जानकी मन्दिर, नेपाल

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जानकी मन्दिर
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जानकी मन्दिर
धर्म संबंधी जानकारी
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अवस्थिति जानकारी
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ज़िलाधनुषा
देशनेपाल
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वास्तु विवरण
प्रकारहिन्दू, राजपूत
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अवस्थिति ऊँचाईसाँचा:convert
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यह पृष्ठ हिन्दू देवी सीता से संबंधित निम्न लेख श्रृंखला का हिस्सा है-
सीता

जानकी मन्दिर (साँचा:lang-ne) नेपाल के जनकपुर के केन्द्र में स्थित एक हिन्दू मन्दिर एवं ऐतिहासिक स्थल है। यह हिन्दू देवी सीता को समर्पित है। मन्दिर की वास्तु हिन्दू-राजपूत वास्तुकला है। यह नेपाल में सबसे महत्त्वपूर्ण राजपूत स्थापत्यशैली का उदाहरण है और जनकपुरधाम भी कहलाता है। यह मन्दिर ४८६० वर्ग फ़ीट क्षेत्र में निर्मित विस्तृत है और इसका निर्माण १८९५ में आरंभ होकर १९११ में पूर्ण हुआ था।[१] मन्दिर परिसर एवं आसपास ११५ सरोवर एवं कुण्ड हैं, जिनमें गंगासागर, परशुराम कुण्ड एवं धनुष-सागर अत्याधिक पवित्र कहे जाते हैं।[२]

इतिहास

जानकी मन्दिर का निर्माण मध्य भारत के टीकमगढ़ की रानी वृषभानु कुमारी के द्वारा १९११ ईसवी में करवाया गया था। इसकी तत्कालीन लागत नौ लाख रुपये थी। स्थानीय लोग इस कारण से ही इसे नौलखा मन्दिर भी कह दिया करते हैं।

१६५७ में देवी सीता की स्वर्ण प्रतिमा यहां मिली थी और मान्यतानुसार यहीं सीता माता विवाह पूर्व रहा करती थीं। कहते हैं इस स्थान की खोज एक बैरागी शुरकिशोरदास ने की थी जब उन्हें यहां सीता माता की प्रतिमा मिली थी। असल में शूरकिशोरदास बैरागी ही आधुनिक जनकपुर के संस्थापक भी थे। इन्हीं संत ने सीता उपासना (जिसे सीता उपनिषद भी कहते हैं) का ज्ञान दिया था। मान्यता अनुसार राजा जनक ने इसी स्थान पर शिव-धनुष के लिये तप किया था। वर्तमान में इस मंदिर पर रामानंदी संप्रदाय के बैरागी साधुओं का प्रभुत्व है व श्री रामतपेश्वर दास वैष्णव जी इस मंदिर के महंत हैं।

चित्र दीर्घा

सन्दर्भ

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इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

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