। (२०१० के लिए ५०० वैश्विक रैंकिंग पर वित्त ब्राण़्ड)। [३]
व्यापार संचालन
आरईसी का व्यापार मॉडल विद्युत अवसंरचना वित्तीयन के मूल्य शृंखला पर्यंत विस्तृत है। जिसका विवरण निम्नवत है :
- उपकरण वित्त पोषण
- परियोजनाओं का तकनीकी/ वित्तीय मूल्यांकन
- परियोजना के वित्तपोषण के साथ ही उत्पादन, गहन विद्युतीकरण, पारेषण, वितरण, मरम्मत और रखरखाव के लिए अल्पकालिक या सेतु ऋण
- परियोजना निगरानी, परामर्श एवं सलाहकारी कार्यों की सहायता
प्रदत्त सेवाएँ
कंपनी प्राथमिक रूप से पूरे भारत में ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजनाओं के लिए वित्त प्रदान करने में प्रवृत्त है। साथ ही यह केंद्रीय/ राज्य क्षेत्र की विद्युत यूटिलिटीज, राज्य विद्युत बोर्डों, ग्रामीण विद्युत सहकारिताओं, गैर सरकारी संगठनों तथा निजी विद्युत उत्पाद उत्पादकों को लोन प्रदान करती है। कंपनी अकेली ऋणदाता या सह ऋणदाता अथवा अग्रणी वित्तपोषक की हैसियत की सह व्यवस्था के साथ या बिना लोन स्वीकृत करती है। यह सलाह, परियोजना निगरानी एवं परियोजनाओं के लिए वित्तीय/ तकनीकी मूल्यांकन सहायता के साथ भारत सरकार की योजनाओं या परियोजनाओं के लिए नोडल एजेंसी की भूमिका भी निभाती है।
परियोजनाएँ
आरईसी तापीय, जलीय, नवीकरणीय ऊर्जा आदि समेत सभी प्रकार की विद्युत निर्माण परियोजनाओं का आकार अथवा अवस्थिति की सीमा के बिना वित्तपोषण करती है। कंपनी का लक्ष्य वि-केंद्रित वितरित निर्माण (डीडीजी) परियोजनाओं, तथा पावर ग्रिड से असंबद्ध दूरस्थ व दुर्गम क्षेत्रों तक पहुँच वाले नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों तक अपनी पहुँच बढ़ाना है।
इतिहास
घटनाक्रम
1969 | कंपनी एक्ट, 1956 के अंतर्गत निगमित |
1992 | "सार्वजनिक वित्त संस्थान" के रूप में अधिसूचित |
1998 | आरबीआई द्वारा "गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी" का दर्जा |
2002 | "मिनी रत्न ग्रेड-I" का दर्जा |
2008 | "नवरत्न" का दर्जा ,[४] शेयरों का आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) और आंशिक अनावरण (डिवेस्टमेंट) |
2010 | आरबीआई द्वारा "अवसंरचना वित्तीयन कंपनी (आईएफसी)" का दर्जा[५][६][७]” शेयरों का 33.2% सार्वजनिक पकड़ (पब्लिक हेल्ड) के साथ अग्रिम सार्वजनिक प्रस्ताव (एफपीओ) |
उद्देश्य
- ग्रामीण और अर्धशहरी जनता के रहन सहन को समृद्ध बनाने एवं उनके विकास में तेजी लाने के लिए बिजली पहुंचाने में मदद करना।
- देश भर में बिजली उत्पादन, संरक्षण, पारेषण और वितरण संबंधी परियोजनाओं को प्रोन्नत करने तथा वित्तपोषित करने के लिए ग्राहकों की सुविधा का ध्यान रखने वाले प्रतिस्पर्धात्मक एवं विकास परक संगठन के रूप में कार्य करना।
संबंधित योजनाएँ
आरईसी द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना इन्हीं प्रयासों की एक कड़ी है, जिसके साथ मिलकर आरईसी अपनी परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रही है। इस योजना ने पूर्ववर्ती राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का स्थान लिया है।
बाहरी कड़ियाँ
- रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड का जालघर (DVW-TTYogeshEN फॉण्ट में)
सन्दर्भ
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