द्वयी सम्बन्ध
गणित में दो समुच्चयों साँचा:mvar और साँचा:mvar पर द्वयी सम्बन्ध (binary relation) उन समुच्चयों के कार्तीय गुणन <math>X \times Y;</math> का एक उपसमुच्चय होता है। दूसरे शब्दों में, द्वयी सम्बन्ध, क्रमित युग्मों साँचा:math का एक समुच्चय होता है, जहाँ साँचा:mvar तथा साँचा:mvar क्रमशः समुच्चय साँचा:mvar और साँचा:mvar के अवयव हैं।[१] अतः कोई अवयव साँचा:mvar किसी अवयव साँचा:mvar सम्बन्धित तभी कहा जाएगा, यदि और केवल यदि युग्म साँचा:math उस द्वयी सम्बन्ध को परिभाषित करने वाले क्रमित युग्मों के समुच्चय का अवयव हो।
उदाहरण के लिए, अभाज्य संख्याओं के समुच्चय <math>\mathbb{P}</math> तथा पूर्णाकों के समुच्चय <math>\mathbb{Z}</math> पर "विभाजित करता है" सम्बन्ध, एक द्वयी सम्बन्ध है। यहाँ प्रत्येक अभाज्य संख्या साँचा:mvar उन सभी पूर्णाकों के सम्बन्धित है जो साँचा:mvar के गुणक हैं लेकिन उन पूर्णांकों से सम्बन्धित नहीं है जो उसके गुणक नहीं हैं।
द्वयी सम्बन्ध, गणित की अनेक शाखाओं में प्रयुक्त होते हैं। जैसे कि
- अंकगणित में : "से बड़ा है" (is greater than), "के बराबर है" (is equal to) और "विभाजित करता है" (divides)।
- ज्यामिति में : "के सर्वांगसम है" (is congruent to)
- ग्राफ सिद्धान्त : "से संलग्न है" (is adjacent to)
- रैखिक बीजगणित : "के लम्बकोणी है" (is orthogonal to)