महाद्वीपीय मग्नतट

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महाद्वीपीय ताक (Continental shelf) सागर या महासागर में जल के भीतर धरती का एक ताक होता है जो किसी महाद्वीप का समुद्रतल से कम ऊँचाई वाला अंश हो। महाद्वीपीय ताक पर पानी की गहराई कम होती है और ताक के अन्त से आगे महाद्वीपीय ढलान में गहराई बढ़ने लगती है। हिमयुगों के दौरान, जब समुद्रजल का कुछ हिस्सा ब़र्फ में जमा होने के कारण समुद्रतल गिर जाता है, जो महाद्वीपीय ताक का एक बड़ा भाग पानी से ऊपर निकलकर धरती बन जाता है।[१][२]

स्थलाकृति

महाद्वीपीय ताक का अन्त ऐसे स्थान पर होता है जहाँ से नीचे की ओर ढलान बढ़ने लगती है। इस स्थान को ताक अन्त (shelf break) कहा जाता है। इसके बाद का क्षेत्र महाद्वीपीय ढलान (continental slope) कहा जाता है। इस से आगे महाद्वीपीय चढ़ाव (continental rise) का क्षेत्र आता है जो गहरे महासागर फ़र्श पर अतल मैदान (abyssal plain) में परिवर्तित हो जाता है। विश्वभर में ताक अन्त की गहराई लगभग समान है और १४० मीटर (४६० फ़ुट) पाई जाती है। यह एक आश्चर्यजनक बात है और भूवैज्ञानिक इसका कारण यह अनुमान लगाते हैं कि यह शायद हिमयुग के समय विश्वभर के समुद्रों की सतह रही होगी।[३]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Gross, M. Grant (1972). Oceanography: A View of the Earth. Englewood Cliffs: Prentice-Hall. ISBN 978-0-13-629659-1. Retrieved 12 January 2016.
  2. Pinet, Paul R. (2003). Invitation to Oceanography स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।. Boston: Jones & Bartlett Learning. ISBN 978-0-7637-2136-7. Retrieved 13 January 2016.
  3. "South Asian Seas: A Review of the Oceanography, Resources, and Environment स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।," Philomène A. Verlaan, Environment and Policy Institute, East-West Center, 1991, ISBN 978-0-86638-147-5, ... The shelf break is usually at 140-m depth (ibid.), marking the lowest sea level stand during the Pleistocene glaciation (Gross 1982:46) ...