युगान्तर पत्रिका
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युगान्तर पत्रिका (बांग्ला : যুগান্তর ; उच्चारण : जुगान्तर) बांग्ला भाषा में प्रकाशित एक क्रान्तिकारी पत्र था जिसकी स्थापना कलकत्ता में १९०६ में वारीन्द्र कुमार घोष, अविनाश भट्टाचार्य एवं भूपेन्द्रनाथ दत्त ने की थी। यह एक सापताहिक राजनीतिक पत्र था और अनुशीलन समिति का मुखपत्र था जो उस समय बंगाल में अपनी जड़े जमाने लगी थी। इस पत्र का नाम प्रसिद्ध बांग्ला लेखक शिवनाथ शास्त्री द्वारा रचित 'युगान्तर' नामक राजनीतिक उपन्यास पर रखा गया था और युगान्तर का अर्थ 'नया युग' है। इस पत्रिका के माध्यम से भूपेन्द्रनाथ दत्त ने हिंसावाद का प्रचार भी किया था जिसके कारण उन्हें लम्बी सजा दी गई थी।[१]