फैलिन (चक्रवात)
अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान (आईएमडी पैमाना) | |
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श्रेणी 5 उष्णकटिबंधीय चक्रवात (SSHWS) | |
गठन | October 4, 2013 |
व्यस्त | October 14, 2013 |
उच्चतम हवाएं | 3-मिनट निरंतर : 215 किमी/घंटा (130 मील प्रति घंटा) 1-मिनट निरंतर : 260 किमी/घंटा (160 मील प्रति घंटा) |
सबसे कम दबाव | 940 hPa (mbar); 27.76 inHg |
मौत | कुल 45 |
नुकसान | $4.26 billion (2013 USD) |
प्रभावित क्षेत्र | थाईलैंड, म्यानमार, भारत (ओडिसा), नेपाल |
फैलिन या पायलिन[१] एक तीव्र उष्णकटिबंधीय चक्रवात है। अंडमान सागर में कम दबाव के क्षेत्र के रूप में उत्पन्न हुए फैलिन ने 9 अक्टूबर को उत्तरी अंडमान निकोबार द्वीप समूह पार करते ही एक चक्रवाती तूफान का रूप ले लिया।[१]भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने भविष्यवाणी की थी कि यह तूफ़ान 12 अक्टूबर को शाम के लगभग साढ़े पांच बजे भारत के पूर्वी तटीय इलाकों तक पहुँच जायेगा।[२] अंततः यह तूफ़ान 12 अक्टूबर 2013 को 8 बजे आन्ध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के तट पर टकराया।[३]
इस चक्रवात को फैलिन नाम (जिसका अर्थ होता है नीलम), थाईलैंड द्वारा दिया गया था।[४] इस चक्रवात से 90 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, 2.34 लाख घर क्षतिग्रस्त हो गए जबकि 2400 करोड़ रुपये की धान की फसल बर्बाद हो गई।[५]
प्रभाव
इस चक्रवात ने सबसे ज्यादा नुकसान ओडिशा और आन्ध्र प्रदेश में किया। 12 अक्टूबर 2013 करीब 9 बजे इसने ओडिशा तट पर इसने दस्तक दी। फ़िलहाल इसका खतरा टल गया है। फैलिन तूफान का केंद्र रहे गोपालपुर से तूफान 220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरा। इसके कारण ओडिशा के 12 जिलों में बत्ती गुल है। अभी तक ज्यादा जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। गोपालपुर के इलाके में सबसे ज्यादा तबाही की आशंका जताई जा रही है।[६]
आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय इलाकों से लोगों को निकालने का काम जारी है। अब तक करीब छह लाख लोग सुरक्षित जगहों पर पहुंचाए जा चुके हैं। ओडिशा से साढ़े चार लाख और आंध्र प्रदेश से करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया। आंध्र और ओडिशा के बाद पांच और राज्यों पर खतरा मंडरा रहा है। इसका असर दिल्ली तक दिख सकता है। पूर्वी मिदनापुर के दीघा से लोग हटाए जा रहे हैं। तूफान रविवार को छत्तीसगढ़ में भी दस्तक दे रहा है। यहां 63 से 115 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।[७]
बिहार में तो फैलिन के कारण केले की पूरी फसल तबाह हो गयी। यहाँ के हाजीपुर जिले केले की खेती तबाह हो गई। प्रधानमंत्री ने फैलिन तूफ़ान में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल लोगों को पचास हज़ार के मुआवज़े का ऐलान किया है।[८]
उत्तर प्रदेश के वाराणसी, बलिया, गोरखपुर, देवरिया, मिर्जापुर और सोनभद्र जिलों में इसका प्रभाव दिखा और जबरदस्त बरसात हुई।[९]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
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