चितलवाना
साँचा:if empty Chitalwana | |
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निर्देशांक: साँचा:coord | |
ज़िला | जालौर ज़िला |
प्रान्त | राजस्थान |
देश | साँचा:flag/core |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | ८,१४१ |
• घनत्व | साँचा:infobox settlement/densdisp |
भाषा | |
• प्रचलित | राजस्थानी, हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
चितलवाना (Chitalwana) भारत के राजस्थान राज्य के जालौर ज़िले में स्थित एक गाँव है।[१][२]
विवरण
चितलवाना प्रशासनिक रूप से एक तहसील का दर्जा रखता है, जिसे वर्ष 2012-13 के बजट में इसे तहसील जिसमें तत्कालीन सांचोर तहसील मुख्य रूप से क्षेत्रों के रूप में पदोन्नत किया गया था और सांचोर तहसील क्षेत्र मुख्य रूप से इस से 30 किमी दूर है। शहर अक्सर लूनी नदी और नर्मदा नहरों के ढेर से भर जाता है। क्षेत्र में गंभीर रूप से बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य सुविधाओं और कम साक्षरता दर और गुजरात और महाराष्ट्र से सटे राज्यों को अंतरराज्यीय पलायन की उच्च मात्रा के साथ बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। चितलवाना के बीचोंबीच भगवान श्री राम का मंदिर (निर्माणाधीन), उसी से सटा हुआ जैन मंदिर, सम्मुख श्री नवदुर्गा गरबा मंडल, तथा हनुमानजी के चबूतरे के साथ-साथ गांव में अनेक धार्मिक स्थल हैं। उत्तर में 2 किलोमीटर दूरी पर दादोसा का थान, उसी मार्ग पर हनुमानजी तथा हिंगोलापीर का मंदिर हैं जहां श्रद्धालुओं का अक्सर तांता लगा रहता हैं, इसी तरह उत्तर-पूर्व में राणी-भटियाणी जी तथा सवाई जी का मंदिर हैं। यह क्षेत्र नेहड़ के नाम से भी जाना जाता हैं, यहां की जलवायु सामान्य से अधिक उष्ण, शीत ऋतु में कभी कभी शीत लहर भी चलती हैं, मिट्टी चिकनी भूरी तथा उपजाऊ भूमि से धनी यह क्षेत्र कृषकों की बहुलता वाला गांव हैं, यहां के किसान नर्मदा नहर के जल की मदद से साल के सभी सीजन में फसल का लाभ लेते हैं।
कविता
अपने मातृशब्दों में प्रस्तुत हैं भरतरचित "गढ़ चितळ री ख्यात"
पूर्वोत्तर में माजीसा, रगतिये खेतल वीर... उत्तर में दादोसा, अठै थान हिंगोला पीर.. रामधुण में रामदेव जी, और वांकल मात.. गाम बीचोबीच ठाकुर जी, और पार्श्वनाथ..
राजकाज और पटवारी अठै मोटी पाठशाला.. गायां री हुवै चाकरी, चलावे धिमजी गौशाला.. ग्रामसेवक और बैंक अठै, तैसिल चितलवाण.. भामाशाहों री भीड़ लागे, अठै करे घणेरो दान..
चहुआँण वंशी राव साहब, लखजी मोटा सेठ.. आस-पड़ौस रा गोमड़ों में सबरी मोकळी पैठ.. गादीपति गोरखपुरी जी और सोना नवेसी भूप.. गाम-गाम और कोस-कोस ख्याति कमाई खूब..
राव राजपूत और रावणा, टीपणा बांचे जोशी.. सन्त सौमी और पुरोहित, घोंणी चलावै घोंची.. खत्री माळी और चौधरी, महाजन घणा अमीर.. अमीर-गरीब रो अन्तर नहीं, घर-घर बणै खीर..
वन्यजीव प्रेमी विशनोई, अठै हेम घड़े सुनार.. दर्जी देवासी सेवक नाई, लोखण कूटे लोहार.. गुरांसा पंचारिया और बारोट, काठ घड़े सुथार.. तवो तपेली और तामणी सब ठाम घड़े कुम्भार..
राणा प्रताप रा माजीराणा मेघवंशी और मीर.. मेतर मोची गुरु क्रियागर बसे गोळीया में पीर.. रूइड़ों निमड़ों जाळ, अठै बावळीया रा खोखा.. कैर कुमट और सांगरी रा साग बणै अठै चोखा..
ग्वार बाजरी और मूंग-मतीरा गहुँ पाके घणा.. ज्वार रायड़ों और मैथी जीरुं कोई वावे चणा.. भण्या पढ्या परदेशां बसे खेतां अनपढ़ भाई.. घर -घर लीला लेहर ल्याई नहर नरमदा माई..
सीधा-सादा मिनख अठा रा भोळा-भाळा लोग.. बांने आपस में भड़कावे मैली राजनीति रो रोग.. घांची भरत लिखी हैं भाई गढ़ चितळ री ख्यात.. जग में जीवति रेवजो, कलम और स्याही दवात..
✍️-भरत मारवाड़ी "चितलवाना"
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Lonely Planet Rajasthan, Delhi & Agra," Michael Benanav, Abigail Blasi, Lindsay Brown, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012332
- ↑ "Berlitz Pocket Guide Rajasthan," Insight Guides, Apa Publications (UK) Limited, 2019, ISBN 9781785731990