ग्लाइकोलिसिस
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
ग्लाइकोसिस की समग्र अभिक्रिया |
---|
<math> \Rightarrow </math> + |
α-D-ग्लूकोज + 2NAD+ + 2ADP + 2Pi ⟹ 2 (पाइरुवेट) + 2NADH + 2ATP + 2H+ + 2H2O |
ग्लाइकोलिसिस (Glycolysis) या ग्लाइको अपघटन, कोशिकीय श्वसन की प्रथम अवस्था है जो कोशिका द्रव में होती है। इस क्रिया में ग्लूकोज का आंशिक आक्सीकरण होता है, फलस्वरूप ग्लूकोज के एक अणु से पाइरूविक अम्ल के 2 अणु बनते हैं तथा कुछ ऊर्जा मुक्त होती है। यह क्रिया कई चरणों में होती है एवं प्रत्येक चरण में एक विशिष्ठ इन्जाइम उत्प्रेरक का कार्य करता है। इस क्रिया को EMP पाथवे भी कहा जाता है। इसमें ग्लूकोज में संचित ऊर्जा का 4 प्रतिशत भाग मुक्त होकर एनएडीएच (NADH2) में चली जाती है तथा शेष 96 प्रतिशत ऊर्जा पाइरूविक अम्ल में संचित हो जाती है। ग्लाइकोलिसिस की अभिक्रिया कोशिका द्रव्य में संपन्न होती है।जबकि क्रेब्स चक्र या साइट्रिक एसिड चक्र माइटोकॉन्ड्रिया के मैट्रिक्स में सम्पन्न होती है।