छिछोरे

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छिछोरे
चित्र:Chhichhore Poster.jpg
फ़िल्म का पोस्टर
निर्देशक नितेश तिवारी
निर्माता साजिद नाडियाडवाला
लेखक नितेश तिवारी
पियूष गुप्ता
निखिल मल्होत्रा
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत
श्रद्धा कपूर
वरुण शर्मा
प्रतीक बब्बर
ताहिर राज भसीन
नवीन पॉलीशेट्टी
तुषार पांडे
नलनीश नील
संगीतकार संगीत:
प्रीतम
पार्श्व संगीत:
समीर उद्दीन
छायाकार अमलेन्दु चौधरी
संपादक चारु श्री रॉय
स्टूडियो फॉक्स स्टार स्टूडियोज़
नाडियाडवाला ग्रैंडसन एंटरटेनमेंट
वितरक फॉक्स स्टार स्टूडियोज़
प्रदर्शन साँचा:nowrap साँचा:film date
देश भारतीय
भाषा हिन्दी
लागत 70 करोड़[१]
कुल कारोबार ₹209.42 करोड़

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छिछोरे 2019 में आने वाली हिन्दी फिल्म है, जिसका निर्देशन नितेश तिवारी ने और निर्माण साजिद नाडियाडवाला ने नाडियाडवाला ग्रैंडसन एंटरटेनमेंट के बैनर तले किया है। ये फिल्म 6 सितम्बर 2019 को रिलीज हुई। इस फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत, श्रद्धा कपूर, वरुण शर्मा, प्रतीक बब्बर आदि मुख्य किरदार निभा रहे हैं। इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फिल्म का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिला।[२]

कहानी

इस कहानी की शुरुआत अनिरुद्ध पाठक उर्फ अन्नी (सुशांत सिंह राजपूत) एक तलाकशुदा और अधेड़ उम्र के व्यक्ति से होती है, जो अपने बेटे राघव (मोहम्मद समद) के साथ रहता है। उसका बेटा राघव इंजीनियर बनने का इच्छुक रहता है और आईआईटी में प्रवेश परीक्षा के परिणाम का इंतेजार कर रहा होता है।

परिणाम पता चलने से पहले अन्नी अपने बेटे को शैंपेन का बोतल गिफ्ट करता है और बोलता है कि वे सफलता को साथ मिल कर मनाएंगे। इस बात से वो बेखबर रहता है कि राघव काफी ज्यादा दबाव में है और शैंपेन की बोतल बस उस दबाव को और बढ़ाने का ही काम कर रही है। अगले दिन राघव अपने अपार्टमेंट में परिणाम देखता है, उसे पता चलता है कि उसे आईआईटी में प्रवेश नहीं मिल पाएगा। घबराया हुआ राघव सीधे बालकनी से छलांग लगा देता है।

अन्नी को जैसे ही ये बात पता चलती है तो वो तुरंत अस्पताल का रुख करता है और वहाँ वो अपनी पूर्व-पत्नी और राघव की माँ माया (श्रद्धा कपूर) से मिलता है। माया इन सब का दोष अन्नी पर लगा देती है कि उसके दबाव के कारण ही राघव ने ऐसा किया। डॉक्टर उन दोनों को बताता है कि राघव की स्थिति लगातार खराब हो रही है क्योंकि वो जीना ही नहीं चाह रहा है। अन्नी अपने बेटे के भीतर जीने की चाहत लाने के लिए अपने कॉलेज के समय के किस्से सुनाता है। राघव को शक होता है कि क्या ये सब सच में हुआ था? इस बात को साबित करने के लिए अन्नी अपने कॉलेज के सारे दोस्तों को राघव से मिलने के लिए बुलाता है। वे सब मिल कर कहानी की शुरुआत करते हैं।

वर्ष 1992 में कॉलेज के पहले दिन में अन्नी को एच4 हॉस्टल का कमरा मिलता है, जो "लूजर्स (हारे हुए लोग)" नाम से मशहूर था। उसे ये नाम इस कारण मिला था, क्योंकि वहाँ वार्षिक स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में उस ब्लॉक का ही स्कोर हमेशा कम रहता था। अन्नी अपना ब्लॉक बदलना चाहता था और इस कारण वो क्लर्क से मिलता है, वो अन्नी से कहता है कि इसमें काफी समय लग सकता है। इस दौरान अन्नी के उस ब्लॉक में पाँच अच्छे दोस्त बन जाते हैं।

  • गुरमीत सिंह ढिल्लोन उर्फ सेक्सा (वरुण शर्मा),
  • हिमांशु देशमुख उर्फ एसिड (नवीन पोलिशेट्टी), जल्द ही गुस्से में आने वाला और अपमानजनक बातें करने वाला
  • डेरेक डीसूजा (ताहिर राज भसीन), कॉलेज के अच्छे एथलीटों में से एक और धूम्रपान करने वाला
  • सुंदर श्रीवास्तव उर्फ मम्मी (तुषार पांडे), माँ का लाडला
  • साहिल अवस्थी उर्फ बेवड़ा (सहर्ष कुमार शुक्ला) बेवड़ा और सबसे बुजुर्ग छात्र

इन सभी के बीच ही दो महीने गुजर जाते हैं और उसकी उन पांचों से काफी गहरी दोस्ती हो जाती है। इसी के साथ साथ वो माया के साथ डेटिंग भी शुरू कर देता है। एच3 ब्लॉक से रघुवीर (रैगी) (प्रतीक बब्बर) अन्नी के खेलने की क्षमता को देख कर उसके ब्लॉक बदलने के एप्लिकेशन को तेजी से आगे बढ़ा देता है और उससे एच3 में आने के लिए बात करता है। पर अन्नी की एच4 ब्लॉक में काफी लोगों से अच्छी दोस्ती हो जाये रहती है, इस कारण वो इस ऑफर को ठुकरा देता है। इसके बार रघुवीर उसे बताता है कि ऐसा ही ऑफर उसने डेरेक को भी दिया था, पर वो एच4 ब्लॉक में रहकर बस लूजर बन कर रह गया।

अन्नी किसी तरह लूजर का टैग उस ब्लॉक से हटाने की सोचता है और वे अपने दोस्तों के साथ टीम बना कर प्रतियोगिता जीतने की योजना बनाता है। जल्द ही उन्हें पता चल जाता है कि ये उतना आसान नहीं, जितना वे सोच रहे थे। काफी मेहनत के बाद वे फ़ाइनल के लिए क्वालिफ़ाय हो जाते हैं। अंत में एच3 और एच4 ब्लॉक के बीच बास्केटबाल का गेम होता है, जिसमें अन्नी आखिरी समय पर स्कोर करने की कोशिश करता है, पर विफल हो जाता है और उसी के साथ एच4 ब्लॉक दूसरे नंबर पर आ जाती है, जो हमेशा से सबसे नीचे रहती थी। रघुवीर भी अच्छे मुक़ाबले के लिए एच4 ब्लॉक के टीम को बधाई देता है।

कहानी वापस से वर्तमान में आ जाती है। अन्नी और उसके दोस्त राघव से बोलते हैं कि प्रतियोगिता हारने के बाद भी एच4 ब्लॉक आगे कभी "लूजर" नहीं कहलाया, क्योंकि वे हार के डर से पीछे हटते की जगह वे जीतने की कोशिश करते थे। इन सब से राघव का मन फिर जीने को करता है और लगभग साल भर बाद वो अपने कॉलेज के पहले दिन में जाते हुए दिखता है। दर्शकों से अनुरोध किया जाता है कि वे उससे कॉलेज का नाम या कितना रैंक आया आदि न पूछें।

कलाकार

संगीत

अनाम

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फिल्म का संगीत प्रीतम द्वारा संगीतबद्ध किया गया है, जबकि बोल अमिताभ भट्टाचार्य द्वारा लिखे गए हैं।

गीत सूची
क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."वो दिन"तुषार जोशी5:12
2."कंट्रोल"नकाश अज़ीज़, मनीष जे टीपू, गीत सागर, श्रीराम चन्द्र, अमिताभ भट्टाचार्य3:36
3."फिकर नॉट"नकाश अज़ीज़, देव नेगी, अंतरा मित्र, अमित मिश्रा, श्रीराम चन्द्र, अमिताभ भट्टाचार्य3:09
4."कल की ही बात है"केके4:00
5."खैरियत" (सैड)अरिजीत सिंह4:40
6."खैरियत" (हैप्पी)अरिजीत सिंह4:30
7."वो दिन" (वर्शन 2)अरिजीत सिंह4:18
कुल अवधि:29:25

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ