द्वितीय विश्वयुद्ध काल की प्रौद्योगिकी

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१६ जुलाई १९४५ का ट्रिनिटी विस्फोट : इससे परमाणु बम के युग का आरम्भ हुआ।
जर्मन एनिग्मा : कूट का रहस्य खोज निकालने वाली मशीन

प्रौद्योगिकी ने द्वितीय विश्वयुद्ध के परिणाम को बहुत हद तक प्रभावित और निर्धारित किया। द्वितीय विश्वयुद्ध में बाहर आयी प्रौद्योगिकी का अधिकांश हिस्सा १९२० और १९३० के बीच विकसित किया गया था।

लगभग हर प्रकार की प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हुआ था जिसमें से प्रमुख हैं-

  • हथियार : जलयान, गाडियाँ, वायुयान, आर्टिलरी, राकेट, जैविक, रासायनिक एवं परमाणु हथियार
  • लॉजिस्टिक सपोर्ट : सैनिकों एवं खाद्य-सामग्री को लाने और ले जाने के लिये गाडियाँ जैसे ट्रेन, ट्रक, वायुयान आदि
  • संचार एवं गुप्तचरी : नौवहन, संचार, सुदूर-संवेदन (रिमोट सेंसिंग) तथा गुप्तचरी
  • औषधियाँ : शल्यचिकित्सा में नवाचार, रासायनिक औषधियाँ आदि
  • उद्योग : कारखानों एवं उत्पादन केन्द्रों में प्रयुक्त तकनीकों में सुधार

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