भीनमाल
भीनमाल | |
— शहर — | |
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
देश | साँचा:flag |
राज्य | राजस्थान |
नगर पालिका अध्यक्ष | विमला सुरेश बोहरा |
विधायक | पूराराम चौधरी |
जनसंख्या | 56,278 (1) (साँचा:as of) |
क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) |
• साँचा:m to ft |
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साँचा:coord भीनमाल (Bhinmal) राजस्थान राज्य के जालौर जिले के अन्तर्गत भारत का एक ऐतिहसिक शहर है।साँचा:ifsubst
शहर प्राचीनकाल में 'श्रीमाल' नगर के नाम से जाना जाता था। "श्रीमाल पुराण" व हिंदू मान्यताओ के अनुसार विष्णु भार्या महालक्ष्मी द्वारा इस नगर को बसाया गया था। इस प्रचलित जनश्रुति के कारण इसे 'श्री' का नगर अर्थात 'श्रीमाल' नगर कहा गया। प्राचीनकाल में गुजरात राज्य की राजधानी रहा भीनमाल संस्कृत साहित्य के प्रकाण्ड विद्वान महाकवि माघ एवँ खगोलविज्ञानी व गणीतज्ञ ब्रह्मगुप्त की जन्मभूमि है। यह शहर जैन धर्म का विख्यात तीर्थ है।
भीनमाल का इतिहास
भीनमाल शहर प्राचीनकाल में गुजरात राज्य की राजधानी था। पुरातनकाल में यह भिल्लमाल के नाम से भी जाना जाता था। ईस्वी सन् 641 में चीनी यात्री ह्वैंसान्ग यहाँ आया था, उसके अनुसार यह क्षेत्र प्रतिहार राजपूत रियासत थी। [१]यहाँ का राजा क्षत्रिय राजपूत था। वह बेहद बुद्धिमान एवँ युवा था। इस शहर में ब्राह्मण,बौद्ध एवँ जैन धर्मावल्म्बी रहते थे। चीनी यात्री ह्वैंसान्ग के यात्रा वर्णन के अनुसार तत्कालीन समय में भीनमाल पश्चिमी भारत का एक वैभवमय महत्वपूर्ण शहर था। इस शहर के 84 दरवाजे थे। उस समय में यहाँँ ब्राह्मण वर्ग का यहाँँ बहुल्य था, तथा जैन व बौद्ध धर्म का प्रसार भी काफी था। यहाँँ जैनो व बोद्धो की अनेक पौषाले थी।
राजा मान प्रतिहार जालोर में भीनमाल शासन कर रहे थे जब परमार सम्राट वाक्पति मुंज (९-२- ९९ ० ९ ०) ने इस क्षेत्र पर आक्रमण किया - इस विजय के बाद इन विजित प्रदेशों को अपने परमार राजकुमारों में विभाजित किया - उनके पुत्र अरण्यराज परमार को अबू क्षेत्र, उनके पुत्र और उनके भतीजे चंदन परमार को, धारनिवराह परमार को जालोर क्षेत्र दिया गया। इससे भीनमाल पर प्रतिहार शासन लगभग 250 वर्ष का हो गया। [२] राजा मान प्रतिहार का पुत्र देवलसिंह प्रतिहार अबू के राजा महिपाल परमार (1000-1014 ईस्वी) का समकालीन था। राजा देवलसिम्हा ने अपने देश को मुक्त करने के लिए या भीनमाल पर प्रतिहार पकड़ को फिर से स्थापित करने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन व्यर्थ में। वह चार पहाड़ियों - डोडासा, नदवाना, काला-पहाड और सुंधा से युक्त, भीनमाल के दक्षिण पश्चिम में प्रदेशों के लिए बस गए। उन्होंने लोहियाना (वर्तमान जसवंतपुरा) को अपनी राजधानी बनाया। इसलिए यह उपकुल देवल प्रतिहार बन गया। [३] धीरे-धीरे उनके जागीर में आधुनिक जालोर जिले और उसके आसपास के 52 गाँव शामिल थे देवल ने जालोर के चौहान कान्हाददेव के अलाउद्दीन खिलजी के प्रतिरोध में भाग लिया। लोहियाणा के ठाकुर धवलसिंह देवल ने महाराणा प्रताप को जनशक्ति की आपूर्ति की और उनकी बेटी की शादी महाराणा से की, बदले में महाराणा ने उन्हें "राणा" की उपाधि दी, जो इस दिन तक उनके साथ रहे। [४] इस शहर के वैभव के कारण यहाँँ मुगल आक्रांताओँ ने कई बार आक्रमण किये। इस्वी सन् 1310 में मुगल शाशक अल्लाउद्दिन खीलजी द्वारा यह शहर लूटा गया। पन्द्रहवी शताब्दी में लिखित "खान्देद प्रबंध" में इस शहर के वैभव का सम्पूर्ण वर्णन मिलता है जिसके मुतबिक वर्गाकार क्षेत्र में बसा हुए भीनमाल के 84 दरवाजे थे तथा यहाँँ पर कई इस्लामिक आक्रमण हुए।
प्राचीनकाल से यहाँँ अनेक जैन तीर्थंकर व हिंदू दैवी-देवताओ यथा गणपति, शिवलिंग(शंकर), चण्डिका देवी, अम्बे माता, क्षेमंकरी माता, वराहश्याम आदि के मंदिर है। वर्तमान में अनेको जैन मंदिर है जिनमें तेईसवे जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ एवँ अंतिम जैन तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का मंदिर काफी विख्यात है। बुद्ध-वास में बने हुए महावीर स्वामी मंदिर का निर्माण गुर्जर शाशक "कुमारपाल महाराजा" द्वारा करवाए जाने का उल्लेख है। इसकी प्रतिष्ठा व अंजंनशलाका जैनाचार्य हैमचंद्राचार्य द्वारा की गई थी। उस समय यहाँँ प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव जी की प्रतिमा स्थापित की गई थी। कलांतर में हुए विभिन्न जीर्णोद्धार में वर्तमान मूलनायक महावीर स्वामी जी हो गये।
भीनमाल विद्वानों व साहित्य मनीषीयों का गढ़ था, जिनकी विद्वता एवँ ज्ञान की कीर्ति पताका का बोलबाला सुदूर पूर्व तक फैला हुआ था। सम्राट भोजदेव के समकालीन रहे संस्कृत सहित्य के प्रकाण्ड विद्वान महाकवि माघ का जन्म यहीं हुआ था। इस्वी सन् 680 में उन्होनें "शिशुपाल वध्" नामक काव्य ग्रंथ की रचना यहाँ की थी। इस्वी सन् 598 में राजा हर्षवर्धन के समकालीन रहे गणितज्ञ व सुविख्यात खगोल विज्ञानी ब्रह्मगुप्त का यहाँ जन्म हुआ था। जिन्होने 628 में "ब्रह्म स्फुट सिद्धांत" तथा 665 में 'खण्ड्-खण्डकव्य' की रचना की थी। जैन धर्म के कई प्राचीनतम ग्रंथों की रचना स्थली भीनमाल है। इनमें यहाँँ जन्मे सुविख्यात जैन आचार्य सिद्धऋषी गणि की इस्वी सन् 905 मैं संस्कृत सहित्य की महत्वपूर्ण रचना 'उपमिति भव प्रप्रंच कथा', जैनाचार्य विजय गणि कि 'जैन रामायण्' (1595), एवँ आचार्य उध्योतन सुरी कृत "कुवयलमाला" आदि प्रमुख है।
जैन धर्म का भीनमाल में प्रभाव
अनेक ऐतिहासिक उतार चढावों का गवाह भीनमाल शहर जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल पुरातनकाल से रहा है। ईस्वी सन् 1277 (विक्रम सम्वत्-1333) के एक पुरातन शिलालेख पर जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर महावीर स्वामी जी के जीवंत स्वामी स्वरुप में यहाँँ पधारने के उल्लेख है।
भूगोल
भीनमाल 25.0° उत्तर अक्षांश तथा 72.25° पूर्व देशांतर पर अवस्थित है। इस शहर की समुद्र तल से ऊचाँई 146 मीटर (479 फिट) है।
अर्थव्यवस्था
- भीनमाल शहर व समूचे उपखंड क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि जन्य उत्पादो,पशुपालन व डैरी उत्पाद पर निर्भर है। ईसबगौल,तिलहन व सरसों इस क्षेत्र के मुख्य कृषि उत्पाद हैं, तथा जीरा,बाजरा,गेहूँ,मूँग,सरसों,ज्वार व आदि खरीफ की फसल भी बहुतायात में होती है। कृषि उत्पादो के सुमुचित क्रय-विक्रय के लिये यहाँँ "कृषि उपज मन्डी समिति" नामक सहकारि संस्थान सरकारी दिशा निर्देशो के साथ कार्यरत है।
- भारत सरकार का "फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI)" का अनाज भण्डारण कार्यालय भी यहाँँ कार्यरत है।
- शहरी क्षेत्र में उद्धोगीकरण को बढावा देने के लिए राजस्थान राज्य औधोगिक विकास एवँ वित्त निगम (रिको) द्वारा औधोगिक क्षेत्रों का निर्माण किया गया है। वर्तमान में इन क्षेत्रों में मार्बल, ग्रेनाइट, सरसो तेल, बर्फ जैसे उत्पादों के तथा कुछ अन्य उद्धोग कार्यरत है।
- भीनमाल मेंँ चमड़ा उद्योग भी काफी फैला हुआ है। यहाँँ चमडे की श्रेष्ठतम जूतियोँ (मोजडी) का ह्स्तकला आधारित निर्माण एवँ करोबार होता है।
- इसके अतिरिक्त सभी बजारभूत उपभोक्ता सामान के खरीद- विक्री का मुख्य स्थल भी है।
- भीनमाल शहर मेंं वस्त्र का कारोबार भी बहुत अधिक है। यहाँं फैशन और गारमेंंट्स की कई वस्त्र की दुकान है।
आधारभूत सुविधाएँ
यातायात
- रेल सेवा-भीनमाल उत्तर-पश्चिम रेलवे के समदडी-भीलडी रेल खंड से जुड़ा एक महत्वपूर्ण रेलवे स्थानक (स्टेशन) है तथा स्थानक का औपचारिक नाम "मारवाड़ भीनमाल" है।
- सड़क परिवहन- सड़क मार्ग द्वारा भीनमाल देश भर के सभी स्थलो से जुड़ा हुआ है। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (राज्य सरकार संचालित बस सेवा) सभी महत्वपूर्ण स्थलो से बस सेवा का परिचालन करता है। नई दिल्ली, जयपुर, उदयपुर जोधपुर,अहमदाबाद मुम्बई आदि से भीनमाल तक सीधी बस सेवाऍ उपलब्ध है। शहर में आटो रिक्शा एक महत्वपूर्ण यतायात साधन है।
विद्युत
भीनमाल शहर एवँ भीनमाल उपखण्ड क्षेत्र (उप जिला क्षेत्र) के सभी ग़ावँ विद्युत सेवा से जुड़े हुए हैं। राजस्थान सरकार के बिजली विभाग द्वारा का 220 के.वी. क्षमता का एक "सब ग्रिड स्टेशन" यहाँँ वर्तमान में कार्यरत है। "पावर ग्रिड कर्पोरेशन आँफ इण्डिया" यहाँँ दूसरा 400 के.वी. क्षमता का एक ग्रिड स्टेशन का निर्माण कर रहा है, जिससे समूचे मारवाड़ क्षेत्र में भीनमाल से बिजली प्रदान की जायेगी।
पेयजल
भीनमाल नगर की पेयजल व्यवस्था राजस्थान सरकार का जन स्वास्थ्य आभियांत्रिकि विभाग (PHED) करता है। निकटवर्ति धनवाडा, साविदर व राजपुरा गावँ पेय जल के मुख्य स्रोत है। ग्रामिण क्षेत्र में सिचाँइ तथा पेय जल व्यस्था कुएँ व टयुब वेल जैसे पारम्परिक जल स्रोतो पर निर्भर है। बांडी सिन्धरा बांध से पेयजल की आपूर्ति भी होती है, यहाँँ ऐतिहासिक बावड़ीया भी मौजूद है दादेली बावड़ी, प्रताप बावड्री, तबली बावड़ी, चण्डीनाथ बावड़ी बनी हुई जिससे पहले भीनमाल के लोग पानी पिया करते थे,
शिक्षा
भीनमाल शहर में प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा के विविध संस्थान मौजूद है। यहाँ राजस्थान सरकार संचालित जी.के.गोवाणी राजकीय स्नातकोतर महाविधालय मेंँ कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय में स्नातकोतर स्तर की शिक्षा (2013 से) प्राप्त करने की सुविधा है। यह महाविधालय जयनारायण व्यास विश्वविधालय. जोधपुर से सम्बद्ध है। राजस्थान शासन के शिक्षा विभाग द्वारा संचालित तीन उच्च माध्यमिक सहित अनेक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विधालय तथा तकरिबन 50 निजि शिक्षण संस्थान यहाँँ कार्यरत है। बीएड, पॉलिटेक्निक, बीएससी नर्सिग व वेटेरनरी निजी महाविधालय है, युवाओ के कौशल विकास एवं रोजगार परक प्रशिक्षण हेतु भारत सरकार के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम का अधिकृत प्रशिक्षण केन्द्र राजस्थान इंस्टीट्युट ऑफ युथ अवेयरनेस स्थित है।
संचार सुविधाएँ
भीनमाल शहर में बेसिक टेलिफोन, मोबाइल सेवा, फेक्स व इंटरनेट आदि सभी संचार सेवाएँ मौजूद है। सरकारी संचार सेवा प्रदाता भारत संचार निगम लिमिटेड (बी.एस.एन.एल.) तथा सभी निजि संचार कम्पनियो की सेवाएँ यहाँँ उपलब्ध है। नगर में तीन पोस्ट आफिस कार्यरत है, जिनमें मुख्य पोस्ट आफिस में तार (टेलिग्राम) सेवा व विविध डाक सेवाए उपलब्ध है।
चिकित्सा
शहर में सभी प्रकार की चिकित्सा सुविधाएँ हैं। राज्य सरकार के चिकित्सा विभाग के अधीन एक सुविधा सम्पन्न रेफरल अस्पताल तथा एक आयुर्वैदिक चिकित्सालय का परिचालन होता है। इसके अतिरिक्त कई निजि चिकित्सालय व नर्सिंग होम भी कार्यरत
खैल-कुद
शहर में खेल-कूद की श्रेष्ठतम सुविधाएँ हैं। यहाँँ शिवराज स्टेडियम नामक एक क्रिकेट स्टेडियम है;जिसमें सभी इनडोर व आउटडोर खेल सुविधाए है। दिसम्बर 1985 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट स्पर्धा "रणजी ट्राफी" के आयोजन से इसका उदघाट्न हुआ था। वर्तमान में प्रतिवर्ष राज्य स्तर का बेडमिंटन टुर्नामेंंट यहाँँ आयोजित होता है।
बेंकिंग
भीनमाल शहर में श्रेष्ठ बेंकिंग सुविधाएँ उपलब्ध है। यहाँ पर राष्ट्रियकृत बैंक क्रमशः स्टेट बेंक आँफ बीकानेर एंड जयपुर, पंजाब नेशनल बेंक, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, बैंक ऑफ बडौदा, आई सी आई सी आई बैंक ,येश बैंक लोकल बैंक क्रमशः आदर्श कॉ ऑपरेटिव बैंक, जालौर नागरिक सहकारी बैंक, जालौर सेन्ट्रल कॉ ऑपरेटिव बैंक, एन.पी. क्रेडिट को-ओपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड., की शाखाएँ कार्यरत है। सभी राष्ट्रियकृत बैंक पूर्णतः संगणिकृत (कम्पुटराइज्ड) व ए.टी.एम. तथा आन-लाइन बेंकिंग सुविधा प्रदान करते हैं।
पुस्तकालय
शहर में नगरपालिका मण्डल द्वारा एक सार्वजनिक पुस्तकालय व वाचनालय तथा सरस्वती मंदिर द्वारा एक निजि वाचनालय संचालित है।
ठहरने के स्थान (होटल)
शहर में विविध प्रकार के आधिनिक सुविधा-सम्पन्न ठहरने के अनेक होटल मौजूद हैं। जिनमें होटल सम्राट, साईं पैलेस, राजदीप, नीलकमल, सूर्य-किरण, होटल सागर पैलेस, गुरूदेव गेस्ट हाउस आदि प्रमुख हैं। राजस्थान राज्य सरकार के सार्वजनिक निर्माण विभाग (पी.डबल्यु.डी.) के अधीन एक डाक बंगलो का परिचालन होता है। शहर से 25 कि.मी.की दूरी पर दासपॉ गावँ में एक हेरिटेज होटेल केसल दुर्जन निवास भी है।
प्रशासनिक ढाँचा
- भीनमाल जालौर जिले का एक महत्वपूर्ण उपखण्ड (उप जिला) है। इस उपखण्ड क्षेत्र के अधीन भीनमाल, रानीवाडा व सांचोर जैसे तीन तहसील क्षेत्र व चार पंचायत समीति क्षेत्र क्रमशः भीनमाल, रानीवाडा, सांचोर व जसवंतपुरा आते हैं। यहाँँ पर राज्य सरकार की तरफ से बतौर प्रशासनिक अधीकारी उपजिलाधीश (एस.डी.ओ.) कार्यरत है। जिसके जिम्मे प्रशासनिक कार्य तथा समस्त प्रशासनिक शक्तियाँ निहित है।
- शहर का समस्त नागरिक सुविधा प्रबंधन स्थानीय निकाय "नगरपालिका मण्डल भीनमाल" (बी.एम.सी.) करती है। नगर पालिका क्षेत्र के 30 वार्ड में से सीधे जनता द्वारा 30 नगर पार्षद (जनप्रतिनिधि) चुने जाते हैं। यह 30 वार्ड पार्षद नगरपालिका अध्यक्ष का चुनाव करते हैं। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा तीन पार्षदो का मनोयन भी किया जाता है व क्षेत्रिय विधायक को भी चुनावी मताधिकार होता है। नगर पालिका के समस्त प्रशासनिक कार्यो के लिए राजस्थान शासन द्वारा एक अधिशाषी अधिकारी (ई.ओ.) नियुक्त होता है।
जनसंख्या
सन् 2008 की जनगणना के मुताबिक भीनमाल शहर की जनसंख्या 56,278 है। 2001 जनगणना के अनुसार पुरुष अनुपात 53% तथा महिला 47% है। शहर की साक्षरता दर 52 % है जिसमे पुरुष साक्षरता दर 67 % तथा महिला साक्षरता दर 36% है।
भीनमाल के धार्मिक स्थल
जैन मंदिर
- महावीर स्वामी जैन मंदिर
- पार्श्वनाथ जैन मंदिर (हाथी पोल)
- शांतीनाथ जैन मंदिर (गणेश चौक)
- गाँधी मेहता वास 4 जैन मंदिर समुह
- नाकोड़ा पार्श्वनाथ जैन मंदिर
- रिद्धि-सिद्धि पार्श्वनाथ जैन मंदिर
- चोमुखजी जैन मंदिर (वीज़ू बाई का मंदिर)
- मनमोहन पार्श्वनाथ जैन मंदिर
- जगवल्लभ पार्श्वनाथ जैन मंदिर (स्टेशन रोड)
- पद्मप्रभु जैन मंदिर, (माघ कोलोनी)
- जीरावला पार्श्वनाथ जैन मंदिर, (माघ कोलोनी)
- सीमंधर स्वामी जैन मंदिर, (माघ कोलोनी)
- शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन मंदिर
- गौड़ी पार्श्वनाथ जैन मंदिर
- कीर्ति स्तंभ जैन मंदिर
- बाफ़ना वाडी जैन मंदिर (3 मंदिर समुह)
- शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन मंदिर (धोरा-ढाल)
- कुंथुनाथजी जैन मंदिर (हुंन्डिया वास)
- 72 जिनालय
हिंदू मंदिर
- निम गौरिया क्षैञपाल मंदिर
- वाराहश्याम मंदिर (एकमात्र वराह मंदिर)
- चंडीनाथ महादेव मंदिर
- नीलकंठ महादेव मंदिर
- क्षेमंकरी माताजी मंदिर (पर्वतमाला पर स्थित)
- महालक्ष्मी मंदिर (महालक्ष्मी रोड)
- महालक्ष्मी कमलेश्वरी मंदिर (ढोरा-ढाल)
- संतोषी माता मंदिर (ढोरा-ढाल)
- श्री सुरभी बगस्थली माता मंदिर
- गायत्री मंदिर
- त्रयम्बकेश्वर महादेव मंदिर
- बाबा रामदेवजी मंदिर
- विश्वकर्मा मंदिर
- फाफरिया हनुमान मंदिर
- भीमनाथ महादेव मंदिर
- सरस्वती मंदिर
- गणेश मंदिर (गणेश चौक)
- भबूतरगिरीजी मठ मंदिर (पाँच पादरा) 15 km
- सुन्धामाता मन्दिर (25 km)
- जांभोजी मंदिर बिश्नोई धर्मशाला
ऐतिहासिक स्थल
- चण्डीनाथ बावड़ी
- दादेली बावड़ी
- जाकोब तालाब
- बाल समन्द तालाब
- त्रयम्ब्केश्वर सरोवर (तलबी)
- जीवदया गौशाला
- हाथी पोल
- रानेश्वर महादेव
- चामुंडा माता मंदिर
दूरियाँ
नजदिकी हवाई अड्डा-:
सड़क मार्ग-: