चमोली-गोपेश्वर
चमोली-गोपेश्वर | |
— नगर — | |
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
देश | साँचा:flag |
राज्य | उत्तराखण्ड |
जनसंख्या • घनत्व |
२१,४४७ (साँचा:as of) • साँचा:convert |
क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) |
साँचा:km2 to mi2 • साँचा:m to ft |
साँचा:collapsible list |
साँचा:coord चमोली गोपेश्वर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत गढ़वाल मण्डल का एक प्रमुख नगर है। यह चमोली जनपद का मुख्यालय है।
इतिहास
चमोली और गोपेश्वर इतिहास के अधिकांश भाग में पृथक कस्बे रहे हैं। चमोली अलकनंदा नदी के किनारे अपनी स्थिति के कारण बद्रीनाथ यात्रा का एक मुख्य पड़ाव था, जबकि गोपेश्वर नौवीं शताब्दी में निर्मित गोपीनाथ मंदिर के इर्द-गिर्द बसा एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल था। शेष गढ़वाल की तरह ही यहाँ भी प्राचीनकाल में कत्यूरी राजवंश का शासन था, जिनकी राजधानी पहले जोशीमठ, और फिर कार्तिकेयपुर (बैजनाथ) में थी।[१] ग्यारहवीं शताब्दी में कत्यूरी साम्राज्य का विघटन हो गया, जिसके बाद सारा गढ़वाल 52 छोटे-छोटे ‘गढ़ों’ में विभाजित हो गया था। इन सभी गढ़ों में अलग-अलग राजा राज्य करते थे, और उन्हें ‘राणा’, ‘राय’ या ‘ठाकुर’ के नाम से जाना जाता था। 823 ई. में बद्रीनाथ मंदिर की यात्रा पर आये मालवा के राजकुमार कनकपाल ने चाँदपुर गढ़ी के मुखिया, राजा भानु प्रताप, की पुत्री से विवाह कर दहेज में गढ़ी का नेतृत्व प्राप्त किया।[२] इसके बाद उन्होंने दूसरे गढ़ों पर आक्रमण कर अपने राज्य का विस्तार प्रारम्भ किया, और गढ़वाल राज्य की नींव रखी। धीरे-धीरे कनकपाल और उनकी आने वाली पीढ़ियाँ, जो परमार या पंवार वंश के नाम से विख्यात हुई, एक-एक कर सारे गढ़ जीत कर अपना राज्य बढ़ाती गयीं। इस तरह से सन् 1358 तक सारा गढ़वाल क्षेत्र इनके कब्जे में आ गया।[३]
अगले 918 सालों तक पंवारों ने गढ़वाल पर निर्विघ्न राज्य किया। अट्ठारवीं शताब्दी के अंत तक नेपाल के गोरखा राजाओं ने डोटी (1760) और कुमाऊँ (1790) पर अधिपत्य कर लिया था।[४] सन् 1803 में देहरादून में गढ़वाल और गोरखाओं की एक लड़ाई हुई, जिसमें गोरखाओं की विजय हुई और राजा प्रद्वमुन शाह मारे गये। धीरे-धीरे गोरखाओं का प्रभुत्व बढ़ता गया और उन्होनें इस क्षेत्र पर करीब 12 साल राज्य किया।[४] एक समय में गोरखा राज्य कांगड़ा तक फैला गया था, लेकिन फिर महाराजा रणजीत सिंह ने कांगड़ा से गोरखाओं को निकाल बाहर किया। दूसरी तरफ ईस्ट इंडिया कम्पनी ने 1814 में गोरखाओं पर आक्रमण कर दिया।[५] एक वर्ष तक चले आंग्ल-गोरखा युद्ध में कम्पनी विजयी हुई, और 1816 की सुगौली संधि के अनुसार गढ़वाल के साथ साथ हिमाचल और कुमाऊँ पर भी कम्पनी शासन स्थापित हो गया।[६] कंपनी ने फिर मन्दाकिनी नदी को सीमा बनाकर गढ़वाल का विभाजन कर दिया, और कुमाऊँ, देहरादून और पूर्वी गढ़वाल को अपने शासनाधीन रख लिया, जबकि पश्चिमी गढ़वाल राजा सुदर्शन शाह को दे दिया, जो बाद में टिहरी-गढ़वाल रियासत के नाम से जाना गया।[७] इस विभाजन में यह क्षेत्र पूर्वी गढ़वाल के अंतर्गत आया था, और फलस्वरूप कुमाऊँ मण्डल के अंतर्गत गढ़वाल जिले का भाग बना, जिसकी स्थापना सन् 1839 में हुई थी।
1960 में जब चमोली जिले की स्थापना की घोषणा हुई, तो इसका मुख्यालय चमोली को बनाया गया। गोपेश्वर तब चमोली से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक छोटा सा गाँव था। 1963 में चमोली और गोपेश्वर को जोड़ती एक सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ।[८] अलकनन्दा घाटी में बसा चमोली अक्सर बाढ़ की चपेट में रहता था। घाटी में स्थित होने के कारण नगर का भौगोलिक विस्तार भी मुश्किल था। इन्हीं सब कमियों पर गौर करते हुए जिले के मुख्यालय को अन्यत्र स्थानांतरित करने के प्रयास शुरू हुए। 1966 में गोपेश्वर ग्राम में राजकीय डिग्री कॉलेज खोला गया, और फिर 1967 में इसे नगर का दर्जा दे दिया गया।[८] 20 जुलाई 1970 को अलकनंदा नदी में आयी एक बाढ़ में चमोली नगर का अल्कापुरी क्षेत्र पूरी तरह बह गया।[८] इस घटना के बाद जनपद के मुख्यालय तथा अन्य सभी महत्वपूर्ण कार्यालय गोपेश्वर में स्थापित कर दिए गए। 1974 का चिपको आंदोलन भी इस क्षेत्र की अति महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है।[९] अगले कुछ वर्षों में चमोली और गोपेश्वर नगरों को जोड़कर एकीकृत चमोली-गोपेश्वर नगर पालिका परिषद् का गठन किया गया, 1981 की जनगणना के अनुसार जिसकी जनसंख्या 9,734 थी।
भूगोल
गोपेश्वर 30.42 डिग्री के अक्षांशों और 79.33 डिग्री के देशान्तरों पर स्थित है।[१०] समुद्र तल से इसकी औसत ऊंचाई साँचा:convert है। गोपेश्वर और चमोली एक दूसरे से साँचा:convert की दूरी पर हैं। गोपेश्वर एक पर्वत चोटी के ऊपर बालसाती नदी के किनारे, जबकि चमोली अलकनंदा नदी के किनारे और रारा 58 पर स्थित है।[११]
[छुपाएँ]चमोली गोपेश्वर के जलवायु आँकड़ें | |||||||||||||
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माह | जनवरी | फरवरी | मार्च | अप्रैल | मई | जून | जुलाई | अगस्त | सितम्बर | अक्टूबर | नवम्बर | दिसम्बर | वर्ष |
औसत उच्च तापमान °C (°F) | 13.4 (56.1) |
15.9 (60.6) |
20.5 (68.9) |
26 (79) |
29.3 (84.7) |
28.3 (82.9) |
25 (77) |
24.4 (75.9) |
24.2 (75.6) |
22.4 (72.3) |
18.3 (64.9) |
14.8 (58.6) |
21.88 (71.38) |
दैनिक माध्य तापमान °C (°F) | 8.6 (47.5) |
10.4 (50.7) |
14.7 (58.5) |
19.1 (66.4) |
22.5 (72.5) |
22.8 (73) |
21.3 (70.3) |
20.9 (69.6) |
20.1 (68.2) |
17.1 (62.8) |
13 (55) |
9.8 (49.6) |
16.69 (62.01) |
औसत निम्न तापमान °C (°F) | 3.8 (38.8) |
4.9 (40.8) |
9 (48) |
12.3 (54.1) |
15.7 (60.3) |
17.4 (63.3) |
17.6 (63.7) |
17.4 (63.3) |
16 (61) |
11.8 (53.2) |
7.8 (46) |
4.9 (40.8) |
11.55 (52.78) |
औसत वर्षा मिमी (inches) | 74 (2.91) |
76 (2.99) |
77 (3.03) |
36 (1.42) |
48 (1.89) |
140 (5.51) |
322 (12.68) |
271 (10.67) |
150 (5.91) |
66 (2.6) |
12 (0.47) |
33 (1.3) |
१,३०५ (५१.३८) |
स्रोत: Climate-Data.org[१२] |
जनसांख्यिकी
[छुपाएँ]ऐतिहासिक जनसंख्या आंकड़े | |||
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गणना वर्ष | जनसंख्या | %± | |
1901 | ९५८ | — | |
1921 | १,१९९ | — | |
1941 | १,४९८ | — | |
1961 | १,८६८ | — | |
1971 | ६,३५४ | 240.1% | |
1981 | ९,७०९ | 52.8% | |
1991 | १५,३७८ | 58.4% | |
2001 | १९,८३३ | 29.0% | |
2011 | २१,४४७ | 8.1% | |
स्त्रोत: 1901-1971[८], 1971-2001[१३], 2011[१४] |
2011 की भारत की जनगणना के अनुसार चमोली गोपेश्वर नगर की कुल जनसंख्या 21,447 है।[१५] 1991 में यह 15,378, जबकि 2001 में 19,833 थी।[१६] नगर में पुरुषों की संख्या 11,432 है, जबकि महिलाओं की संख्या 10,015 हैं, और इस प्रकार नगर का लिंगानुपात 876 है, जो राज्य के औसत लिंगानुपात, 963 की तुलना में कम है।[१४] 0-6 आयु वर्ग के बच्चों की संख्या 2,491 है जो कुल जनसंख्या का 11.61% है।[१४] चमोली गोपेश्वर नगर की साक्षरता दर 82.47% है; नगर में 84.93% पुरुष और 79.67% महिलाएं साक्षर हैं।[१४] नगर में कुल जनसंख्या का 19.1% अनुसूचित जाति (एससी) और 5.59% अनुसूचित जनजाति (एसटी) है।[१४]
हिन्दू धर्म नगर में बहुमत का धर्म है; नगर की कुल जनसंख्या में से 95.92 प्रतिशत लोग हिन्दू धर्म का अनुसरण करते हैं।[१७] इसके अतिरिक्त नगर में अल्पसंख्या में इस्लाम, ईसाई, बौद्ध तथा सिख धर्मों के अनुयायी भी रहते हैं। चमोली गोपेश्वर में 3.75 प्रतिशत लोग इस्लाम का, 0.18 प्रतिशत लोग ईसाई धर्म का, 0.02 प्रतिशत लोग सिख धर्म का 0.02 प्रतिशत लोग बौद्ध धर्म का, तथा 0.06 प्रतिशत लोग इनसे इतर किसी अन्य धर्म का अनुसरण करते हैं।[१७] इसके अतिरिक्त नगर की कुल जनसंख्या में से 0.04 प्रतिशत लोग या तो आस्तिक हैं, या किसी भी धर्म से ताल्लुक नहीं रखते।[१७] हिन्दी तथा गढ़वाली नगर में बोली जाने वाली मुख्य भाषायें हैं।
आवागमन
चमोली से 50 किमी दूर स्थित गौचर में एक हवाई पट्टी है, जिसे भविष्य में हवाई अड्डे का रूप दिया जाना प्रस्तावित है। हालाँकि वर्तमान निकटतम कार्यात्मक हवाई अड्डा जॉली ग्रांट है, जो नगर से 222 किमी की दूरी पर देहरादून में स्थित है। यह हवाई अड्डा दैनिक उड़ानों के साथ दिल्ली से जुड़ा हुआ है। चमोली का निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है, और यह चमोली से 202 किमी की दूरी पर स्थित है। वर्तमान में ऋषिकेश - कर्णप्रयाग रेलमार्ग निर्माणाधीन है,[१८] जिसके बन जाने के बाद 40 किमी दूर स्थित कर्णप्रयाग यहाँ से निकटतम रेलवे स्टेशन होगा।
चमोली उत्तराखण्ड राज्य के सभी प्रमुख नगरों और पर्यटन स्थलों के साथ मोटर सड़कों से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग 7 चमोली से होकर गुजरता है। इसके अतिरिक्त चमोली से गोपेश्वर होते हुए उखीमठ तक एक अन्य सड़क जाती है, जो बद्रीनाथ और केदारनाथ को जोड़ने वाले सबसे छोटे मार्ग का निर्माण करती है। ऋषिकेश, पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और श्रीनगर समेत उत्तराखण्ड के कई नगरों से बसें और टैक्सियां चमोली के लिए आसानी से उपलब्ध होती हैं। उत्तराखण्ड परिवहन निगम और गढ़वाल मोटर ओनर्स यूनियन (जीमू) नगर से बसों का संचालन करते हैं।
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ साँचा:cite web
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- ↑ इस तक ऊपर जायें: अ आ साँचा:cite book
- ↑ साँचा:cite book
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- ↑ इस तक ऊपर जायें: अ आ इ ई साँचा:cite book
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- ↑ साँचा:cite news
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- ↑ साँचा:cite web
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- ↑ इस तक ऊपर जायें: अ आ इ ई उ साँचा:cite web
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- ↑ इस तक ऊपर जायें: अ आ इ साँचा:cite news
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