ब्राह्मी परिवार की लिपियाँ
ब्राह्मी |
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ब्राह्मी तथा उससे व्युत्पन्न लिपियाँ |
ब्राह्मी परिवार उन लिपियों का परिवार हैं जिनकी पूर्वज ब्राह्मी लिपि है। इनका प्रयोग दक्षिण एशिया, दक्षिणपूर्व एशिया में होता है, तथा मध्य व पूर्व एशिया के कुछ भागों में भी होता है।
इस परिवार की किसी लेखन प्रणाली को ब्राह्मी-आधारित लिपि या भारतीय लिपि कहा जा सकता है।
इन लिपियों का प्रयोग कई भाषा परिवारों में होता था, उदाहरणार्थ भारोपीय, चीनी-तिब्बती, मंगोलियाई, द्रविडीय, ऑस्ट्रो-एशियाई, ऑस्ट्रोनेशियाई, ताई और सम्भवतः कोरियाई में। इनका प्रभाव आधुनिक जापानी भाषा में प्रयुक्त अक्षर क्रमांकन पर भी दिखता है।
इतिहास
ब्राह्मी-आधारित लिपियाँ ब्राह्मी लिपि से उपजी हैं। ईसा पूर्व तीसरी सदी में अशोक के राज्यकाल में ब्राह्मी का प्रयोग का साक्ष्य मिलता है, उन्होंने इस लिपि का इस्तेमाल साम्राज्यीय शिलालेखों के लिए किया था। लेकिन इसके अलावा, हाल ही में, श्री लंका में अनुराधापुर में ईसा पूर्व छठी सदी के समय के मिट्टी के बर्तनों पर सिंहल ब्राह्मी में लिखे कुछ भंजित शिलालेख मिले हैं[१]। ईसा पूर्व चौथी या पाँचवी सदी के तमिल ब्राह्मी के नमूने भी भट्टिप्रोलु व अन्यत्र मिले हैं।
गुप्त वंश के समय उत्तरी ब्राह्मी से गुप्त लिपि आई और मध्यकाल में कई लिखावटों की जननी बनी, इनमें सिद्धम, शारदा और नागरी प्रमुख हैं।
सिद्धम (कांजी: 悉曇, आधुनिक जापानी उच्चारण: शित्तन) लिपि बौद्ध धर्म के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण थी क्योंकि कई सूत्र इसी में लिखे गए थे और आज भी जापान में सिद्धम सुलेख की कला कायम है।
दक्षिणी ब्राह्मी से ग्रन्थ लिपि व अन्य लिपियों की उपज हुई और फिर इनसे दक्षिणपूर्व एशिया की कई लिपियाँ बनीं।
तीसरी सदी में भट्टिप्रोलु बौद्ध धर्म का एक बड़ा केन्द्र था, यहीं से बौद्ध धर्म पूर्वी एशिया में फैला। आधुनिक तेलुगु लिपि भट्टिप्रोलु लिपि या 'कन्नड-तेलुगु लिपि' से ही जनित है, इसे 'प्राचीन कन्नड़ लिपि' भी कहते हैं क्योंकि कन्नड़ से इसकी समानता काफ़ी है[२][३]।
प्रारंभ में कुछ छोटे परिवर्तन हुए, उससे जो लिपि बनी उसे अब तमिल ब्राह्मी कहते हैं, इसमें कुछ अन्य भारतीय लिपियों की तुलना में कहीं कम अक्षर हैं क्योंकि इसमें अलग से महाप्राण या सघोष व्यंजन नहीं हैं। बाद में ग्रन्थ के प्रभाव से वेट्टुळुतु का प्रादुर्भाव हुआ जो कि आधुनिक मलयालम लिपि जैसी दिखती है। 11वीं और 20वीं सदी में और भी बदलाव हुए ताकि छपाई और टंकण के लिए सुविधा हो और इस प्रकार समकालीन लिपि सामने आई।
गेरी लेडयार्ड ने परिकल्पना की है कि हांगुल लिपि, जो कोरियाई लिखने के काम आती है, वास्तव में मंगोल फग्स्पा लिपि से उपजी है, जो कि तिब्बती के माध्यम से ब्राह्मी परिवार से उत्पन्न हुई थी।
विशेषताएँ
कुछ विशेषताएँ, जो अधिकांश लिपियों में नहीं बल्कि सभी लिपियों में मौजूद हैं:
- प्रत्येक व्यंजन में एक अंतर्निहित स्वर होता है जो आमतौर पर एक छोटा 'अ' होता है (बंगाली, असमीया और ओड़िया में, ध्वनि परिवर्तन /ऑ/ ध्वनि के बदलाव के कारण होता है)। अन्य स्वर वर्ण जोड़कर लिखे जाते हैं। एक चिह्न, जिसे संस्कृत में एक विराम/हलंत के रूप में जाना जाता है, का उपयोग एक अंतर्निहित स्वर की अनुपस्थिति को इंगित करने के लिए किया जा सकता है।
- प्रत्येक स्वर के दो रूप होते हैं, एक स्वतंत्र रूप जब एक व्यंजन से जुड़ा नहीं होता है, और एक आश्रित रूप, जब एक व्यंजन से जुड़ा होता है। लिपि के आधार पर, आश्रित रूपों को या तो बाईं ओर, ऊपर, नीचे, या आधार व्यंजन के बाएँ और दाएँ दोनों तरफ रखा जा सकता है।
- व्यंजन (देवनागरी में 4 तक) संयुक्ताक्षरों में जोड़ा जा सकता है। किसी अन्य व्यंजन के साथ 'र्' के संयोजन को दर्शाने के लिए विशेष चिह्न जोड़ा जाता हैं।
- व्यंजन पर निर्भर स्वर के अनुनासिकीकरण और महाप्राण और अल्पप्राण व्यंजन को भी अलग-अलग संकेतों द्वारा लिखा जाता है।
- वर्णमाला क्रम इस प्रकार है: स्वर, कण्ठ्य व्यंजन, तालव्य व्यंजन, मूर्धन्य व्यंजन, दन्त्य व्यंजन, ओष्ठ्य व्यंजन, अन्तस्थ व्यंजन, ऊष्म व्यंजन, व अन्य व्यंजन। हर व्यंजन समूह में चार व्यंजन होते हैं (घोष व प्राण के लिए के सभी चार संभावित मूल्यों के साथ), व एक अनुनासिक व्यंजन होता है।
तुलना
नीचे कई प्रमुख भारतीय लिपियों की तुलना के लिए तालिकाएँ दी गईं हैं।
व्यंजन
ब्राह्मी | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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देवनागरी | क | ख | ग | घ | ङ | च | छ | ज | झ | ञ | ट | ठ | ड | ढ | ण | त | थ | द | ध | न | ऩ | प | फ | ब | भ | म | य | र | ऱ | ल | ळ | ऴ | व | श | ष | स | ह |
असमिया | ক | খ | গ | ঘ | ঙ | চ | ছ | জ | ঝ | ঞ | ট | ঠ | ড | ঢ | ণ | ত | থ | দ | ধ | ন | প | ফ | ব | ভ | ম | য | ৰ | ল | ৱ | শ | ষ | স | হ | ||||
बंगाली | ক | খ | গ | ঘ | ঙ | চ | ছ | জ | ঝ | ঞ | ট | ঠ | ড | ঢ | ণ | ত | থ | দ | ধ | ন | প | ফ | ব | ভ | ম | য | র | ল | শ | ষ | স | হ | |||||
गुरुमुखी | ਕ | ਖ | ਗ | ਘ | ਙ | ਚ | ਛ | ਜ | ਝ | ਞ | ਟ | ਠ | ਡ | ਢ | ਣ | ਤ | ਥ | ਦ | ਧ | ਨ | ਪ | ਫ | ਬ | ਭ | ਮ | ਯ | ਰ | ਲ | ਲ਼ | ਵ | ਸ਼ | ਸ | ਹ | ||||
गुजराती | ક | ખ | ગ | ઘ | ઙ | ચ | છ | જ | ઝ | ઞ | ટ | ઠ | ડ | ઢ | ણ | ત | થ | દ | ધ | ન | પ | ફ | બ | ભ | મ | ય | ર | લ | ળ | વ | શ | ષ | સ | હ | |||
उड़िया | କ | ଖ | ଗ | ଘ | ଙ | ଚ | ଛ | ଜ | ଝ | ଞ | ଟ | ଠ | ଡ | ଢ | ଣ | ତ | ଥ | ଦ | ଧ | ନ | ପ | ଫ | ବ | ଭ | ମ | ଯ | ର | ଲ | ଳ | ଶ | ଷ | ସ | ହ | ||||
तमिल | க் | ங் | ச் | ஜ் | ஞ் | ட் | ண் | த் | ந் | ன் | ப் | ம் | ய் | ர் | ற் | ல் | ள் | ழ் | வ் | ஷ | ஸ் | ஹ் | |||||||||||||||
तेलुगु | క | ఖ | గ | ఘ | ఙ | చ | ఛ | జ | ఝ | ఞ | ట | ఠ | డ | ఢ | ణ | త | థ | ద | ధ | న | ప | ఫ | బ | భ | మ | య | ర | ఱ | ల | ళ | వ | శ | ష | స | హ | ||
कन्नड़ | ಕ | ಖ | ಗ | ಘ | ಙ | ಚ | ಛ | ಜ | ಝ | ಞ | ಟ | ಠ | ಡ | ಢ | ಣ | ತ | ಥ | ದ | ಧ | ನ | ಪ | ಫ | ಬ | ಭ | ಮ | ಯ | ರ | ಱ | ಲ | ಳ | ೞ | ವ | ಶ | ಷ | ಸ | ಹ | |
मलयालम | ക | ഖ | ഗ | ഘ | ങ | ച | ഛ | ജ | ഝ | ഞ | ട | ഠ | ഡ | ഢ | ണ | ത | ഥ | ദ | ധ | ന | പ | ഫ | ബ | ഭ | മ | യ | ര | റ | ല | ള | ഴ | വ | ശ | ഷ | സ | ഹ | |
सिंहल | ක | ඛ | ග | ඝ | ඞ | ච | ඡ | ජ | ඣ | ඤ | ට | ඨ | ඩ | ඪ | ණ | ත | ථ | ද | ධ | න | ප | ඵ | බ | භ | ම | ය | ර | ල | ළ | ව | ශ | ෂ | ස | හ | |||
तिब्बती | ཀ | ཁ | ག | ང | ཅ | ཆ | ཇ | ཉ | ཊ | ཋ | ཌ | ཎ | ཏ | ཐ | ད | ན | པ | ཕ | བ | མ | ཡ | ར | ལ | ཝ | ཤ | ཥ | ས | ཧ | |||||||||
थाई | ก | ข | ค | ฆ | ง | จ | ฉ | ช | ฌ | ญ | ฏ | ฐ | ฑ | ฒ | ณ | ต | ถ | ท | ธ | น | ป | ผ | พ | ภ | ม | ย | ร | ล | ว | ศ | ษ | ส | ห | ||||
बर्मी | က | ခ | ဂ | ဃ | င | စ | ဆ | ဇ | ဈ | ဉ/ည | ဋ | ဌ | ဍ | ဎ | ဏ | တ | ထ | ဒ | ဓ | န | ဏ | ပ | ဖ | ဗ | ဘ | မ | ယ | ရ | ၒ | လ | ဠ | ၔ | ဝ | ၐ | ၑ | သ | ဟ |
ख्मेर | ក | ខ | គ | ឃ | ង | ច | ឆ | ជ | ឈ | ញ | ដ | ឋ | ឌ | ឍ | ណ | ត | ថ | ទ | ធ | ន | ប | ផ | ព | ភ | ម | យ | រ | ល | វ | ឝ | ឞ | ស | ហ | ||||
लाओ | ກ | ຂ | ຄ | ງ | ຈ | ສ | ຊ | ຍ | ຕ | ຖ | ທ | ນ | ປ | ຜ | ຟ | ພ | ມ | ຢ | ຣ | ລ | ວ | ຫ |
स्वर
एकल स्वर हर स्तंभ में बाएँ तरफ प्रदर्शित हैं और उस लिपि के "क" व्यंजन में मात्रा के तौर पर दाईं तरफ हैं।
ब्राह्मी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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देवनागरी | अ | आ | का | इ | कि | ई | की | उ | कु | ऊ | कू | ऎ | कॆ | ए | के | ऐ | कै | ऒ | कॊ | ओ | को | औ | कौ | ऋ | कृ | ॠ | कॄ | ऌ | कॢ | ॡ | कॣ | |||||
असमिया | অ | ক | আ | কা | অ্যা | ক্যা | ই | কি | ঈ | কী | উ | কু | ঊ | কূ | এ | কে | ঐ | কৈ | ও | কো | ঔ | কৌ | ঋ | কৃ | ৠ | কৄ | ঌ | কৢ | ৡ | কৣ | ||||||
बंगाली | অ | আ | কা | অ্যা | ই | কি | ঈ | কী | উ | কু | ঊ | কূ | এ | কে | ঐ | কৈ | ও | কো | ঔ | কৌ | ঋ | কৃ | ৠ | কৄ | ঌ | কৢ | ৡ | কৣ | ||||||||
गुरुमुखी | ਅ | ਆ | ਕਾ | ਇ | ਕਿ | ਈ | ਕੀ | ਉ | ਕੁ | ਊ | ਕੂ | ਏ | ਕੇ | ਐ | ਕੈ | ਓ | ਕੋ | ਔ | ਕੌ | |||||||||||||||||
गुजराती | અ | આ | કા | ઇ | કિ | ઈ | કી | ઉ | કુ | ઊ | કૂ | એ | કે | ઐ | કૈ | ઓ | કો | ઔ | કૌ | ઋ | કૃ | ૠ | કૄ | |||||||||||||
उड़िया | ଅ | ଆ | କା | ଇ | କି | ଈ | କୀ | ଉ | କୁ | ଊ | କୂ | ଏ | କେ | ଐ | କୈ | ଓ | କୋ | ଔ | କୌ | ଋ | କୃ | ୠ | ଌ | ୡ | ||||||||||||
तमिल | அ | க | ஆ | கா | இ | கி | ஈ | கீ | உ | கு | ஊ | கூ | எ | கெ | ஏ | கே | ஐ | கை | ஒ | கொ | ஓ | கோ | ஔ | கௌ | ||||||||||||
तेलुगु | అ | ఆ | కా | ఇ | కి | ఈ | కీ | ఉ | కు | ఊ | కూ | ఎ | కె | ఏ | కే | ఐ | కై | ఒ | కొ | ఓ | కో | ఔ | కౌ | ఋ | కృ | ౠ | కౄ | ఌ | ౡ | |||||||
कन्नड़ | ಅ | ಆ | ಕಾ | ಇ | ಕಿ | ಈ | ಕೀ | ಉ | ಕು | ಊ | ಕೂ | ಎ | ಕೆ | ಏ | ಕೇ | ಐ | ಕೈ | ಒ | ಕೊ | ಓ | ಕೋ | ಔ | ಕೌ | ಋ | ಕೃ | ಌ | ೡ | |||||||||
मलयालम | അ | ക | ആ | കാ | ഇ | കി | ഈ | കീ | ഉ | കു | ഊ | കൂ | എ | കെ | ഏ | കേ | ഐ | കൈ | ഒ | കൊ | ഓ | കോ | ഔ | കൗ | ഋ | കൃ | ൠ | ഌ | ക്ഌ | ൡ | ക്ൡ | |||||
सिंहल | අ | ක | ආ | කා | ඇ | කැ | ඈ | කෑ | ඉ | කි | ඊ | කී | උ | කු | ඌ | කූ | එ | කෙ | ඒ | කේ | ඓ | කෛ | ඔ | කො | ඕ | කෝ | ඖ | කෞ | ඍ | කෘ | ඎ | කෲ | (ඏ)[४] | (ඐ) | ||
तिब्बती | ཨ | ཨཱ | ཀཱ | ཨི | ཀི | ཨཱི | ཀཱི | ཨུ | ཀུ | ཨཱུ | ཀཱུ | ཨེ | ཀེ | ཨཻ | ཀཻ | ཨོ | ཀོ | ཨཽ | ཀཽ | རྀ | ཀྲྀ | རཱྀ | ཀཷ | ལྀ | ཀླྀ | ལཱྀ | ཀླཱྀ | |||||||||
बर्मी | အ | က | အာ | ကာ | ဣ | ကိ | ဤ | ကီ | ဥ | ကု | ဦ | ကူ | ဧ | ကေ | အေး | ကေး | ဩ | ကော | ဪ | ကော် | ၒ | ကၖ | ၓ | ကၗ | ၔ | ကၘ | ၕ | ကၙ |
असमिया
अंक
0 | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
ब्राह्मी | ||||||||||
देवनागरी | ० | १ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ |
असमिया | ০ | ১ | ২ | ৩ | ৪ | ৫ | ৬ | ৭ | ৮ | ৯ |
बंगाली | ০ | ১ | ২ | ৩ | ৪ | ৫ | ৬ | ৭ | ৮ | ৯ |
गुरुमुखी | ੦ | ੧ | ੨ | ੩ | ੪ | ੫ | ੬ | ੭ | ੮ | ੯ |
गुजराती | ૦ | ૧ | ૨ | ૩ | ૪ | ૫ | ૬ | ૭ | ૮ | ૯ |
उड़िया | ୦ | ୧ | ୨ | ୩ | ୪ | ୫ | ୬ | ୭ | ୮ | ୯ |
तमिल | ೦ | ௧ | ௨ | ௩ | ௪ | ௫ | ௬ | ௭ | ௮ | ௯ |
तेलुगु | ౦ | ౧ | ౨ | ౩ | ౪ | ౫ | ౬ | ౭ | ౮ | ౯ |
कन्नड़ | ೦ | ೧ | ೨ | ೩ | ೪ | ೫ | ೬ | ೭ | ೮ | ೯ |
मलयालम | ൦ | ൧ | ൨ | ൩ | ൪ | ൫ | ൬ | ൭ | ൮ | ൯ |
तिब्बती | ༠ | ༡ | ༢ | ༣ | ༤ | ༥ | ༦ | ༧ | ༨ | ༩ |
बर्मी | ၀ | ၁ | ၂ | ၃ | ၄ | ၅ | ၆ | ၇ | ၈ | ၉ |
ब्राह्मी आधारित लिपियों की सूची
ब्राह्मी से उपजी लिपियाँ।
ऐतिहासिक
सबसे पुराने ज्ञात लेखों के अवेशेष तीसरी सदी ईसा पूर्व के हैं, इस समय तक ब्राह्मी लिपि के कई क्षेत्रीय संस्करण बन ही चुके थे। ब्राह्मी लिपि की बनावट पाँचवी सदी ईसवीं के बाद से और अधिक विविध होती गई और मध्य युग में इसने लगातार कई नई लिपियों को जन्म दिया। प्राचीनकाल का मुख्य विभाजन था उत्तरी व दक्षिणी ब्राह्मी के बीच का। उत्तरी समूह में गुप्त लिपि का प्रभाव काफ़ी था और दक्षिणी समूह में हिंदू धर्म के फैलाव के साथ ग्रन्थ लिपि के जरिए संपूर्ण दक्षिणपूर्व एशिया में ब्राह्मी लिपियाँ फैल गईं।
- उत्तरी ब्राह्मी
- गुप्त लिपि, ५वीं सदी
- शारदा, ८वीं सदी
- सिद्धम, ७वीं सदी
- फग्स्पा, १३वीं सदी
- नागरी, ८वीं सदी
- पूर्वी नागरी, ११वीं सदी
- देवनागरी, १३वीं सदी
- कैथी, सिलहटी नागरी, १६वीं सदी
- मोदी, १७वीं सदी
- नेपाल
- मिथिलाक्षर, १५वीं सदी
- गुप्त लिपि, ५वीं सदी
- दक्षिणी ब्राह्मी (तमिल ब्राह्मी, कलिंग, भट्टिप्रोलु)
- वट्टेळत्तु
- ग्रन्थ, ६ठी सदी
- दिवेस अकुरु
- कवि लिपि, ८वीं सदी
- बटक, १४वीं सदी
- कदंब, ५वीं सदी
- तोचरियन लिपि ("तिरछी ब्राह्मी"), ७वीं सदी
- अहोम, १३वीं सदी
- ताई थाम (लन्ना), १४वीं सदी
- मैतेई मयेक लिपि
समकालीन
लिपि | जननी | जन्म का काल | प्रयोग | आईएसओ १५९२४ | यूनिकोड माला | नमूना |
---|---|---|---|---|---|---|
बाली | प्राचीन कवि लिपि | ११वीं सदी | बाली भाषा | Bali | U+1B00–U+1B7F | |
बायबायिन | प्राचीन कवि लिपि | १४वीं सदी | तगालोग, फ़िलिपींस की अन्य भाषाएँ | Tglg | U+1700–U+171F | |
बुहिद | प्राचीन कवि लिपि | १४वीं सदी | बुहिद भाषा | Buhd | U+1740–U+175F | साँचा:script |
बर्मी | वट्टेळुत्तु | ११वीं सदी | बर्मी भाषा, अन्य भाषाओं के लिए कई बदलाव उ. चकमा, पूर्वी व पश्चिमी प्वो करेन, गेबा करेन, काया, मोन, रुमई पलउंग, सगाव करेन, शान | Mymr | U+1000–U+109F | साँचा:script |
चाम | वट्टेळुत्तु | ८वीं सदी | चाम भाषा | Cham | U+AA00–U+AA5F | |
देवनागरी | नागरी | १३वीं सदी | कई इंडो-आर्य भाषाएँ | Deva | U+0900–U+097F | साँचा:script |
पूर्वी नागरी | नागरी | ११वीं सदी | बंगाली भाषा (बंगाली लिपि variant), असमिया भाषा (असमिया लिपि variant) | Beng | U+0980–U+09FF | साँचा:script |
गुजराती | नागरी | १७वीं सदी | गुजराती भाषा, कच्छी भाषा | Gujr | U+0A80–U+0AFF | साँचा:script |
गुरुमुखी | शारदा | १६वीं सदी | पंजाबी भाषा | Guru | U+0A00–U+0A7F | साँचा:script |
हनुनोओ | प्राचीन कवि लिपि | १४वीं सदी | हनुनोओ की भाषआ | Hano | U+1720–U+173F | |
जावाई | प्राचीन कवि लिपि | १६वीं सदी | जावाई भाषा | Java | N/A | |
कन्नड़ | कदंब लिपि | १६वीं सदी | कन्नड़ भाषा, अन्य | Knda | U+0C80–U+0CFF | साँचा:script |
ख्मेर | वट्टेळुत्तु | ११वीं सदी | ख्मेर भाषा | Khmr | U+1780–U+17FF, U+19E0–U+19FF | साँचा:script |
लाओ | ख्मेर | १४वीं सदी | लाओ भाषआ, अन्य | Laoo | U+0E80–U+0EFF | साँचा:script |
लेप्चा | तिब्बती | १८वीं सदी | लेप्चा भाषा | Lepc | U+1C00–U+1C4F | |
लिंबु | लेप्चा | १८वीं सदी | लिंबु भाषा | Limb | U+1900–U+194F | |
लोंतरा | प्राचीन कवि लिपि | १७वीं सदी | बुगिनी भाषा, अन्य; प्रायः लुप्त, केवल कर्मकांड के लिए प्रयुक्त | Bugi | U+1A00–U+1A1F | |
मलयालम | ग्रन्थ | १२वीं सदी | मलयालम भाषा | Mlym | U+0D00–U+0D7F | साँचा:script |
उड़िया | कलिंग | १२वीं सदी | उड़िया भाषा | Orya | U+0B00–U+0B7F | साँचा:script |
रेजंग लिपि | प्राचीन कवि लिपि | १८वीं सदी | रेजंग भाषा, प्रायः लुप्त | Rjng | U+A930–U+A95F | |
सौराष्ट्र | ग्रन्थ | बीसवीं सदी | सौराष्ट्र भाषा, प्रायः लुप्त | Saur | U+A880–U+A8DF | |
सिंहल | ग्रन्थ | १२वीं सदी | सिंहल भाषा | Sinh | U+0D80–U+0DFF | साँचा:script |
सुंदनी लिपि | प्राचीन कावा | १४वीं सदी | सुंदनी भाषा | Sund | U+1B80–U+1BBF | |
ताई ले | ताई ल्यू भाषा | Tale | U+1950–U+197F | |||
नई ताई लुए | ताई थाम | १९५०आदि | ताई ल्यू भाषा | Talu | U+1980-U+19DF | |
तग्बन्वा | प्राचीन कवि लिपि | १४वीं सदी | पलवन की कई भाषाएँ, लगभग लुप्त | Tagb | U+1760–U+177F | |
तमिल | वट्टेळुत्तु | ८वीं सदी | तमिल भाषा | Taml | U+0B80–U+0BFF | साँचा:script |
तेलुगु | १६वीं सदी | तेलुगु भाषा | Telu | U+0C01–U+0C6F | साँचा:script | |
थाई | ख्मेर | १३वीं सदी | थाई भाषा | Thai | U+0E00–U+0E7F | साँचा:script |
तिब्बती | सिद्धम | ८वीं सदी | तिब्बती भाषा | Tibt | U+0F00–U+0FFF | साँचा:script |
ताई विएत | ताई दाम भाषा | Tavt | N/A |
साँचा:familytree/start साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree साँचा:familytree/end
इन्हें भी देखें
- इस्की (ISCII) — भारतीय लिपियों को प्रदर्शित करने के लिए रची गई कूटबन्धन प्रणाली।
- सरस्वती लिपि (इण्डस स्क्रिप्ट) - विश्व की प्राचीनतम लिपि
- कोही लिपि
- लिप्यन्तरण (ट्रान्सलिटरेशन)
- भारतीय भाषाएँ
बाहरी कड़ियाँ
- Online Tool which supports Conversion between various Brahmic Scripts - अत्यन्त उपयोगी औजार
- अक्षरजननी - Input various Indic Languages using Phonetic Keyboard ; Powered by KeymanWeb.
- विंडोज़ पर भारतीय लिपियाँ
- भारतीय लिपियों से परिचय
- भारतीय लिपियों के लिए मुद्रलिपियाँ
- दक्षिण एशियाई लेखन प्रणालियाँ
- बोंजी सिद्धम अक्षर व उच्चारण
- इंपीरियल ब्राह्मी मुद्रलिपि व टेक्स्ट-एडिटर
- ब्राह्मी लिपि
- पद्मा : भारतीय लिपि परिवर्तक – यह फ़ायरफ़ाक्स के लिए ऐड-आन औज़ार है जो पुराने फाण्टों वाले वेब पन्नों को को यूनिकोड में बदलकर दिखाता है तथा एक लिपि को दूसरी लिपि में बदलकर दिखाता है।
- कुछ भारतीय भाषाओं का आपस में व रोमन में लिप्यंतरण
- भारतीय लिप्यंतरक रोमन से यूनिकोडित भारतीय लिपियों में लिप्यंतरण।
- Indian Transliterator A means to transliterate from romanized to Unicode Indian scripts.
सन्दर्भ
- ↑ http://www.lankalibrary.com/geo/dera1.html स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। एसयू देरानियगल, श्री लंका मेंइतिहास-पूर्व व आद्यऐतिहासिक बसेरे
- ↑ तेलुगु भाषा व लिपि की प्राचीनता: http://www.hindu.com/2007/12/20/stories/2007122054820600.htm स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ तेलुगु भाषा व साहित्य, एस.एम.आर. अद्लुरी, चित्र टी१ए व टी१बी: http://www.engr.mun.ca/~adluri/telugu/language/script/script1d.html स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ केवल प्राचीन लिखित सिंहल