निसा, तुर्कमेनिस्तान
निसा | |
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निसा में प्रवेश स्थल। | |
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वैकल्पिक नाम |
पार्थाउनिसा मिथार्दतकिर्त |
स्थान | अश्गबत शहर, तुर्कमेनिस्तान |
निर्देशांक | स्क्रिप्ट त्रुटि: "geobox coor" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। |
प्रकार | अवस्थापन |
इतिहास | |
काल | पहलवी साम्राज्य |
संस्कृति | पहलवी (पार्थियन) |
संबद्ध है | आर्ससिज़ प्रथम, मिथ्रिडेट्स प्रथम |
स्थल टिप्पणियां | |
स्थिति | खंडर |
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल | |
आधिकारिक नाम | निसा के पार्थियन किले |
मानदंड | सांस्कृतिक और प्राकृतिक: (ii), (iii) |
सन्दर्भ | 1242 |
शिलालेख | साँचा:if first display both |
क्षेत्र | साँचा:convert |
मध्यवर्ती क्षेत्र | साँचा:convert |
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निसा (प्राचीन ग्रीक: Νῖσος और Νίσα और Νίσαιον)[१][२] (पार्थुनिसा भी), ईरानी लोगों की एक प्राचीन बस्ती थी, जो अश्गबत, तुर्कमेनिस्तान से 18 किमी दक्षिण पश्चिम में बागिर गांव के पास स्थित है। निसा को पहलवियों (पार्थियनों) के केंद्रीय सरकार की पहले केन्द्र के रूप में वर्णित किया गया है। परंपरागत रूप से माना जाता है कि इसे आर्ससिज़ प्रथम (शासनकाल 250 ई.पू.-211 ईसा पूर्व) द्वारा स्थापित किया गया था और यह पहलवी राजाओं का शाही निवास स्थल था, हालांकि यह स्थापित नहीं किया गया है कि निसा में किला या तो एक शाही निवास था या एक समाधि थी।
2007 में, निसा का पार्थियन किलें के अवशेषों को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।[३]
इतिहास
पहलवी साम्राज्य तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से ईरानी पठार पर सबसे शक्तिशाली साम्राज्य था, 190 ईसा पूर्व और 224 ईस्वी के बीच मेसोपोटामिया इसके नियंत्रण में था। एक समय पर, इसके साम्राज्य ने सभी आधुनिक ईरान, इराक और आर्मेनिया, तुर्की के कुछ हिस्सों, जॉर्जिया, अज़रबैजान, तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इसने कुछ समय के लिए पाकिस्तान, सीरिया, लेबनान, इज़राइल और फिलिस्तीन में भी कब्जा कर लिया था।[४]
निसा पहलवी साम्राज्य में एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र था।[५] पहलवी के मिथ्रिडेट्स प्रथम (शासनकाल ल. 171 ई.पू.-138 ई.पू.) द्वारा बाद में निसा को बाद में मिथ्रदात्कीर्ति (पार्थियन: 𐭌𐭕𐭓𐭃𐭕𐭊𐭓𐭕 "(मिथ्रेट्स का गढ़)") का नाम दिया गया।
यह क्षेत्र तेज और सुंदर घोड़ों के लिए प्रसिद्ध था।[६]
पहले दशक ईसा पूर्व के दौरान आये एक भूकंप से निसा पूरी तरह से नष्ट हो गया था।
उत्खनन
इतालवी ट्यूरिन उत्खनन केंद्र द्वारा 1990 से उत्खनन कार्य चल रहा है। पहले 1950-70 के दशक में रूसियों द्वारा भी इस स्थल की खुदाई की जा चुकी है। उत्खनन में किलेबंदी की दीवारों से घिरे एक गढ़ के बारे में अमूल्य विवरण प्रकट हुए है। यहां उत्खनन से कई इमारतें, मकबरें और मंदिरों के अवशेष मिले है। टीम ने गढ़ के मुख्य केंद्रीय परिसर में दो इमारतों की खोज की है: तथाकथित गोलाकार बरामदा और लाल इमारत। गोलाकार बरामदा उस सम्य की एक अद्भुत गोलाकार इमारत थी जिसमें एक केंद्रीय गोलाकार बरामदा 17 मीटर व्यास का था, जो एक मिट्टी की ईंट के गुंबद से घिरा था और इसे चार तरफ से गलियारों से घिरा हुआ था। लाल इमारत एक स्मारकीय संरचना है जिसकी ईंट की दीवारें अभी भी लगभग 4 मीटर की ऊंचाई तक संरक्षित हैं।
इन दो मुख्य इमारत से कई दस्तावेजों और एक लूटे गए खजाने का पता चला है। कई हेलेनिस्टिक कला कार्यों को उजागर किया गया है, साथ ही साथ हाथी दांतों की एक बड़ी संख्या प्राप्त हुई है, ईरानी विषयों या शास्त्रीय पौराणिक दृश्यों से सजे बाहरी रिम्स (सिक्के) प्राप्त हुए है। वास्तव में, निसा में लगभग सभी कला और वास्तुकला पश्चिमी और ईरानी शैलियों का एक शानदार संगम है।
चित्र दीर्घा
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
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- ↑ "UNESCO names World Heritage sites स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।", BBC News, 28 June 2007.
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ Oppian of Apamea, Cynegetica or The Chase, §1.306-315