जा-ए-नमाज़

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बड़गाम जा-नमाज़ १९ वीं सदी. ऊपर का हिस्सा मिहराब और किब्ला को ज़ाहिर करता है
सलात / सलाह
Flickr - DVIDSHUB - International brothers, sisters in faith gather at Kandahar Air Field for Eid al-Adha (Image 1 of 10).jpg
नमाज़ के दौरान रुकू करते हुए मुस्लिम
आधिकारिक नाम صلاة
अन्य नाम इस्लाम में उपासना
अनुयायी मुस्लिम
प्रकार इस्लामीय
उद्देश्य फ़िक़ह के मुताबिक़ अल्लाह की इबादत का तरीक़ा.
अनुष्ठान
समान पर्व तिलावत, रुकू, सुजूद

जा-ए-नमाज़ (इंग्लिश: Prayer rug) एक  कपड़ा या चटाई का बना आयताकार टुकड़ा जिसको बिछा कर मुसलमान नमाज़ पढ़ते हैं, शाब्दिक अर्थ नमाज़ पढ़ने की जगह[१]। नमाज़ के पाबंद इसे घर में रखते हैं और यात्रा में भी साथ रखते हैं।
विवरण:
इस्लाम में नमाज़ पढ़ने के किये स्थान पवित्र एवं स्वछ होना चाहिए, नमाज़ के लिए वुज़ू के बाद मुसलमान जहां नमाज़ पढ़नी होती है उस स्थान पर कपड़े के बने जाए नमाज़ बिछा देते हैं, एक नमाज़ी के लिए कपड़े या प्लास्टिक के जाए नमाज़ को मुसल्ला भी कहते हैं। अधिक के लिए चटाई, गलीचा, कालीन का भी उपयोग करते हैं।

जा-ए-नमाज़ का साइज

एक नमाज़ी के लिए लगभग 2 फुट चौड़ा, 3 फुट लंबा टुकड़ा जो अधिकतर कपड़े का बना होता है, अब प्लास्टिक का बना हुआ भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

अधिक नमाज़ियों के चटाई की लंबाई तो वही होती है अर्थात नमाज़ी आसानी से सज्दा कर सकें। चौड़ाई आवश्यकता अनुसार बढ़ा लेते हैं।

जा-ए-नमाज़ की शर्तें

  1. किसी गंदी चीज़ से न बना हो
  2. किसी जानदार का चित्र न बना हो
  3. अकेले खुले में नमाज़ पढ़ें तो सुत्राह का प्रबंध करें।

जा-ए-नमाज़ के डिज़ाइन

हर देश में वहां की संकृति और फनकारों के अनुसार डिज़ाइन होता है, सबसे अधिक किबलाह काबा बना होता है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ