न्यूटन (फिल्म)
Newton | |
---|---|
चित्र:Newton film poster.jpg न्यूटन फिल्म का पोस्टर | |
निर्देशक | अमित वी मसुरकर |
निर्माता | मनीष मुंद्रा |
लेखक | अमित वी मसुरकर |
पटकथा |
अमित वी मसुरकर मयंक तिवारी |
अभिनेता |
राजकुमार राव पंकज त्रिपाठी अंजलि पाटिल रघुवीर यादव |
संगीतकार | रचित अरोड़ा |
छायाकार | स्वप्निल एस सोनवाने |
संपादक |
श्वेता वेंकट मैथ्यू, हार्दिक ए मेरिया |
स्टूडियो | दृश्यम फिल्म्स |
वितरक | एरोस इंटरनेशनल |
प्रदर्शन साँचा:nowrap |
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|
समय सीमा | 106 मिनट |
देश | India |
भाषा | हिंदी |
लागत | ₹9 करोड़ [१] |
कुल कारोबार | ₹31.65 करोड़[२] |
न्यूटन फिल्म को भारत की तरफ से विदेशी भाषा में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के ऑस्कर सम्मान के लिए आधिकारिक एंट्री मिली थी।[३] हालांकि ये फिल्म अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ 9 फिल्मों में जगह बनाने में नाकाम रही और पुरस्कार की दौड़ से बाहर हो गई।[४] यह फिल्म नक्सल प्रभावित इलाके में सालों बाद इलेक्शन कराने जैसे विषय पर बनाई गई फिल्म है।[५] इस फिल्म में राजकुमार राव, पंकज त्रिपाठी, रघुवीर यादव,संजय मिश्रा, अंजली पाटिल जैसे कलाकार हैं।[६] फिल्म में राजकुमार राव और पंकज त्रिपाठी समेत सभी कलाकारों की एक्टिंग की काफी तारीफ हो रही है। 'न्यूटन' को फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की तरफ से ऑस्कर अवॉर्ड्स में 'बेस्ट फॉरिन फिल्म' की श्रेणी के लिए भेजी जाएगा। ये फिल्म 22 सितंबर 2017 को करीब 350 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई है।[७][८]
कहानी
न्यूटन कुमार जो कि दलित समुदाय से है और नया भर्ती हुआ सरकारी क्लर्क है, उसे चुनावी ड्यूटी पर छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जंगली इलाके में भेजा गया है। सुरक्षा बलों की उदासीनता और नक्सली छापामारों के हमले के संभावित खतरों के बीच तमाम विपरीत परिस्थितियों में वो अपनी ओर से निष्पक्ष मतदान करवाने की कोशिश करता है। लेकिन बावजूद इसके जब मतदाता मतदान के लिए नही आते तो उसे ये देखकर घोर निराशा होती है। बाद में जब एक विदेशी संवाददाता उस मतदान केंद्र पर पहुंचता है तो सुरक्षाकर्मी गांव वालों को मतदान करने के लिए जबर्दस्ती वहां लाने कोशिश करते हैं। न्यूटन को जल्दी इस बात का एहसास हो जाता है कि गांव वालों को मतदान की अहमियत के बारे में कुछ पता ही नहीं है। वो गांव वालों को मतदान के महत्व के बारे में समझाने की कोशिश करता है लेकिन सुरक्षा अधिकारी उसे बगल में धक्का देकर गांव वालों को समझाता है कि वोटिंग मशीन एक खिलौना है। ये देखकर विदेशी पत्रकार को भारत के लोकतंत्र के बारे में एक मजेदार खबर मिल जाती है। न्यूटन कुमार वोटिंग पूरी होने तक अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद रहने की कोशिश करता है लेकिन इसी दौरान नक्सली हमले के बीच उसे अपनी जान बचाने के लिए भागने पर मजबूर होना पड़ता है। तभी उसे पता चलता है कि ये हमला भी पुलिस द्वारा ही सुनियोजित किया गया था। बाद में मतदान केंद्र की ओर लौटते समय उसे जंगल में चार ग्रामीण मिलते हैं जिनसे वो मशीन में वोट डलवाने की कोशिश करता है लेकिन उसके साथ चल रहे सुरक्षा अधिकारी को इस काम को लेकर अनमना सा है और न्यूटन को ऐसा करने से रोकता है। न्यूटन अपनी ड्यूटी को गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा अधिकारी की बंदूक छीनकर उसे मतदान के बाकी बचे दो मिनट तक बंदूक की नोक पर रखता है ताकि गांव वाले मतदान कर सकें। लेकिन बाद में सुरक्षाकर्मी उसे बुरी तरह से पीटते हैं। इसके बाद फिल्म जंगली इलाके में खनन गतिविधियों के शाट्स दिखाती हुई समाप्त होती है।
कलाकार
- राजकुमार राव (न्यूटन कुमार)
- पंकज त्रिपाठी (असिस्टेंट कमांडेट आत्मा सिंह)
- अंजलि पाटिल (मल्को नेताम)
- रघुवीर यादव (लोकनाथ)
- संजय मिश्रा (अभिनेता)
- मुकेश प्रजापति (शंभू)
- मयंक तिवारी (पत्रकार)
- सुनील रामकृष्ण बोरकर (कमल किशार)
तकनीकी दल
- स्वप्निल एस सोनवाने-छायांकन
- नरेन चंदावरकर एवं बेनेडिक्ट टेलर-संगीत निर्देशन
- श्वेता वेंकट मैथ्यू-संपादन
- नीरज गेरा-ध्वनि
संगीत
समीक्षाएं
न्यूटन फिल्म को बर्लिन अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में शानदार प्रतिक्रिया मिली और दर्शकों ने इसे जमकर सराहा.[९] इसे फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार भी मिला। हफिंग्टन पोस्ट ने फिल्म की प्रशंसा करते हुए लिखा न्यूटन विद्रोही इलाके में लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए एक नौजवान क्लर्क की हृदयस्पर्शी और प्रेरणादायी गाथा है।[१०] इस फिल्म को 90वें ऑस्कर सम्मान समारोह के लिए भारत की ओर से आधिकारिक फिल्म के रूप में शामिल किया गया है, जिसका निर्णय 4 मार्च 2018 को लॉस एेन्जेलिस, कैलिफोर्निया में किया जाएगा।[११][१२]न्यूटन भारत की पहली फिल्म है जिसे केंद्र सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुई।[१३] न्यूटन को समीक्षकों द्वारा स्कोर के रूप में 10 में से 7.5 अंक प्राप्त हुए हैं।[१४]
बॉक्स ऑफिस
न्यूटन ने भारत में पहले सप्ताह में 11.75 करोड़ रुपये की कमाई की। इस फिल्म ने अपनी दूसरी सप्ताहांत में 3.75 करोड़ रुपये कमाए, जिससे कुल मिलाकर 15.50 करोड़ रुपये हो गए।[१५]
विवाद
फिल्म के रिलीज होने और ऑस्कर में भारत की आधिकारिक फिल्म के रूप में नामांकन के बाद इस फिल्म की इरानी फिल्म 'सिक्रेट बैलट' से समानता के कारण काफी आलोचना हुई। जवाब में फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने कहा कि न्यूटन सिक्रेट बैलट की वैसे ही नकल है जैसे हिंदी 'फिल्म वतन के रखवाले' की नकल 'द अवेंजर्स' है। [१६]हालांकि बाद में फिल्म 'सिक्रेट बैलट' के निर्माता-निर्देशक ने सफाई पेश करते हुए कहा कि 'न्यूटन' उनकी फिल्म की नकल नहीं है। [१७]
नामांकन एवं पुरस्कार
वर्ष | पुरस्कार | श्रेणी | नतीजा |
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2017 | बर्लिन अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह | इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ आर्ट सिनेमा पुरस्कार (CICAE)[१८] | साँचा:won |
2017 | हांगकांग अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह | युवा सिनेमा प्रतियोगिता ज्यूरी अवार्ड[१९] | साँचा:won |
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
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