रामदरश मिश्र
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डॉ॰ रामदरश मिश्र (जन्म: १५ अगस्त, १९२४) हिन्दी के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। ये जितने समर्थ कवि हैं उतने ही समर्थ उपन्यासकार और कहानीकार भी। इनकी लंबी साहित्य-यात्रा समय के कई मोड़ों से गुजरी है और नित्य नूतनता की छवि को प्राप्त होती गई है। ये किसी वाद के कृत्रिम दबाव में नहीं आये बल्कि उन्होंने अपनी वस्तु और शिल्प दोनों को सहज ही परिवर्तित होने दिया। अपने परिवेशगत अनुभवों एवं सोच को सृजन में उतारते हुए, उन्होंने गाँव की मिट्टी, सादगी और मूल्यधर्मिता को अपनी रचनाओं में व्याप्त होने दिया जो उनके व्यक्तित्व की पहचान भी है। गीत, नई कविता, छोटी कविता, लंबी कविता यानी कि कविता की कई शैलियों में[१] उनकी सर्जनात्मक प्रतिभा ने अपनी प्रभावशाली अभिव्यक्ति के साथ-साथ गजल में भी उन्होंने अपनी सार्थक उपस्थिति रेखांकित की। इसके अतिरक्त उपन्यास, कहानी, संस्मरण, यात्रावृत्तांत, डायरी, निबंध आदि सभी विधाओं में उनका साहित्यिक योगदान बहुमूल्य है।
प्रारंभिक जीवन
डॉ॰ रामदरश मिश्र का जन्म हिन्दी तिथिनुसार श्रावण पूर्णिमा गुरुवार को गोरखपुर जिले के कछार अंचल के गाँव डुमरी में हुआ था।[२] इनके पिता का नाम रामचन्द्र मिश्र और माता का नाम कँवलपाती मिश्र है। ये तीन भाई हैं स्व॰ राम अवध मिश्र, रामनवल मिश्र तथा ये स्वयं, जिनमें ये सबसे छोटे हैं। उनसे छोटी एक बहन है कमला। मिश्र जी की प्रारंभिक शिक्षा मिडिल स्कूल तक गाँव के पास के एक स्कूल में हुई। फिर उन्होंने ढरसी गाँव स्थित ‘राष्ट्रभाषा विद्यालय’ से विशेष योग्यता बरहज से ‘विशारद’ और साहित्यरत्न की परीक्षाएँ पास कीं। १९४५ में ये वाराणसी चले गये और वहाँ एक प्राइवेट स्कूल में साल भर मैट्रिक की पढ़ाई की। मैट्रिक पास करने के पश्चात ये काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से जुड़ गये और वहीं से इंटरमीडिएट, हिन्दी में स्नातक एवं स्नातकोत्तर तथा डॉक्टरेट किया। सन् १९५६ में सयाजीराव गायकवाड़ विश्वविद्यालय, बड़ौदा में प्राध्यापक के रूप में उनकी नियुक्ति हुई। सन् १९५८ में ये गुजरात विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हो गये और आठ वर्ष तक गुजरात में रहने के पश्चात १९६४ में दिल्ली विश्वविद्यालय में आ गये। वहाँ से १९७o में प्रोफेसर के रूप में सेवामुक्त हुए।
साहित्यसेवा
रामदरश मिश्र हिन्दी साहित्य संसार के बहुआयामी रचनाकार हैं। उन्होंने गद्य एवं पद्य की लगभग सभी विधाओं में सृजनशीलता का परिचय दिया है और अनूठी रचनाएँ समाज को दी है। चार बड़े और आठ लद्यु उपन्यासों में मिश्र जी ने गाँव और शहर की जिन्दगी के संश्लिष्ट और सघन यथार्थ की गहरी पहचान की है। मिश्र जी की साहित्यिक प्रतिभा बहुआयामी है। उन्होंने कविता, कहानी, उपन्यास, आलोचना और निबंध जैसी प्रमुख विधाओं में तो लिखा ही है, आत्मकथा- सहचर है समय, यात्रा वृत्त तथा संस्मरण भी लिखे हैं। यात्राओं के अनुभव तना हुआ इन्द्रधनुष, भोर का सपना तथा पड़ोस की खुशबू में अभिव्यक्त हुए हैं। उन्होंने अपनी संस्मरण पुस्तक स्मृतियों के छन्द में उन अनेक वरिष्ठ लेखकों, गुरुओं और मित्रों के संस्मरण दिये हैं जिनसे उन्हें अपनी जीवन-यात्रा तथा साहित्य-यात्रा में काफी कुछ प्राप्त हुआ है। ये रचना-कर्म के साथ-साथ आलोचना कर्म से भी जुड़े रहे हैं। उन्होंने आलोचना, कविता और कथा के विकास और उनके महत्वपूर्ण पड़ावों की बहुत गहरी और साफ पहचान की है। ‘हिन्दी उपन्यास : एक अंतयात्रा, ‘हिन्दी कहानी : अंतरंग पहचान’, ‘हिन्दी कविता : आधुनिक आयाम’, ‘छायावाद का रचनालोक’ उनकी महत्त्वपूर्ण समीक्षा-पुस्तकें हैं।[३]
मिश्र जी ने अपनी सृजन-यात्रा कविता से प्रारंभ की थी और आज तक ये उसमें शिद्दत से जी रहे हैं। उनका पहला काव्य संग्रह ‘पथ के गीत’ १९५१ में प्रकाशित हुआ था। तब से आज तक उनके नौ कविता संग्रह आ चुके हैं।[४] ये हैं - ‘‘बैरंग-बेनाम चिट्ठियाँ’, ‘पक गयी है धूप’, ‘कंधे पर सूरज’, ‘दिन एक नदी बन गया’, ‘जुलूस कहां जा रहा है’, ‘आग कुछ नहीं बोलती’, ‘बारिश में भीगते बच्चे और ‘हंसी ओठ पर आँखें नम हैं’, (गजल संग्रह)- ‘ऐसे में जब कभी’, नवीनतम काव्य संग्रह प्रेस में है। रामदरश मिश्र ने समय-समय पर ललित निबंध भी लिखे हैं जो ‘कितने बजे हैं? तथा ‘बबूल’ और ‘कैक्टस’ में संगृहीत हैं। इन निबंध ने अपनी वस्तुगत मूल्यत्ता तथा भाषा शैलीगत सहजता से लेखकों और पाठकों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है। मिश्र जी ने देशी यात्राओं के अतिरिक्त नेपाल, चीन, उत्तरी दक्षिणी कोरिया, मास्को तथा इंग्लैंड की यात्राएं की हैं।
रामदरश मिश्र के साहित्य पर समीक्षा पुस्तकें
1. उपन्यासकार रामदरश मिश्र सं॰ डॉ॰ वेद प्रकाश अमिताभ तथा डॉ॰ प्रेम कुमार, वाणी प्रकाशन, दिल्ली (1982)
2. कथाकार रामदरश मिश्र ले॰ डॉ॰ सूर्यदीन यादव, इंद्रप्रस्थ प्रकाशन, दिल्ली (1987)
3. रचनाकार रामदरश मिश्र सं॰ डॉ॰ नित्यानंद तिवारी तथा डॉ॰ ज्ञानचंद गुप्त, राधा पब्लिकेशन, दिल्ली (1990)
4. रामदरश मिश्र की सृजन यात्रा ले॰ डॉ॰ महावीर सिंह चौहान, वाणी प्रकाशन, दिल्ली (1991)
5. कवि रामदरश मिश्र स॰ डॉ॰ महावीरसिंह चौहान तथा डॉ॰ नवनीत गोस्वामी, संस्कृति प्रकाशन अहमदाबाद (1991)
6. रामदरश मिश्र व्यक्तित्व एवं कृतित्व ले॰ डॉ फूलबदन यादव, राधा प्रकाशन, दिल्ली (1992)
7. मूल्य और मूल्य संक्रमण (रामदरश मिश्र के उपन्यासों के संदर्भ में ले॰ डॉ॰ विनीता राय, अनिल प्रकाशन इलाहाबाद (1999)
8. रामदरश मिश्र: व्यक्ति और अभिव्यक्ति स॰ डॉ॰ स्मिता मिश्र तथा डॉ जगन सिंह वाणी प्रकाशन, दिल्ली (1999)
9. रामदरश मिश्र: रचना समय ले॰ डॉ॰ वेद प्रकाश अमिताभ, भारत पुस्तक भंडार, दिल्ली (1999)
10. रामदरश मिश्र की उपन्यास यात्रा ले॰ डॉ॰ प्रभुलाल डी॰ वैश्य, डॉ॰ गुंजनशाह, शाह प्रकाशन अहमदाबाद (2001)
11.रामदरश मिश्र के उपन्यास: चेतना के स्वर डॉ॰ गुंजन शाह, साहित्य भारती, दिल्ली (2002)
12.रामदरश मिश्र के उपन्यासों में समाज-जीवन डॉ॰ प्रकाश चिर्कुडेकर, नमन प्रकाशन, दिल्ली (2002)
13. रामदरश मिश्र की कहानियों में यथार्थ चेतना और मूल्य बोध डॉ॰ राधेश्याम सारस्वत अम्बा जी, गुजरात (2002)
14. रामदरश मिश्र के उपन्यासों में ग्राम चेतना (जल टूटता हुआ’ के संदर्भ में) डॉ॰ ममता शर्मा राष्ट्रीय ग्रंथ प्रकाशन गांधी नगर (2002)
15. रामदरश मिश्र: एक अंतर्यात्रा डॉ॰ प्रकाश मनु, वाणी प्रकाशन दिल्ली (2004)
16. रामदरश मिश्र के उपन्यासों की वैचारिक पृष्ठभूमि डॉ॰ सीमा वैश्य, सत्यम पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली (2004)
17. रामदरश मिश्र की कविता: सृजन के रंग डॉ॰ सूर्यदीन यादव, शांति पुस्तक भंडार, दिल्ली (2005)
18. रामदरश मिश्र के उपन्यासों में गृह- परिवार डॉ॰ यशवंत गोस्वामी, नया साहित्य केंद्र, दिल्ली (2005)
19. रामदरश मिश्र के उपन्यासों में नारी डॉ॰ मनहर गोस्वामी, नया साहित्य केंद्र, दिल्ली (2005)
20.रामदरश मिश्र की कहानियों में पारिवारिक सम्बन्धों का स्वरूप डॉ॰ अमिता, स्वराज प्रकाशन दिल्ली (2006)
21. रामदरश मिश्र के उपन्यासों में आंचलिकता डॉ॰ श्रीधर प्रदीप, अमर प्रकाशन मथुरा, (2004)
22. रामदरश मिश्र के उपन्यासों में ग्रामीण परिवेश अनिल काले, चिंतन प्रकाशन कानपुर (2007)
23. रामदरश मिश्र के साहित्य में ग्राम्य जीवन डॉ॰ वीरचन्द्र जी चौहान, चिंतन प्रकाशन कानपुर (2006)
योगदान
प्राय: सभी भारतीय भाषाओं में मिश्र जी की कविताओं और कहानियों के अनुवाद हुए हैं। उनका एक उपन्यास ‘अपने लोग’ गुजराती में अनूदित है। उनकी रचनाओं विभिन्न स्तरों के पाठ्यक्रमों में पढ़ाई जा रही हैं और देश के अनेक विश्वविद्यालयों में उनके साहित्य पर अनेक शोध् कार्य हो चुके हैं और लगातार हो रहे हैं। मिश्र जी देश की अनेक साहित्यिक और अकादमिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किये जा चुके हैं। २१ अप्रैल २००७ को पटना में प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका "नई धारा" द्वारा तृतीय उदयराज सिंह स्मारक व्याख्यान तथा साहित्यकार सम्मान समारोह में प्रसिद्ध साहित्यकार उदयराज सिंह की धर्मपत्नी श्रीमती शीला सिन्हा ने डॉ॰ रामदरश मिश्र को "उदयराज सिंह स्मृति सम्मान" से सम्मानित किया।[५] उनकी अनेक कृतियाँ पुरस्कृत हुई हैं। ये अनेक साहित्यिक, अकादमिक और सामाजिक संस्थाओं के अध्यक्ष रह चुके हैं। कई लघु पत्रिकाओं के सलाहकार संपादक हैं।
सन्दर्भ
सभी हिन्दी में:
- ↑ सृजनगाथा पर स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। मिश्र जी की कविताएं
- ↑ ब्रांड बिहार स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। पर
- ↑ मधुमिता, राजस्थान साहित्य अकादमीसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] - हिन्दी जगत का एक बडा नाम डॉ॰ रामदरश मिश्र
- ↑ कविता कोष पर स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। मिश्र जी की कविताएं
- ↑ अभिव्यक्ति पर स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। - इन्हें उदयराजसिंह सम्मान