शाहजहाँपुर जिला

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ज़िला
शाहजहाँपुर
India Uttar Pradesh districts 2012 Shahjahanpur.svg

उत्तर प्रदेश में ज़िले की अवस्थिति
राज्य उत्तर प्रदेश
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प्रभाग बरेली
मुख्यालय शाहजहाँपुर
क्षेत्रफल साँचा:convert
जनसंख्या 3002376 (2011)
साक्षरता 61.61% (पुरुष) 70.09% (स्त्रियाँ)
तहसीलें सदर,पुवायाँ,तिलहर,जलालाबाद एवं कलान
लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र शाहजहाँपुर
विधानसभा सीटें तिलहर, जलालाबाद,कटरा,पुवायाँ,शाहजहाँपुर (शहर) और ददरौल
आधिकारिक जालस्थल

शाहजहाँपुर जिला (अंग्रेजी: Shahjahanpur district) भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है जिसका मुख्यालय शाहजहाँपुर है। यह एक ऐतिहासिक क्षेत्र है जिसकी पुष्टि भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा यहाँ के कुछ उत्साही व प्रमुख व्यक्तियों के माध्यन से कराये गये उत्खनन में मिले सिक्कों, बर्तनों व अन्य बस्तुओं के सर्वेक्षण से हुई है। उत्तर वैदिक काल से लेकर वर्तमान समय की वस्तुस्थितियों तक इस जिले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि सदैव ही चर्चा में रही है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सन् १८५७ के प्रथम स्वातन्त्र्य समर[१] से लेकर १९२५ के काकोरी काण्ड[२] तथा १९४२ के भारत छोड़ो आन्दोलन[३] तक इस जिले की प्रमुख भूमिका रही है। इसे शहीद गढ़[४] या शहीदों की नगरी[५] के नाम से भी जाना जाता है।

हो गयी अमेठी स्वर्णभूमि, पेरम्बदूर का वट-विकास;
लेकिन शहीदगढ़ शाहजहाँपुर का न हुआ समुचित विकास।
फिर कैसे कह दें अपने भारत ने स्वतन्त्रता पायी है;
बिस्मिल, विद्रोही, विकल - सभी ने यह पीड़ा दोहरायी है॥
[६]

शाहजहाँपुर को 2018 में उत्तर प्रदेश का 17 वाँ नगर निगम का दर्जा मिला है ।

इतिहास

१९८८ के शाहजहाँपुर डिस्ट्रिक्ट गजेटियर के पृष्ठ १२ पर दिए गए प्रमाणों[७]के अनुसार इस जिले की पुवायाँ तहसील के सुनासर घाट में राजा इन्द्र ने अनेकों वर्ष तप किया था वहाँ स्थित शिव पार्वती की मूर्ति इस कथा का आज भी किम्बदन्तियों में बखान करती है। इसी प्रकार जलालाबाद तहसील में स्थित जमदग्नि आश्रम तथा उससे आधे मील दूर रामताल के समीप परशुराम के मन्दिर में परशुराम का फरसा[८] आज भी देखा जा सकता है। शाहजहाँपुर से पश्चिम में स्थित गोला गोकर्णनाथ का मन्दिर त्रेता युग की कहानी कहता हुआ प्रतीत होता है। जलालाबाद में ही तिकोला का देवी-मन्दिर इसे द्वापर युग से जोडता है। प्रचलित जनश्रुति के अनुसार यहाँ पर पाण्डवों ने अज्ञातवास में कुछ दिन बिताये थे[९]

भूगोल एवं सांख्यकीय आँकड़े

27.88 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 79.92 डिग्री पूर्वी देशान्तर के बीच समुद्र तल से 194 मीटर (600 फुट) की ऊँचाई पर स्थित तथा दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गर्रा व खन्नौत नामक दो नदियों के संगम पर बसे इसके मुख्यालय (शाहजहाँपुर शहर) सहित सम्पूर्ण शाहजहाँपुर जिले की कुल जनसंख्या 2011 की जनगणना के आँकडों के अनुसार 3002376 है जिसमें 1610182 पुरुष व 1392194स्त्रियाँ हैं। साक्षरता की दृष्टि से 61.61% पुरुष व 70.09% महिलायें शिक्षित हैं। जनसंख्या की दृष्टि से यह जिला अल्बानिया और मिशीशिपी से भी आगे निकल चुका है[१०]। भारत के कुल 640 जिलों की सूची में इसका 123वाँ स्थान है[१०]। जिले का जनसंख्या घनत्व 673 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर[१०] तथा जनसंख्या वृद्धिदर (2001-2011) मात्र 17.84%.[१०] है। महिला एवं पुरुषों का अनुपात 865/1000[१०] तथा कुल साक्षरता प्रतिशत 61.6[१०] है।

यातायात

शाहजहाँपुर उत्तर रेलवे का प्रमुख जंक्शन है। यहाँ की रौजा स्थित केरू ऐण्ड कम्पनी (रौजा फैक्ट्री) तथा इण्डियन ऑर्डिनेंस क्लोदिंग फैक्ट्री तथा सैनिक छावनी (कैन्टोनमेण्ट) के कारण अंग्रेजों के जमाने से ही दो-दो रेलवे जंक्शन हैं एक शाहजहाँपुर दूसरा रौजा। शहर के अन्दर आने-जाने के लिये यहाँ पर दिल्ली के पुराने यमुना पुल की तरह लोहे का पुल आज भी बना हुआ है अन्तर इतना है कि दिल्ली के पुल से रेल व मोटर गाडियाँ दोनों गुजरती हैं जबकि यहाँ के गर्रा के पुल के संकरे होने से केवल छोटे वाहन ही जा पाते हैं। इसके एक ओर से रेलवे लाइन गुजरती है तो दूसरी ओर से नेशनल हाई वे। यहाँ का सबसे निकट हवाई अड्डा अमौसी (लखनऊ) का है। यहाँ से दिल्ली 335 कि०मी०, लखनऊ 165 कि०मी० तथा हावडा (कोलकाता) 1148 कि०मी० दूर स्थित है।

व्यापार

यहाँ का कालीन उद्योग, मैक्डोनाल्ड (केरू कम्पनी) शराब फैक्ट्री, तथा रौसर कोठी (चीनी मिल) सबसे पुराने हैं। इसी प्रकार यहाँ की ऑर्डिनेन्स क्लोदिंग फैक्ट्री भी है जो सेना के लिये वस्त्र व पैराशूट उपलब्ध कराती है। इसके अतिरिक्त पेपर मिल मैदा व आटा मिल तथा चावल की भी मिलें हैं। शाहजहाँपुर-फर्रुखाबाद मार्ग पर फर्टीलाइजर फैक्ट्री भी स्थापित हो चुकी है जो देश भर को यूरिया सप्लाई करती है। इन सबके अतिरिक्त जो सबसे बडा उद्योग यहाँ लगा है वह है ४ गुणा १२०० मेगावाट क्षमता वाले ताप बिजली घरों का जो रौजा के आगे नए बने राम प्रसाद 'बिस्मिल' रेलवे स्टेशन के समीप स्थित है। इससे न केवल शाहजहाँपुर, अपितु पूरा उत्तर प्रदेश लाभान्वित हुआ है।

ऐतिहासिक स्थान

काकोरी काण्ड के चार शहीद इनमें तीन-अशफाक, बिस्मिल व रोशन शाहजहाँपुर के थे

जिन लोगों ने इस जिले का नाम पूरे विश्व में चमकाया उनमें बीसवीं सदी के महान क्रान्तिकारी पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल, उनके प्रमुख सहयोगी व एक साथ फाँसी पर झूलने वाले अशफाक उल्ला खाँ व ठाकुर रोशन सिंह तो हैं ही, सन् १८५७ के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के प्रमुख पुरोधा मौलवी अहमद उल्ला शाह[११] का नाम भी इतिहास में दर्ज़ है जिनका सिर काटकर शहर के बीचो-बीच कोतवाली पर बहुत ऊँचाई पर इसलिये टाँग दिया गया था ताकि कोई बगावत करने की हिम्मत न कर सके। इसके बावजूद यहाँ के बागियों ने हिम्मत नहीं हारी और अंग्रेजों व उनके पिट्ठुओं का कत्ले-आम जारी रक्खा। कुछ ने डरकर घण्टाघर रोड पर स्थित एक नवाब की कोठी में शरण ली तो क्रांतिकारियों ने उस कोठी को ही आग के हवाले कर दिया। आज भी वह कोठी जली कोठी[१२] के नाम से जानी जाती है।

प्रसिद्ध व्यक्तित्व

अशफ़ाक उल्ला खां राम प्रसाद बिस्मिल ठाकुर रोशन सिंह प्रेम कृष्ण खत्री

इसे भी देखें


सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ

  1. हिसाब माँग रही शहीदों की सरजमीं - Liveहिन्दुस्तान.com में आनन्द शर्मा का लेख
  2. http://shahjahanpur.nic.in/शाहजहाँपुर का आधिकारिक जाल
  3. https://web.archive.org/web/20120312161435/http://www.shahjahanpuronline.com/
  1. डॉ॰ एन० सी० मेहरोत्रा स्वतन्त्रता आन्दोलन में जनपद शाहजहाँपुर का योगदान पृष्ठ ३९ से ६९
  2. डॉ॰ एन० सी० मेहरोत्रा स्वतन्त्रता आन्दोलन में जनपद शाहजहाँपुर का योगदान पृष्ठ १०७ से १४७
  3. डॉ॰ एन० सी० मेहरोत्रा स्वतन्त्रता आन्दोलन में जनपद शाहजहाँपुर का योगदान पृष्ठ १९४ से २२४
  4. दामोदर स्वरूप 'विद्रोही'दिल्ली की गद्दी सावधान पृष्ठ ७
  5. दामोदर स्वरूप 'विद्रोही'दिल्ली की गद्दी सावधान पृष्ठ ८
  6. दामोदर स्वरूप 'विद्रोही' दिल्ली की गद्दी सावधान पृष्ठ संख्या ८ से उद्धृत
  7. डॉ॰ एन० सी० मेहरोत्रा स्वतन्त्रता आन्दोलन में जनपद शाहजहाँपुर का योगदान पृष्ठ २
  8. डॉ॰ एन० सी० मेहरोत्रा स्वतन्त्रता आन्दोलन में जनपद शाहजहाँपुर का योगदान पृष्ठ ३
  9. डॉ॰ एन० सी० मेहरोत्रा स्वतन्त्रता आन्दोलन में जनपद शाहजहाँपुर का योगदान पृष्ठ ४
  10. साँचा:cite web
  11. डॉ॰ एन० सी० मेहरोत्रा स्वतन्त्रता आन्दोलन में जनपद शाहजहाँपुर का योगदान पृष्ठ ५७
  12. डॉ॰ एन० सी० मेहरोत्रा स्वतन्त्रता आन्दोलन में जनपद शाहजहाँपुर का योगदान पृष्ठ ५३