आगरा स्थित चीनी का रोजा शाहजहाँ के मंत्री, अल्लामा अफज़ल खान शकरउल्ला शिराज़, को समर्पित है और अपने पारसी शिल्पकारी वाले चमकीले नीले रंग के गुम्बद के लिये दर्शनीय है। यह मकबरा शिराज के अल्लमा अफजल खल मुल्लाह शुक्रुल्लाह को समर्पित है। शुक्रुल्लाह मश्हूर पारसी कवि और विद्वान थे जो बाद में शाहजहां के प्रधानमंत्री भी बने। 1635 में बनी इस खूबसूरत मकबरे का नाम इसको बनाने में इस्तेमाल हुए पत्थरों के नाम पर पड़ा। यह मकबरा उस समय मुगल वास्तुशिल्प पर पारसी प्रभाव का दर्शाता है। इतिमद-उद-दौला से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित इस इमारत के ऊपर गोलाकार गुंबद है। इसे देखकर बताया जा सकता है कि यह आगरा की एकमात्र पारसी इमारत है। गुंबद की भीतरी छत पर तस्वीरों और इस्लामिक लिखावट के चिह्न देखे जा सकते हैं। गुंबद के ऊपर कुराने की कुछ आयतें खुदी हुई हैं।
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परिचय | | |
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आगरा जिले की तहसीलें | अछनेरा, अज़ीज़पुर, आगरा, एतमादपुर, किरौली, खंडवा, खंदोली, खैरागढ़, जगनेर , जैतपुर कलां, तनटपुर, नैनना जट, पिनहट, रुनकता, फतेहपुर सीकरी, फ़तेहाबाद, बरोली अहीर, बाह, बिचपुरी, सरोखीपुरा, शम्साबाद, सैयां |
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ताजमहल | |
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आगरा का किला | |
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अन्य स्थल | |
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अन्य | |
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बाहरी कड़ियाँ | |
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