फूल और काँटे
फूल और काटे | |
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चित्र:फूल और काँटे.jpg | |
निर्देशक | कुकू कोहली |
अभिनेता |
अजय देवगन, मधू, अमरीश पुरी |
संगीतकार | नदीम-श्रवण |
प्रदर्शन साँचा:nowrap | 1991 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
फूल और काँटे 1991 की कुकू कोहली द्वारा निर्देशित हिन्दी भाषा की एक्शन रूमानी फिल्म है। इसमें अजय देवगन, मधु, अरुणा ईरानी, जगदीप और अमरीश पुरी शामिल हैं। इस फिल्म से अभिनेत्री हेमा मालिनी की भतीजी मधु और स्टंट और एक्शन कोरियोग्राफर वीरू देवगन के बेटे अजय देवगन की शुरुआत हुई। फिल्म ने 1991 के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरुष प्रथम अभिनय पुरस्कार अजय देवगन को जिताया।
फिल्म में अजय देवगन की प्रविष्टि बहुत लोकप्रिय हुई जहां वह दो चलती मोटरसाइकिलों पर खड़े होकर आते हुए दिखाई पड़ते है। तब से कई फिल्मों में इसी तरह के स्टंट दोहराए गए हैं। फिल्म सुपरहिट रही थी और इसने करीब 12 करोड़ की कमाई की थी।[१]
कहानी
नागेश्वर (अमरीश पुरी) एक बहुत बड़ा डॉन है, और इसी रास्ते चलने के कारण वो अपनी बीवी को खो देता है। उसका बेटा अजय (अजय देवगन), उसे अपनी माँ के मौत का कारण मानता है और उससे नफरत करता है।
जब अजय कॉलेज में अपनी पढ़ाई पूरी करने लगता है, तब वहाँ उसकी मुलाक़ात पूजा (मधु) से हो जाती है। जल्द ही दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं और बाद में शादी कर लेते हैं। उनका एक बेटा भी होता है, जिसका नाम वे दोनों गोपाल रखते हैं।
नागेश्वर को लगता है कि वो अब बूढ़ा हो चुका है, और अपने गद्दी में वो अपने बेटे को बिठाना चाहता है। इसके लिए वो अपने बेटे को मनाने की काफी कोशिश करता है, पर उसके बार बार इंकार करने के बाद, नागेश्वर एक योजना बना कर उसके बेटे का अपने दाहिने हाथ शंकर के हाथों से अपहरण करवा कर अपने बेटे के पास जा कर इस अपहरण को उसके विरोधियों की चाल बता देता है और मदद के नाम पर उसे अपने घर ले चलता है।
अपने बेटे को वापस पाने के लिए अजय उसके घर चले जाता है। पर उसका दाहिना हाथ, शंकर विरोधियों से मिल जाता है। अजय को पुत्र को बचाने के लिये मजबूरन हथियार उठाने पडते है। अन्त में गोपाल को बचाते समय नागेश्वर की भी मौत हो जाती है।
कलाकार
- अजय देवगन − अजय[२]
- मधू − पूजा [३]
- अमरीश पुरी − नागेश्वर "डॉन"
- रज़ा मुराद − शंकर धनराज
- सत्येन्द्र कपूर − कॉलेज के प्रधानाध्यापक
- अंजना मुमताज़ − अजय की दिवंगत माँ
- गोगा कपूर − शंकर का भाई
- अरुणा ईरानी—प्रोफेसर बाटलीवाला
- जगदीप − प्रोफेसर बिहारी
निर्माण
इस फिल्म में पहले अक्षय कुमार को लिया गया था, पर बाद में उनके स्थान पर अजय देवगन को ले लिया गया। अक्षय का कहना था कि "नदीम-श्रवण के साथ मेरा म्यूजिक सेशन चल रहा था, मैं फिल्म 'फूल और कांटे' की शूटिंग की तैयारी कर रहा था, इसी दौरान एक कॉल आया और मुझसे कहा गया कि वे सुबह शूटिंग के लिए ना आए"।[४] वहीं अजय देवगन का कहना था कि "मुझे नहीं पता क्या सच है। मुझे बताया गया कि अक्षय नाम का कोई लड़का फिल्म कर रहा था, जिसने बड़ी फिल्म के चक्कर में इस फिल्म को छोड़ दी है। मेरे पापा ने कहा कि तुम्हें फिल्म करनी है। मैं 18 साल का था, मुझे तो फिल्म करनी भी नहीं थी। तब मैं अक्षय को नहीं जानता था।" इस तरह अजय देवगन को उनकी पहली फिल्म मिली।[५]
संगीत
"फूल और कांटे" का साउंडट्रैक संगीत जोड़ी नदीम श्रवण द्वारा रचित किया गया था। गीत समीर द्वारा लिखे गए थे। एल्बम हिट थी और गाने "तुमसे मिलने को दिल करता है", "धीरे धीरे प्यार को बढ़ाना है", "मैंने प्यार तुम्हीं से किया है" बहुत लोकप्रिय थे। गायक कुमार सानु, अनुराधा पौडवाल, उदित नारायण, अलका याज्ञिक और अलीशा चिनॉय ने इस एल्बम में अपनी आवाज़ें दीं।
फूल और काँटे | ||||
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एल्बम नदीम श्रवण द्वारा | ||||
जारी | 1991 | |||
संगीत शैली | फिल्म साउंडट्रैक | |||
लेबल | टिप्स | |||
निर्माता | नदीम श्रवण | |||
नदीम श्रवण कालक्रम | ||||
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साँचा:italic titleसाँचा:main other सभी नदीम-श्रवण द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "धीरे धीरे हौसला" | समीर | अलका याज्ञिक, कुमार सानु | 2:28 |
2. | "धीरे धीरे प्यार को" | समीर | कुमार सानु, अलका याज्ञिक | 5:28 |
3. | "दिल ये कहता है" | समीर | उदित नारायण, अलीशा चिनॉय | 5:38 |
4. | "जिसे देख मेरा दिल धड़का" | समीर | कुमार सानु | 6:36 |
5. | "मैंने प्यार तुम्हीं से किया है" | समीर | कुमार सानु, अनुराधा पौडवाल | 7:02 |
6. | "पहली बारिश मैं और तू" | रानी मलिक | कुमार सानु, अनुराधा पौडवाल | 4:52 |
7. | "प्रेमी आशिक आवारा" | समीर | कुमार सानु | 4:56 |
8. | "तुम से मिलने को" | रानी मलिक | कुमार सानु, अलका याज्ञिक | 5:00 |
नामांकन और पुरस्कार
- नामांकित
1992 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार - नदीम-श्रवण