भास्कराचार्य द्वितीय के सूत्र की उपपत्ति
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द्विघात समीकरण के मूल निकालने का सूत्र भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ भास्कराचार्य (भास्कर द्वितीय) ने निकाला था।
इसमें दो चर <math> x_1,x_2\,</math> प्राप्त करने हैं जो समीकरण <math> ax^2+bx+c=0 \,</math> को सन्तुष्ट करते हैं।
सरल विधि : चर को बदलकर
यदि <math> 2m = b/a </math> तथा <math> n = c/a</math> रखते हुए चर को बदल दिया जाय तो यह सरल हो जाता है-
- <math> ax^2+bx+c=0 \,</math>
- उपरोक्त अनुसार चर को बदलने पर,
- <math> x^2 + 2mx + n = 0 \,</math>
- दोनों पक्षों में<math> m^2</math> जोड़ने तथा n घटाने पर,
- <math> x^2 + 2mx + m^2 = m^2 -n \,</math>
- हम देखते हैं कि बांया पक्ष पूर्ण वर्ग है।
- <math> (x+m)^2= m^2 - n \,</math>
- दोनों पक्षों का वर्गमूल लेने पर,
- <math> x+m = \pm \sqrt{m^2-n} \,</math>
- <math>m</math> को दाएं पक्ष में ले जाने पर,
- <math> x = -m \pm \sqrt{m^2-n} \,</math>
- सबसे ऊपर किए गये चर परिवर्तन को <math>m = b/2a</math> तथा <math>n = c/a</math> रखकर हटाने पर,
- <math> x = -\frac{b}{2a} \pm \sqrt{\left(\frac{b}{2a}\right)^2- \frac{c}{a}} \,</math>
- अन्ततः मूलों के लिए हमें निम्नलिखित सूत्र प्राप्त होता है-
- <math> x = \frac{ -b \pm \sqrt{b^2-4ac}}{2a} \,</math>
उपपत्ति
- निम्नलिखित द्विघात समीकरण लेते हैं-
- <math> ax^2+bx+c=0 \,</math> con <math> a \neq 0 </math>
- दोनों पक्षों में <math>4a</math> से गुणा करने पर,
- <math> 4a^2x^2+4abx+4ac=0 \,</math>
- दोनों तरफ <math> b^2</math> जोड़ने पर,
- <math> b^2+4a^2x^2+4abx+4ac=b^2 \,</math>
- या,
- <math> 4a^2x^2+4abx+b^2 = b^2 - 4ac \,</math>
- बाएं पक्ष को पूर्ण वर्ग के रूप में लिखने पर,
- <math> (2ax+b)^2=b^2-4ac \,</math>
- दोनों पक्षों का वर्गमूल लेने पर,
- <math> 2ax+b=\pm\sqrt{b^2-4ac} \,</math>
- <math>b</math> को दाएँ पक्ष में ले जाने पर,
- <math> 2ax=-b\pm \sqrt{b^2-4ac} \,</math>
- चूंकि <math> a \neq 0 </math> , दोनों तरफ <math>2a</math> से भाग करने पर,
- <math> x_{1,2}= \frac{ -b \pm \sqrt{b^2-4ac}}{2a} \,</math>