नागणेच्या मां

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देवी

नागणेच्या माँ (नागणेची मां) (साँचा:lang-en) सूर्यवंशी राठौड़[१] राजपूतों व सोढा राजपुरोहित की एक कुलदेवी है। इतिहास के अनुसार राव शिओजी के पोत्र राव दूहड़ एक बार कन्नौज गए जहां पर राठौड़ राज करते थे। और इन्होंने राजस्थान के बाड़मेर ज़िले में नागणेच्या मां[२] के मन्दिर की स्थापना की थी। मन्दिर में देवी को हर हिन्दू पूजा पाठ कर सकता है। १२०० ईस्वी में राव दूहड़ जी मां को शक्ति और देवी के रूप में देखा तब इन्होंने राठौड़ों व सोढा ( राजपुरोहित ) की कुलदेवी रख दिया। पूर्व में कन्नौज में ज्योत नहीं करने देते थे इस कारण दूहड़ जी पितर जी ने राजस्थान के खेड़ क्षेत्र में एक मन्दिर का निर्माण करवाया। नागणेची माता का मन्दिर नागाणा, कल्याणपुर, बाड़मेर, राजस्थान में स्थित हैं और बोरटा तहसील भिनमाल में स्थित है जिसे मिनी नागना भी कहा जाता है राजपूत वंश व सोढा राजपुरोहित के सभी लोग माता की पूजा करते है ।

सिंह द्वार

सन्दर्भ

नागणेची माता का मेला चैत्र नवरात्रि को जूनागढ़ दुर्ग में भरता है।

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