मिकोयान मिग-35
MiG-35 | |
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A MiG-35D | |
प्रकार | Multirole fighter |
साँचा:nowrap | रसिया |
उत्पादक | मिकोयान |
प्रथम उड़ान | 2007 |
परिचय | 2019 |
स्थिति | In development |
प्राथमिक उपयोक्ता | रसिया |
साँचा:nowrap | 10 by 2008[१] |
साँचा:nowrap | मिग-29एम |
मिकोयान मिग-35 (साँचा:lang-ru, नाटो (NATO) द्वारा सूचित नाम: फल्क्रम-F) मिग-29M/M2 और मिग-29K/KUB प्रौद्योगिकी का एक अग्रवर्ती विकास है। इसके निर्माताओं द्वारा इसे एक 4++ पीढ़ी लड़ाकू जेट फाइटर के रूप में वर्गीकृत किया गया है।[२] इसका पहला नमूना (प्रोटोटाइप) पहले ही सेवा में नियुक्त मिग-29M2 के प्रदर्शित मॉडल का ही एक संशोधन था। अब तक 10 आदर्श नमूनों का निर्माण किया गया है और मौजूदा समय में व्यापक मैदानी परीक्षणों के अधीन हैं। मिग-35 को अब एक मध्यम वजन के विमान के रूप में वर्गीकृत किया गया है, क्योंकि इसकी उड़ान का अधिकतम आरंभिक वजन 30 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है जो इसके वर्गीकरण के अपने पिछले मापदंड से अधिक की वृद्धि है।
मिग कॉर्पोरेशन (MiG Corporation) ने पहली बार आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिग-35 को ही एयरो इंडिया 2007 के एयर शो के दौरान प्रस्तुत किया।[३] आधिकारिक तौर पर मिग-35 का अनावरण उस समय किया गया था जब रूसी रक्षा मंत्री, सेर्गेई इवानोव ने, लुखोवित्सकी मशीन बिल्डिंग प्लांट "मापो-मिग" (MAPO-MIG) का दौरा किया।[४] एक सीट वाले संस्करण का नामकरण मिग-35 किया गया है और दो सीट वाला संस्करण मिग-35D नामित है। इस लड़ाकू विमान की वैमानिकी एवं हथियार प्रणालियों में व्यापक सुधार किया गया है, विशेष रूप से नए AESA रडार और (अनोखे डिजाइन वाले ऑप्टिकल लोकेटर सिस्टम (OLS) में जो विमान को (जमीन-नियंत्रित अंतरग्रहण (GCI) प्रणाली पर भरोसा तथा, एवं इसे स्वतंत्र रूप से बहु-भूमिका मिशन के निष्पादन में सक्षम बनाता है।
विकास
मिग-35/मिग-35D, मिग-29M/M2 और मिग-29K/KUB लड़ाकू विमानों के सामना करने की प्रतिरोधी दक्षता में वृद्धि, सार्वभौमिकता और संचालन संबंधी उन्नत विशेषताओं की नवीनतम प्रगति है।[५]
नए डिजाइन की मुख्य विशेषताओं में पांचवीं पीढ़ी की सूचना-दृश्य प्रणालियां, मुकाबला करने की उत्तरजीविता में वृद्धि के लिए एकीकृत किस्म की रक्षात्मक प्रणालियां शामिल हैं जो प्रयोग की दृष्टि से रूसी और विदेशी मूल के हथियारों के साथ संगतता में वृद्धि करते हैं। नई समग्र आधारभूत डिजाइन की अवधारणाएं तेजी से आगे निकल जाती हैं एवं नए विमान को पूरे आकार की बहु आयामी भूमिका के मिशन की अगुआई करना उनके अपने पश्चिमी प्रतिरूप आचरण बरतना है।[५]
नई वैमानिकी का उद्देश्य मिग-35 को हवाई-श्रेष्ठता हासिल करने के साथ-साथ सभी मौसमों में सुनिश्चित सही जमीनी हमलों को अंजाम देना, ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक और रडार उपकरण के साथ साझा जटिल मिशन का संचालन करना भी है।[५] नए विमान नौ तोरणों पर अधिक मात्रा में हथियार लोड कर सकते है, इनमे ईंधन की क्षमता में वृद्धि की गयी है, बेहतर जंग (मोर्चा) विरोधी संरक्षण है, रडार के संकेत में पकड़े जाने में महत्वपूर्ण कमी तथा चौगुनी-निरर्थक फ्लाई-बाई-वायर नियंत्रण प्रणाली से लैश है।
पिछली आलोचनाओं की प्रतिक्रिया में पहले की डिजाइन की तुलना में अब काफी अधिक विश्वसनीय विविधताएं है। विमान की बाहरी संरचना का जीवनकाल (टिकाउपन) और इसके सेवाकाल का विस्तार किया गया है और इसे नए इंजन के साथ सुसज्जित किया गया है जिसमे पूरी जांच करके मरम्मत करने के बीच की समय-सीमा (MTBO) को बढाया गया है, जिसके परिणामस्वरुप, पिछली पुरानी विविधताओं की तुलना में लगभग 2.5 गुना उड़ान घंटे की लागत में कमी हो जाती है। नये इंजन अब निर्धूम हैं तथा बेहतर प्रदर्शन के लिए इसमें एक FADEC टाइप की इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण प्रणाली शामिल है। सभी पहलू के वायु-मार्ग की टोंटियां (सामने की ओर निकले हुए) जो मिग-29OVT में प्रदर्शित किए गए थे वे इसमें वैकल्पिक हैं।
स्वतंत्र रूप से कार्यों के संचालन के लिए विमान की क्षमता में वृद्धि हेतु अन्य तकनीकी सुधार भी शामिल किए गए थे। उदाहरण के लिए, हवा से ही ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र को इसमें अतिरिक्त रूप से जोड़ा गया है। RAC मिग और इतालवी कंपनी इलेट्रोनिका (Elettronica) ने मिग-35 को एक नया बहु क्रियाशील आत्म-सुरक्षा अवरोधी कवच प्रदान करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।[६]
इसके अलावा, RAC मिग इंजीनियरों ने अनुकारी प्रशिक्षण का एक सेट विकसित किया है जिससे कि ये पायलटों को नए विमानों को परिष्कृत तरीके से नियंत्रण में लाने में महारत हासिल करने में सिमुलेटर इंटरैक्टिव कंप्यूटर आधारित प्रशिक्षण प्रणालियों की पेशकश और पूर्ण मिशन गति अनुकार प्रदान करते हैं।
पहला प्रदर्शक, एक दो सीट वाला विमान, मिग-29M2 के मौजूदा एयरोफ्रेम, पर बनाया गया था, जो पहले प्रदर्शक के रूप में मिग-29MRCA और मिग-29M2 के नाम से सेवारत था।
एयरो इंडिया का अनावरण
बैंगलोर में आयोजित एयरो इंडिया 2007 एयरशो में रूस ने मिग-35 का अनावरण किया,[७] क्योंकि मॉस्को भी इन विमानों को भारत को बेचने का इच्छुक था। ऐसी सूचना है कि उड़ान पथ में ही ईंधन भरने तथा सुपरसोनिक की गति की सुविधा से युक्त मिग-35 ने मास्को से बैंगलोर की दूरी तीन घंटे से भी कम समय में तय की थी।
मिग-35 यूरोफाइटर टाइफून, F/A-18E/F सुपर होरनेट, डासौल्ट रायफल, JAS 39 ग्रिपेन और F-16 फाल्कन सहित 126 से भी अधिक बहुआयामी लड़ाकु विमानों का प्रतियोगी है जिसे भारतीय MRCA प्रतियोगिता में शामिल किया गया और भारतीय वायुसेना ने हासिल करने के लिए बोली लगाई.
एयरो इंडिया 2007 में ही पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी एक शो में मिग-35 लड़ाकू विमान को प्रदर्शित किया गया। तब तक, मिग-35 का केवल मॉडल (प्रोटोटाइप) ही सार्वजनिक रूप से वायुयान शो में रूस तथा यूनाइटेड किंगडम में 2005 तक दिखाया गया था।
इसे फिर से बैंगलोर के नज़दीक येलाहंका एयरबेस पर आयोजित एयरो इंडिया 2009 में प्रदर्शित किया गया जहां इसे भारतीय वायु सेना के एक पायलट ने उड़ाया था।[८]
अप्रैल 2010 तक, दो नए मिग-35 के प्रदर्शकों ने एकल सीटवाली मिग-35 की "961" तथा दो सीटोंवाली मिग-35D की "967" की तस्वीरें और अतिरिक्त सूचनाएं पेश की. रूसी मीडिया के अनुसार, उन्होंने 2009 की शरद ऋतु की शुरुआत में पहली उड़ान भरी और तत्पश्चात अक्टूबर 2009 में आरम्भ होनेवाले MMRCA के परीक्षणों में भाग लिया। इन दोनों में ही पिछले मिग-29K/KUB के ढांचे जैसी ही काफी हद तक समानताएं हैं, फिर भी नौसैनिक विमान के साथ लगाये गए पैराशूट के खुलने में तत्काल दृश्यमान अंतर साफ़ दिखाई देता है।[९] इसके बाद मिग 35D "967" पुराने मिग 35 बोर्ट "154" के समान ही AESA रडार से सुसज्जित है जिसे काली भूरे रंग की छोटी नाक के रदोम से अलग से पहचानना आसान है।[१०]
डिज़ाइन
सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन फैज़ोट्रोन ज़्हुक-AE का इलेक्ट्रॉनिक के ज़रिये स्कैन की हुई सक्रिय व्यूह-रचना (एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे - AESA) वाला रडार, RD-33MK इंजन और नए तरीके से डिजाइन किये गए ओप्टिकल लोकेटर सिस्टम (OLS) में किया गया हैं।[११][१२][१३] कॉकपिट में अन्य स्पष्ट परिवर्तन अनुरूप इलेक्ट्रॉनिक्स में लायी गयी कमी है।
शक्ति संयंत्र
RD-33MK "मोर्स्काया ओसा", (साँचा:lang-ru, जिसका शाब्दिक अर्थ: "सामुद्रिक ततैया" या Chironex fleckeri है) को नए संशोधन द्वारा संस्थापित किया गया है। यह RD-33 का एक नवीनतम संस्करण है और इसका उद्देश्य मिग-29K और मिग-29KUB को शक्ति संपन्न बनाना है। ठंडे ब्लेडों में आधुनिक सामग्रियों के उपयोग के कारण आधारभूत मॉडल की तुलना में इसमें 7% अधिक शक्तिसम्पन्नता है जो इसे 9,000 kgf का उच्चतर बल प्रदान करती है। प्राथमिक आलोचना के प्रतिक्रयास्वरुप, नए इंजन निर्धूम हैं और इनमें ऐसी प्रणालियां शामिल हैं जो अवरक्त और ऑप्टिकल दृश्यता को कम करती हैं। इंजनों को निश्चित मात्रा की क्षमतावाली टोटियों के साथ फिट किया गया है, जिसके फलस्वरुप मुकाबला करने की क्षमता में 12-15% तक की वृद्धि हुई है।[५][१४]
निश्चित मात्रा की क्षमतावाली टोटियों सहित इंजनों को RD-33OVT की तरह डिजाइन किया गया है और इनके ही कारण मिग-35 जुड़वां इंजनों वाला पहला विमान होगा जिसमे निश्चित मात्रा की क्षमतावाली टोटियां होंगी जो सभी धूरियों पर घूम सकती हैं। निश्चित मात्रा में अन्य मौजूद क्षमता, Su-30MKI और F-22 जैसी दो आयामी निश्चित क्षमता वाली टोंटियों की सभी सुविधा सुविधाओं से संपन्न हैं।[१५]
कॉकपिट
अनुरूप इलेक्ट्रॉनिक्स को कम से कम किया गया है, जिसे 3 समान आकार के रंग के तरल क्रिस्टल (LCD) बहु-प्रकार्य प्रदर्शन (MFDs) एवं OLS के लिए एक अतिरिक्त प्रदर्शन से प्रतिस्थापित (मिग-35D के पीछे के कॉकपिट में चार LCD लगे हैं) भी किया जा रहा है।
संवेदक
नए संशोधनों में नए तरीके से घुमावदार फैज़ोट्रोन ज़्हुक-AE एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) वाला रडार और एक नए तरीके से डिजाइन किया गया OLS से संयुक्त जटिल ऑपट्रोनिक शामिल है जो पिछले IRST संवेदक को हटाकर लगाया गया है। हवा लेने वाले दाहिने हिस्से पर एक अतिरिक्त OLS के तहत, प्रत्येक पंखे के टिप पर एक जोड़ी लेजर उत्सर्जन डिटेक्टर लगाए गए हैं।
फैज़ोट्रोन ज़्हुक-AE AESA रडार आवृत्ति रेंज के ऑपरेटिंग को व्यापकता प्रदान करता है, जिससे इलेक्ट्रॉनिक प्रत्युपाय (ECM) को अधिक प्रतिरोध मिलते हैं, हवा और जमीन के लक्ष्य का और अधिक का पता लगाया जाता है, साथ ही साथ उनको निशाने पर निपटाया जा सकता है। रडार की खोज करने (पता लगाने) की अधिकतम सीमा हवाई निशानों के लिए 160 किमी (86 नॉटिकल मील) एवं जलयानों के लिए 300 किमी (160 नॉटिकल मील) मानी गयी है।[१]
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का एक नया विकास, OLS में, एक लोहे के शिरस्त्राण (हेलमेट) जैसा लक्ष्यीकरण प्रणाली शामिल है, जो जमीनी और हवाई दोनों ही निशाने को आगे से और विमान के पीछे गोलार्द्धों में जमीन हवा लक्ष्य के लिए समाधान प्रदान करते हैं। पिछले IRST संवेदक से सबसे महत्वपूर्ण अंतर यह है कि नया उपकरण न केवल एक बेहतर संचालन सीमा प्रदान करता है बल्कि हाथ से संचालनीय प्रदर्शन विकल्प भी मुहैया कराता है, जो IR दृश्य, टीवी मोड अथवा दोनों का ही समन्वय प्रदान करता है जो मानव-मशीन को उल्लेखनीय ढंग से उन्नत करता है। नाक (थुथने) पर लगा OLS, IRST के रूप में कार्य करता है जबकि हवा खींचने वाले दाहिने हिस्से पर लगा OLS जमीनी मार के संकेतक के रूप में कार्य करता है।
हवाई मुकाबले में, ऑपट्रोनिक सूट निम्नलिखित अनुमति प्रदान करता है:
- 45 किमी और उससे अधिक की सीमा में गैर जलनशील लक्ष्यों की पहचान;
- 8 से 10 किमी की सीमा में, अवस्थित लक्ष्यों की पहचान करना; तथा
- 15 किमी की सीमा तक के हवाई लक्ष्य (निशाने) का अनुमान लगाना.
जमीनी लक्ष्यों के लिए, सूट निम्नलिखित अनुमति प्रदान करता है:
- टैंक-प्रभावी पता लगाने की सीमा 15 किमी तक है और विमान वाहक का पता लगाने की सीमा 60 से 80 किमी तक की है;
- टैंक के प्रकार की पहचान की सीमा 8 से 10 किमी है और एक विमान वाहक की 40 से 60 किमी है; और
- जमीनी लक्ष्य के रेंज का 20 किमी तक का अनुमान.
रक्षात्मक प्रणाली उपकरण में टोही रडार, इलेक्ट्रॉनिक प्रत्युपाय और ऑप्टिकल प्रणाली - विशेष रूप से प्रत्येक विंगटिप पर लेजर डिटेक्टर उत्सर्जन - जो आने वाले खतरे का पता लगाने और मूल्यांकन करने तथा अवरक्त श्रेणियों से आने वाली धमकी की प्रतिक्रिया के लिए डिस्पेंसर्स रडार का संचालन करने में सक्षम हैं।
खुली वास्तुकला
मिग-35 जहाज पर उपकरणों का अंतिम विन्यास जानबूझकर MIL-STD-1553 बस का उपयोग कर खुला छोड़ दिया गया है।[१६] इस हवाई जहाज के लिए एक खुली वास्तुकला विन्यास का मुख्य लाभ यह है कि भविष्य के ग्राहकों को रूसी, फ्रेंच और इजरायल की कंपनियों द्वारा निर्मित घटकों और सिस्टम से चयन का विकल्प होगा. रामेन्स्को डिजाइन कंपनी (Ramenskoe Design Company) संपूर्ण रूप से सिस्टम समाकलक के रूप में काम करेगी.[१५]
विनिर्देशन
- मिग-35 वर्तमान समय में विकासमान है। नीचे सूचीबद्ध सूचना प्रारंभिक है और यह बदल भी सकती है।
Mikoyan MiG-29M2 data,[१७] Aero India,[७] deagel.com,[१८] ASD-network,[१९] and Rian.ru[२०] से डेटा
सामान्य लक्षण
- चालकदल: one or two
- लंबाई: 19 मी (62 फीट 4 इंच)
- पंख फैलाव: 15 मी (49 फीट 3 इंच)
- ऊंचाई: 6 मी (19 फीट 8 इंच)
- खाली वजन: 11,000 किलोग्राम (24,250 पौंड)
- उपयोगी भार: 17,500 किलोग्राम (38,600 पौंड)
- अधिकतम उड़ान वजन: 29,700 किलोग्राम (65,500 पौंड)
- पावर प्लांट: 2 × Klimov RD-33MK afterburning turbofans
- मूल थ्रस्ट: 5,400 किलोग्राम-बल, 53.0 किलोन्यूटन (11,900 पौंड-बल) प्रत्येक से
- आफ्टरबर्नर के साथ थ्रस्ट: 9,000 किलोग्राम-बल, 88.3 किलोन्यूटन (19,800 पौंड-बल) प्रत्येक से
प्रदर्शन
- अधिकतम गति: मैक 2.25 (2,400 किमी/घंटा, 1,491 मील/घंटा) at altitude
- रेंज: 2,000 किमी (1,240 मील)
- फेरी रेंज: 3,100 किमी (1,930 मील) with 3 external fuel tanks
- अधिकतम सेवा सीमा: 17,500 मी (57,400 ft)
- आरोहन दर: 330 m/s (65,000 फीट/मिनट)
- थ्रस्ट/वजन: 1.03
- गन्स: 1× 30 mm GSh-30-1 cannon, 150 rounds
- हार्ड प्वाइंट: 9 total (8× under-wing, 1× centre-line) over 6,500 किलोग्राम external fuel and ordnanceसाँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed] की क्षमता के साथ
- रॉकेट्स: S-8, S-13, S-24, S-25L, S-250 unguided and laser-guided rockets
- मिसाइलें:
- Air-to-air:
- AA-10 Alamo: 4× R-27R, R-27T, R-27ER, R-27ET
- AA-8 Aphid: 4× R-60M
- AA-11 Archer: 8× R-73E, R-73M, R-74M
- AA-12 Adder: 8× R-77
- Air-to-surface:
- AS-17 Krypton: 4× Kh-31A, Kh-31P
- AS-14 Kedge: 4× Kh-29T, Kh-29L
- AS-20: 4× Kh-59
- Air-to-air:
- बम:
- Guided:
- KAB-500L: 500 किलोग्राम laser-guided bomb
- KAB-500T: 500 किलोग्राम TV-guided bomb
- Unguided:
- FAB-250: 250 किलोग्राम bomb
- FAB-500: 500 किलोग्राम bomb
- ZAB-500 fuel-air explosive Bomb
- Guided:
- Phazotron Zhuk AE AESA radar (or other members of the Zhuk radar family)[२१]
- NII PP Optical Locator System
इन्हें भी देखें
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सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- मिग-35/मिग-35D पर RAC मिग कॉर्पोरेशन पृष्ठ
- RD-33 इंजन पर क्लिमोव पृष्ठ
- RD-33MK 'समुद्री ततैया' इंजन पर क्लिमोव पृष्ठ
- मिग-29M OVT वेरियंट में इस्तेमाल किए जाने वाले OVT थ्रस्ट वेक्टरिंग नोज़ल पर किल्मोव पृष्ठ
- "रूस भारत को मिग-35 की पेशकश करेगा", RIA नोवोस्टी
- "रूस ने भारत को मिग-35 लड़ाकू विमानों की पेशकश करने का निश्चय किया", टाइम्स ऑफ इंडिया
- द्वितीय मिग-35 का चित्र - यह भावी उत्पादन संस्करण का एक रूप है
- रूस भारत को अपना नवीनतम लड़ाकू जेट विमान बेचता है, RIA नोवोस्टी, 12:24
| 23/02/2007
साँचा:Mikoyan aircraft साँचा:aviation lists
- ↑ अ आ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ मिग-35/मिग-35D स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।. RAC मिग कॉर्पोरेशन
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ मिग-35 पृष्ठ स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।. एवियापीडिया
- ↑ अ आ इ ई मिग-35/मिग-35D स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, रशियन एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन मिग.
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ अ आ "एयरो इंडिया 2007 के दौरान बैंगलोर में रूस द्वारा नवीनतम मिग-35 का अनावरण" स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।. इंडिया डिफेन्स, 02-02-2007
- ↑ http://www.aeroindia.in/pdf/exhibitors.pdfसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- ↑ साँचा:cite journal
- ↑ मिग-35 '967' की तस्वीर. Airliners.net
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ एवियापीडिया » क्लिमोव लड़ाकू विमान के इंजन का वीडियो. स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।RD-33 स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ अ आ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
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- ↑ MiG-29M2 product page
- ↑ MiG-35 page. deagel.com.
- ↑ MiG-35 debut at AeroIndia-2007, (ferry range with three external up to 3,100 किमी MiG-35), ASD-Network.com
- ↑ http://en.rian.ru/infographics/20090219/120216946.html
- ↑ defense-update.com Zhuk AE