फैंटम (2015 फिल्म)
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फैंटम | |
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निर्देशक | कबीर खान |
निर्माता | साजिद नाडियाडवाला |
लेखक |
कबीर खान मोहम्मद सालिक |
आधारित | मुम्बई अवेंज़र्स |
अभिनेता |
कैटरीना कैफ़ सैफ़ अली खान |
संगीतकार |
संगीत: प्रीतम पार्शव संगीत: जुलियस पैकियम |
छायाकार | असीम मिश्रा |
संपादक | आरिफ़ शेख |
स्टूडियो | साजिद नाडियाडवाला |
वितरक | यूटीवी मोशन पिक्चर्स |
प्रदर्शन साँचा:nowrap |
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देश | भारत |
भाषा | हिंदी |
लागत | ₹40 करोड़[१] |
फैंटम'आतंकवाद निरोधी फ़िल्म है जिसे कबीर खान ने निर्देशित किया है और साजिद नाडियाडवाला ने निर्मित किया है। इसकी मुख्य भूमिका में सैफ अली खान व कैटरीना कैफ़ हैं। फ़िल्म 26/11 के मुंबई हमलों के बाद के घटनाक्रम और वैश्विक आतंकवाद के बारे में है। फ़िल्म की पटकथा मशहूर लेखक हुसैन ज़ैदी के साथ मिलकर लिखी गई है, और उनकी नवनिर्मित पुस्तक मुम्बई अवेंज़र्स पर आधारित है।[२][३]फ़िल्म को 28 अगस्त 2015 को निर्गत (रिलीज़) करने की योजना है।[४]
पात्र
निर्माण
विकास
कबीर खान और मशहूर अपराध कथा लेखक हुसैन ज़ैदी ने एक साथ मिलकर कबीर की एक अनाम फ़िल्म के लिये पटकथा लेखन का काम शुरू किया जो 26/11 के मुंबई हमलों के बाद के घटनाक्रम और वैश्विक आतंकवाद पर आधारित होनी थी।[५]फ़िल्म की पटकथा हुसैन की किताब मुम्बई अवेंज़र्स जो कि तब बाज़ार में नहीं आई थी पर आधारित है। सैफ़ अली खान और कैटरीना कैफ़ को जासूसों के रूप में मुख्य किरदारों में लिया गया है। फ़िल्म का नाम पहले डैनियल खान रखा गया था लेकिन बाद में फैंटम रख दिया गया।[६] मिड डे की एक खबर के अनुसार सैफ़ और कैट्रीना ने इस फ़िल्म के लिये कुर्दिश भाषा और अरबी भाषा सीखी है।[७][८]
फिल्मांकन
कहानी का फ़िल्मांकन अक्टूबर 2013 में बेरूत, लेबनान में शुरू हुआ। लगभग 10% दृश्य लेबनान में फिल्माए गये। लेबनान के बेरूत नगर क्षेत्र, सीरिया के खंडाक अल-ग्मीक और क्फ़ार्देबियन की पहाड़ियों में इसका फ़िल्मांकन हुआ। [९] फ़िल्मांकन के लिये एक सीरियाई शरणार्थी शिविर की आवश्यकता थी जिसमें लगभग 400 स्थानीय नागरिकों ने विद्रोहियों का काम किया। फ़िल्म का यह सेट दिखने में इतना वास्तविक लग रहा था कि बहुत से स्थानीय लोगों ने इसे असली विद्रोहियों का असली शिविर समझ लिया था और शिकायत के फलस्वरूप लेबनान की सेना ने विमानों के ज़रिये शिविर के चक्कर लगाने शुरू कर दिये। हालांकि पहले ही दिन यह गलतफ़हमी दूर हो गई।[१०]कुछ ही समय पहले देश में हुए राजनीतिक उठापटक की वजह से निर्माताओं व कार्यकर्ताओं को पूरी सुरक्षा प्रदान की गई थी। [११] फ़िल्मांकन के कुछ ही दिन शुरू हुए थे कि दो स्थानीय कलाकार सेट पर एक कार दुर्घटना में घायल हो गये।[१२] फ़िल्मांकन के लिये तुर्की को भी चुना गया था।[७]जनवरी, 2014 में फ़िल्मांकन जम्मू और कश्मीर के गुलमर्ग और मलेरकोटला में भी किया गया। [१३][१४][१५] अगस्त 2014 में फ़िल्माकन लंदन इंग्लैंड और कनाडा के वैंकूवर में किया गया।[१६] सितम्बर 2014 में फ़िल्मांकन का आखिरी हिस्सा मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया और गोरेगाँव के फ़िल्मिस्तान में पूरा हुआ।[१७][१८] कैटरीना कैफ़ और सैफ अली खान ने अधिकतर एक्शन दृश्य स्वंय किये हैं और इन दृश्यों में इनके हमशक्लों का इस्तेमाल नहीं हुआ है।[१९]
संगीत
फ़िल्म का संगीत प्रीतम ने दिया है और गीत अमिताभ भट्टाचार्य तथा कौसर मुनीर ने लिखे हैं।।[२०] जबकि टी-सीरीज़ के पास संगीत अभिकेखन का अधिकार है।[२१]
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "अफ़ग़ान जलेबी (या बाबा)" | अमिताभ भट्टाचार्य | सैय्यद असरार शाह | ३:४३ |
2. | "सांवरे" | अमिताभ भट्टाचार्य | अरिजीत सिंह | ५:२१ |
3. | "नचदा" | कौसर मुनीर | शाहिद माल्या | ५:२३ |
4. | "अफ़ग़ान जलेबी (फ़िल्म संस्करण)" | अमिताभ भट्टाचार्य | अख्तर चनल ज़ाहरी | ३:४४ |
5. | "अफ़ग़ान जलेबी (डुम्बक संस्करण)" | अमिताभ भट्टाचार्य | अख्तर चनल | ३:५० |
6. | "या बाबा (फितना फरेबी)" | अमिताभ भट्टाचार्य | नकाश अज़ीज़ | ३:४४ |
कुल अवधि: | २५:५२ |
सन्दर्भ
- ↑ | फैंटम स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।. बॉलीवुडहंगामा.कॉम। अभिगमन तिथि: 29 मई 2015.
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- ↑ इस तक ऊपर जायें: अ आ साँचा:cite news
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- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
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