पेगन

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१८८७ में बना गया रूमानीकरण चित्रण जिस में दिखाये हुए हैं दो रोमन महिलाएं जो कि एक बुतपरस्त देवी को बलि चढ़ा रहीं हैं। प्राचीम काल के यूनानी-रोमन धर्म में अनुष्ठान बलिदान एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।[१]

पेगन (मूर्तिपूजक) एक शब्द है जिसका उपयोग पहली बार चौथी सदी में पूर्वकालीन ईसाई लोगों ने रोमन साम्राज्य के बहुदेववादी धर्म को मानने वालों के लिये किया था। [२][३] 

पेगन एक निन्दात्मक शब्द हुआ करता था जिसका उपयोग बहुदेववादी धर्म को ईसाई धर्म से नीचा दिखाने के निमित्त किया जाता था। [४]  पेगन धर्मों को अक्सर "देहाती के धर्म" के प्रसंग में काम में लिया करते थे। पेगन शब्द के इतिहास में अधिकतर समय उसे निन्दात्मक तरह से काम में लिया गया है। [५] मध्य युग के समय आर उसके पश्चात पेगन एक अपमानजनक शब्द था जिसे कोइ भी गैर-इब्राहीमी या अपरिचित धर्म के लिये उप्योग करते थे, और इस शब्द में यह निहितार्थ था कि पेगन लोग झूठी भगवान या भगवानों में विश्वास करते थे।[६][७]

संदर्भ

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  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. J. J. O'Donnell (1977), Paganus: Evolution and Use स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, Classical Folia, 31: 163–69.
  3. Augustine, Divers. Quaest. 83.
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