पिंक (फ़िल्म)
पिंक | |
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चित्र:Pinkmovieposter.jpg | |
निर्देशक | अनिरुद्ध रॉय चौधरी |
लेखक |
अनिरुद्ध रॉय चौधरी, सुजीत सरकार, रितेश शाह |
अभिनेता |
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संगीतकार |
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छायाकार | अभिक मुखोपाध्याय |
संपादक | बोधादित्य बनर्जी |
स्टूडियो | रश्मि शर्मा टेलीफिल्म्स लिमिटेड |
वितरक | NH STUDIOZ |
प्रदर्शन साँचा:nowrap |
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समय सीमा | 136 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
लागत | ₹23 करोड़[१] |
कुल कारोबार | ₹107.32 करोड़[२] |
पिंक अनिरुद्ध रॉय चौधरी द्वारा निर्देशित 2016 की हिन्दी फिल्म है। इसमें अमिताभ बच्चन, तापसी पन्नू, कीर्ति कुल्हारी, अंगद बेदी, एंड्रिया तारियांग, पीयूष मिश्रा, और धृतिमान चटर्जी ने मुख्य किरदार निभाए हैं। फिल्म 16 सितम्बर 2016 को अच्छी समीक्षाओं के साथ रिलीज़ हुई और व्यावसायिक सफल रही।
फिल्म को व्यापक सराहना मिली, और अन्य सामाजिक मुद्दों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त किया।[३][४] फिल्म ने सिनेमाघरों में 50 दिनों का रन पूरा किया।[५] इस फिल्म को तमिल में निरोकोंडा परवाई (2019) और तेलुगु में वकील साब (2021) के रूप में बनाया गया है।[६][७]
कहानी
तीन लडकिया मीनल अरोड़ा (तापसी पन्नू), फलक अली (कीर्ति कुल्हरी), एंड्रिया (एंड्रिया तारियांग) दिल्ली में एक साथ रहती है। तीनों अलग-अलग जगह नौकरी करती है। एक दिन तीनों किसी रॉक शो में जाती है जहाँ उनकी मुलाकात राजवीर (अंगद बेदी) और उसके दोस्तों से होती है। वह उन्हें किसी रिसॉर्ट में खाने का निमंत्रण देते हैं जिसे लड़कियाँ मान लेती है। वहाँ पर राजवीर मीनल के साथ उसके बार-बार मना करने पर भी उससे जबरदस्ती करता है। अंत में वो शराब के नशे में उसके सिर पर बोतल मार देती है जिससे वो घायल हो जाता है। इसके बाद तीनों लड़कियाँ वहाँ से भाग जाती हैं।
राजवीर के परिवार की राजनीति में गहरी दखल है। वो उनसे बदले लेने के चक्कर में पुलिस में शिकायत दर्ज करा देता है कि मीनल और उसकी दोस्त वेश्या हैं और उन्होंने उस पर जानलेवा हमला किया है। द्विध्रुवी विकार से ग्रस्त दीपक सहगल (अमिताभ बच्चन) उनकी तरफ से केस लड़ने के लिये तैयार होता है।
अदालत में राजवीर का वकील प्रशांत महरा (पीयूष मिश्रा) तीनों लड़कियों को वेश्या साबित करने की कोशिश करता है। मुख्य मुद्दा होता है कि लड़कियाँ का नैतिक चरित्र घटिया है और उन्होंने राजवीर से पैसे माँगे थे जिसको न देने पर उन्होंने उस पर हमला कर दिया। वही दीपक सहगल 'सहमति' को मुद्दा बनाता है। आगे के दिनों में तर्क की एक श्रृंखला चलती रहती है। आखिर टिप्पणी में दीपक कहता कि मीनल ने "नहीं" कहा था जो कोई शब्द नहीं है ये अपने आप में एक वाक्य है जिसको कोई स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं है।
अंत में अदालत लड़कियों के पक्ष में फैसला सुनाती है। समापन क्रेडिट में वास्तव में रिज़ॉर्ट में क्या हुआ था दिखाया जाता है।
कलाकार
- दीपक सहगल के रूप में अमिताभ बच्चन
- मीनल अरोड़ा के रूप में तापसी पन्नू
- फलक अली के रूप में कीर्ति कुल्हरी
- एंड्रिया तारियांग के रूप में एंड्रिया तारियांग
- राजवीर सिंह के रूप में अंगद बेदी
- न्यायाधीश सत्यजीत दत्त के रूप में धृतिमान चटर्जी
- प्रशांत मेहरा के रूप में पीयूष मिश्रा
समीक्षाएँ
पिंक को बहुप्रतिक्षित सकारात्मक समीक्षाएँ मिली। वेबदुनिया के समय ताम्रकर ने 5 से 4 सितारे दिए और कहा "जरूरी नहीं है कि हर फिल्म मनोरंजन के लिए ही बनाई जाए। कुछ ऐसी फिल्में भी होती हैं जो अपनी शानदार स्क्रिप्ट और जोरदार अभिनय के कारण आपकी सोच को प्रभावित करती हैं, 'पिंक' भी ऐसी ही फिल्म है।"[८] आज तक ने भी 4 सितारे दिए।[९] नवभारत टाइम्स की मीना अय्यर ने 4.5 सितारे दिए।[१०] बीबीसी हिन्दी मयंक शेखर ने 4 सितारे दिए और कहा "पिंक हमें सोचने पर मजबूर करती है कि अब भी ज़्यादातर मर्द, औरतों के बारे में कैसी राय रखते हैं।."[११] एबीपी न्यूज़ की पवन रेखा ने 4 सितारे देते हुए लिखा "फिल्म तीन कामकाजी लडकियों की कहानी के जरिये समाज को अपने गिरेबां में झांकने के लिए मजबूर करती है, ये पाठ पढ़ाने की कोशिश करती है कि मोमबत्ती औऱ तख्तियां ले सड़क पर आंदोलन करने से पहले अपनी सोच को बदलना ज्यादा जरूरी है।"[१२]