प्रमथनाथ मित्र
अनुशीलन समिति |
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प्रमथनाथ मित्र (साँचा:lang-bn; 30 अक्टूबर 1853 – 1910) बंगाल के प्रसिद्ध बैरिस्टर एवं भारतीय राष्ट्रवादी थे। वे भारत की क्रांतिकारी संस्था 'अनुशीलन समिति' के आरम्भिक संस्थापक सदस्यों में से एक थे। [१]
प्रारम्भिक जीवन
प्रमथनाथ का जन्म नैहाटी में हुआ था जो वर्तमान भारत के पश्चिम बंगाल के उत्तर चौबीस परगना में है। उनके पिता का नाम बिप्रदास था। १८७५ ई में वे इंग्लैण्ड से बैरिस्टर की शिक्षा लेकर भारत आये।
विप्लवी जीवन
इंगलैंड में शिक्षा के समय वे आयरलैण्ड एवं रूस के विद्रोहियों से विचारविनिमय किया था। वहां से स्वदेश आने पर उन्होने विप्लवी दल के गठन का संकल्प लिया। २४ मार्च १९०२ ई को वे सतीशचन्द्र बसु द्बारा स्थापित भारत अनुशीलन समिति के अधिकर्ता निर्वाचित हुए। बाद में इसी समिति का नाम बदलकर 'अनुशीलन समिति' रखा गया। प्रमथनाथ इस समिति का आर्थिक दायित्व संभाल रहे थे। वे अनुशीलन समिति की ढाका शाखा के भी निदेशक निर्वाचित हुए थे। ढाका अनुशीलन समिति के पुलिनबिहारी दास इनकी प्रेरणा से ही विप्लवी बने थे।
१९०६ ई में प्रमथनाथ मित्र 'निखिल बङ्ग बैप्लबिक समिति' के तथा कलकाता के सुबोध मल्लिक के घर से चलने वाली "निखिल बङ्ग बिप्लबी सम्मेलन" के सभापति थे। वे बंगालियों के लिए शारीरिक व्यायाम पर बहुत बल देते थे।
प्रमथनाथ हाइकोर्ट में बैरिस्टरी करते थे। अपने भाई सुरेन्द्रनाथ बन्द्योपाध्याय के अनुरोध पर उन्होने रिपन कालेज में अध्यापन कार्य किया। वे अच्छे वक्ता एवं अंगरेजी लिखने में दक्ष थे। १८८३ ई में तत्कालीन सरकार ने सुरेन्द्रनाथ बन्द्योपाध्याय को न्यायालय की अवमानना के लिए कारावास का दण्ड दिया था।
रचनावली
उपन्यास
- योगी
ग्रन्थ
- तर्कतत्त्व
- जाति ओ धर्म
- हिस्ट्री ऑफ द इन्टेलेकचुअल प्रोग्रेस ऑफ इन्डिया