गीतांजली शर्मा
गीतांजलि शर्मा (जन्म: 3 सितंबर 1984) भारतीय लोक नृत्य प्रतिपादक और कथक नृत्यांगना हैं। वह उमा डोगरा की शिष्या हैं। उमा जयपुर घराने के कथक उस्ताद पं॰ दुर्गा लाल की सबसे वरिष्ठ शिष्या थी। गीतांजलि 18 से अधिक वर्षों से भारत और विदेशों में नृत्य कर रही हैं।
वह राष्ट्रीय युवा पुरस्कार (2010), संगीत नाटक अकादमी (2011) के उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार, उत्तर प्रदेश सरकार का सर्वोच्च पुरस्कार, यश भारती पुरस्कार (2015) और कई क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर के कई पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं।[१][२]
शुरूआती जीवन
गीतांजलि का जन्म 3 सितंबर 1984 को उत्तर प्रदेश के मथुरा में निर्मल आचार्य और डॉ॰ पी॰ आर॰ शर्मा के यहाँ हुआ। उनके परिवार के किसी भी व्यक्ति की कलात्मक पृष्ठभूमि नहीं थी। उन्हें परिवार से बहुत मार्गदर्शन और समर्थन नहीं मिला। अपने करियर के शुरुआती चरण में उन्होंने बिना किसी औपचारिक प्रशिक्षण के स्कूल स्तर पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। उनका पहला विदेश प्रदर्शन सिंगापुर में हुआ था। बाद में, उन्होंने चीन, मैक्सिको, लंदन, अमेरिका और कई अन्य देशों में प्रदर्शन किया।
करियर
गीतांजलि शर्मा ने बहुत ही कम उम्र में अपने नृत्य करियर की शुरुआत की। वह खुद स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर प्रदर्शन करके बृज लोक नर्तक के रूप में स्थापित हुई। 2008 में, उन्होंने कथक केंद्र, नई दिल्ली में राजेंद्र गंगानी के मार्गदर्शन में कथक सीखना शुरू किया। बाद में वह 2010 में उमा डोगरा से प्रशिक्षण लेने लगीं। उन्होंने प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद से अपनी प्रभाकर डिग्री पूरी की। वह मथुरा, उत्तर प्रदेश की पहली प्रशिक्षित कथक कलाकार हैं।
उन्होंने बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी, लोक गायिका मालिनी अवस्थी, संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा और कई अन्य प्रसिद्ध कलाकारों के साथ कथक प्रस्तुतियाँ दी हैं। 18 दिसंबर 2017 को गीतांजलि को स्वच्छ भारत अभियान के लिए मथुरा-वृंदावन के ब्रांड एंबेसडर बनाया गया जो भारत सरकार द्वारा चलाया गया एक अभियान है।[३]