पथांतरणकारी विदेश नीति

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एक पथांतरणकारी विदेश नीति (अंग्रेज़ी- diversionary foreign policy, डायवर्जनरी फ़ौरेन पौलिसी), या पथांतरणकारी युद्ध, एक अंतरराष्ट्रीय संबंधों का एक पारिभाषिक-शब्द है। इसका तात्पर्य किसी ऐसी स्थिति से होता है जब कोई नेता अपने देश के घरेलू संघर्ष से जनता का ध्यान हटाने के लिए युद्ध भड़काता है। यह अवधारणा पथांतरणकारी युद्ध सिद्धांत (Diversionary War Theory) से उपजी है, जिसमें कहा गया है कि जिन नेताओं को घरेलू उथल-पुथल का खतरा होता है, वे कभी-कभी एक अंतरराष्ट्रीय संघर्ष की शुरुआत करते हैं ताकि देश का ध्यान आंतरिक मुसीबतों से दूर रहे। नतीजतन, यह बाहरी खतरा घरेलू संघर्ष से ध्यान हटा देगा और नेता अधिक समय तक सत्ता में रह सकेगा। अनिवार्य रूप से, बल का एक पथांतरणकारी उपयोग रैली अराउंड द रेड फ़्लैग इफ़ेक्ट के हेरफेर के रूप में समझा जा सकता है, जिससे आम जनता से राष्ट्रीय उत्साह बढ़ता है।[१]

अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के कई विद्वानों ने पथांतरणकारी युद्ध के व्यावहारिक अनुप्रयोग पर काफ़ी अनुसंधान किया है। इसका एक बड़ा हिस्सा यह पता लगाने की कोशिश करता है कि अमेरिका की पथांतरणकारी विदेश नीति में उसके राष्ट्रपतियों की भूमिका किस हद तक है।[२] काफ़ी प्रयास और अनुसंधान के बावजूद, विद्वानों ने अभी तक सिद्धांत की सटीकता की आम सहमति नहीं बनाई है, और इसके समर्थन में मिलने वाला अनुभवजन्य साक्ष्य (empirical evidence) मिला-जुला परिणाम ही दे पाया है।[३]

मध्ययुग से इसका एक उदाहरण इंग्लैण्ड और फ़्रान्स के बीच चला सौ साल का युद्ध है। सर जॉन कीगन ने कहा है कि फ्रांस पर आक्रमण करने के इंग्लैण्ड के राजा हेनरी के निर्णय के लिए प्राथमिक प्रेरणा अपनी घरेलू लोकप्रियता बढ़ाना था।[४]

वर्तमान काल में एक उदाहरण व्लादिमीर पुतिन का दिया जा सकता है। क्रीमिया पर हमला करने के बाद रूस में उनकी लोकप्रियता काफ़ी बढ़ गई।[५]

प्रभाव

इच्छित

आम तौर पर, एक पथांतरणकारी विदेश नीति अपनाने से नेता को चार लाभ मिल सकते हैं, जिनमें से सभी सत्ता में बने रहने की उनकी क्षमता को बढ़ाते हैं:[६]

  1. एक सफल पथांतरणकारी विदेश नीति घरेलू शासन के लिए समर्थन बढ़ा सकती है। यह बदले में उनकी आंतरिक परेशानी को दूर करने के लिए सरकार के समय देती है।
  2. अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष से उत्पन्न कृत्रिम तनाव, नेताओं द्वारा असहमति के दमन (suppression of dissent) को (उस समय के हिसाब से) उचित ठहरा सकती है।
  3. विदेश में युद्ध होने से आबादी बस उन मुद्दों से विचलित हो सकती है जो सरकार के प्रति असंतोष का मूल कारण होते हैं।
  4. देश के लिए बाहरी खतरा होने से देश के लिए जनता के असंतोष को निर्देशित करने के लिए एक नया निशाना मिल जाता है। रैली अराउंड द रेड फ़्लैग इफ़ेक्ट के माध्यम से देश एकजुट हो जाता है।

नकारात्मक

हालाँकि, ये सभी लाभ पथांतरणकारी युद्ध में देश की सफलता पर निर्भर होते हैं, जो घरेलू संघर्ष का सामना करने वाली सरकार ने शुरू किया होता है। इन अंतरराष्ट्रीय कार्रवाइयों में विफलता नेता के शुरुआती इरादे के खिलाफ जाएगी। नतीजतन, नेता को संभवतः और अधिक घरेलू संघर्ष का सामना करना पड़ेगा, संभवतः उसकी शक्ति का नुकसान हो सकता है।[७] फिर भी, यह संभव नकारात्मक प्रभाव को भी इस सिद्धांत में संबोधित किया गया है। यही सिद्धांत यह भी बताता है कि जब तर्कसंगत नेताओं को सत्ता खोने का भय सताता है, तब उनकी जोखिम भरे पथांतरणकारी युद्ध छेड़ने की संभावना अधिक होती हैं। यदि मौजूदा असंतोष के कारण भविष्य में हर ओर से केवल नुक़सान ही होता दिख रहा हो, तो ऐसे में एक विवादास्पद विदेश नीति अपनाने में उन्हें अपना क़द वापस हासिल करने की उम्मीद दिखाई देती है।[८]

आलोचना और सिद्धांत के साथ समस्याएं

शुरू करने के लिए, इसके उलट एक सिद्धांत ऐसा भी है जो तर्क देता है कि एक देश के नेता को सबसे अधिक लाभ तब होता है जब नागरिक घरेलू नीति के साथ संतुष्ट होते हैं और उनके पास उच्च सार्वजनिक अनुमोदन रेटिंग होती है। तब यह माना जाता है कि घरेलू अनुमोदन उच्चतम होने पर नेताओं को अंतरराष्ट्रीय संघर्ष में शामिल होने की सबसे अधिक संभावना है।[९]इसके अलावा, कुछ विश्लेषकों का तर्क है कि इस तर्क का आधार, पूरी तरह इस बात पर टिका है कि एक विदेशी दुश्मन के आने से देश एकजुट हो जाते है, जो कि ज़रूरी नहीं है। यह विचार उन समाजशास्त्रीय अध्ययनों पर बहुत अधिक निर्भर करता है जो छोटे समूहों के सामंजस्य पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

समस्याएँ तब उत्पन्न होती हैं जब सिद्धांतकार इसे एक बड़े समूह जैसे किसी राष्ट्र पर लागू करने का प्रयास करते हैं, जो कई छोटे समूहों से बना होता है। वास्तव में, इतिहास में ऐसा भी कई बार हुआ है जब बाहरी संघर्ष के समय घरेलू समूहों के बीच अशांति और अधिक बढ़ गई हो। उदाहरण के लिए, प्रथम विश्व युद्ध के दौरान रूसमें आंतरिक समस्याएँ बढ़ गईं, जिस कारण अंततः बोल्शेविक क्रांति संभव हो पाई।[१०]कुछ लोग यह भी तर्क देते हैं कि ऐसा ज़रूरी नहीं है कि सरकार यथेच्छित समय पर अंतरराष्ट्रीय संघर्ष भड़का पाए। हालांकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बीच संघर्ष हमेशा से चलता आ रहा है, लेकिन ऐसा नहीं होता कि युद्ध हर संघर्ष का अनिवार्य परिणाम हो। ऐसा भी हो सकता है कि लोग सरकार पर अनावश्यक रूप से भड़काऊ होने का इल्ज़ाम लगाने लग जाएँ।[११]

यह सभी देखें

टिप्पणियाँ

  1. Sobek, David. "Rallying Around the Podesta: Testing Diversionary Theory Across Time." Journal of Peace Research 44.1 (2007): 29–45. 20 Oct. 2008 <http://jpr.sagepub.com/cgi/reprint/44/1/29 स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।>.
  2. DeRouen, Karl. "Presidents and the Diversionary Use of Force: A Research Note." International Studies Quarterly 44.2 (2000): 317–328. American University. 20 Oct. 2008. साँचा:hide in printसाँचा:only in print
  3. Mowle, Thomas S. "Worldviews in Foreign Policy: Realism Liberalism, and External Conflict." Political Psychology 24.3 (2003): 561–592. American University. 20 Oct. 2008. साँचा:hide in printसाँचा:only in print
  4. Keegan, John. The Face of Battle (1976), John Cape, London, ISBN 978-0140048971स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।.
  5. Theiler, Tobias (2017-10-24). "The Microfoundations of Diversionary Conflict". Security Studies. 0 (2): 318–343. doi:10.1080/09636412.2017.1386941. ISSN 0963-6412.
  6. Sobek, David. "Rallying Around the Podesta: Testing Diversionary Theory Across Time." Journal of Peace Research 44.1 (2007): 29–45. 20 Oct. 2008 <http://jpr.sagepub.com/cgi/reprint/44/1/29 स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।>.
  7. Chiozza, Giacomo. "Peace through Insecurity: Tenure and International Conflict." The Journal of Conflict Resolution 47.4 (2003): 443–467. American University. 20 Oct. 2008. साँचा:hide in printसाँचा:only in print.
  8. Smith, Alastair. "Diversionary Foreign Policy in Democratic Systems." International Studies Quarterly 40.1 (1996): 133–153. American University. 20 Oct. 2008. साँचा:hide in printसाँचा:only in print.
  9. Foster, Dennis. "Relative Capabilities and American Diversionary Targeting Decisions" Paper presented at the annual meeting of the Midwest Political Science Association, Palmer House Hilton, Chicago, Illinois, Apr 15, 2004
  10. Morgan, Clifton. "Domestic Support and Diversionary External Conflict in Great Britain, 1950–1992." The Journal of Politics 61.3 (1999): 799–814. American University. 20 Oct. 2008. साँचा:hide in printसाँचा:only in print.
  11. Meernik, James. "The Myth of the Diversionary Use of Force by American Presidents." Political Research Quarterly, Vol. 49, No. 3 (Sep., 1996), pp. 573–590 Sage Publications, Inc. on behalf of the University of Utah

संदर्भ