अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ
Ashfaqulla Khan 2619.JPG
Bornसाँचा:birth date
Died19 December 1927(1927-12-19) (उम्र साँचा:age)
फ़ैज़ाबाद, यूनाइटेड प्रांत
Other namesअशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ
Employerसाँचा:main other
Organizationहिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशनसाँचा:main other
Agentसाँचा:main other
Known forकाकोरी ट्रैन डकैती के प्रमुख प्रदर्शक
Notable work
साँचा:main other
Opponent(s)साँचा:main other
Criminal charge(s)साँचा:main other
Spouse(s)साँचा:main other
Partner(s)साँचा:main other
Parent(s)स्क्रिप्ट त्रुटि: "list" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।साँचा:main other

साँचा:template otherसाँचा:main other

अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ (22 अक्टूबर 1900 – 19 दिसम्बर 1927) भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के स्वतंत्रता सेनानी थे।[१][२]

पूर्व जीवन

ख़ान का जन्म ब्रितानी भारत के शाहजहाँपुर में शफ़िक़ुल्लाह खान और मज़रुनिस्सा के घर हुआ। वो एक मुस्लिम पठान परिवार[३][४] के खैबर जनजाति में हुआ था।[५][६] वो छः भाई बहनों में सबसे छोटे थे।[७]

वर्ष 1920 में महात्मा गांधी ने भारत में ब्रितानी शासन के विरुद्ध असहयोग आन्दोलन आरम्भ किया। लेकिन वर्ष 1922 में चौरी चौरा कांड के बाद महात्मा गांधी ने आन्दोलन वापस ले लिया।[८]

इस स्थिति में खान सहित विभिन्न युवा लोग खिन्न हुये। इसके बाद खान ने समान विचारों वाले स्वतंत्रता सेनानियों से मिलकर नया संगठन बनाने का निर्णय लिया और वर्ष 1924 में हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन का गठन किया।[९]

काकोरी रेल डकैती

साँचा:main अपने आन्दोलन को आगे बढ़ाने के लिए, हथियार खरिदने और अपने काम को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक गोलाबारूद इकट्ठा करने के लिए, हिन्दुस्तानी सोशिलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सभी क्रान्तिकारियों ने शाहजहाँपुर में 8 अगस्त 1925 को एक बैठक की। एक लम्बी विवेचना के पश्चात् रेलगाडी में जा रहे सरकारी खजाने को लूटने का कार्यक्रम बना। 9 अगस्त 1925 को खान सहित उनके क्रान्तिकारी साथियों राम प्रसाद 'बिस्मिल', राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, रोशन सिंह, शचीन्द्रनाथ बख्शी, चन्द्रशेखर आज़ाद, केशव चक्रवर्ती, बनवारी लाल, बनवारी लाल, मुरारी शर्मा, मुकुन्‍दी लाल और मन्मथनाथ गुप्त ने मिलकर लखनऊ के निकट काकोरी में रेलगाड़ी में जा रहा ब्रितानी सरकार का खजाना लूट लिया।[७][१०][११]

रेलगाडी के लूटे जाने के एक माह बाद भी किसी भी लुटेरे की गिरफ़्तारी नहीं हो सकी। यद्यपि ब्रिटेन सरकार ने एक विस्तृत जाँच का जाल आरम्भ कर दिया था।[७] 26 अक्टूबर 1925 की एक सुबह, बिस्मिल को पुलिस ने पकड़ लिया और खान अकेले थे जिनका पुलिस कोई सुराख नहीं लगा सकी। वो छुपते हुये बिहार से बनारस चले गये, जहाँ उन्होंने दस माह तक एक अभियांत्रिकी कंपनी में काम किया। उन्होंने अभियान्त्रिकी के आगे के अध्ययन के लिए विदेश में जाना चाहते थे जिससे स्वतंत्रता की लड़ाई को आगे बढ़ाया जा सके और वो देश छोड़ने के लिए दिल्ली चले गये। उन्होंने अपने एक पठान दोस्त की सहायता ली जो पहले उनका सहपाठी रह चुका था। दोस्त ने उन्हें धोखा देते हुये उनका ठिकाना पुलिस को बता दिया[८][७] और 17 जुलाई 1926 की सुबह पुलिस उनके घर आयी तथा उन्हें गिरफ्तार किया।

खान को फैज़ाबाद कारावस में रखा गया और उनके विरुद्ध एक मामला आरम्भ किया गया। उनके भाई रियासतुल्लाह खान उनके कानूनी अधिवक्ता थे। कारावास के दौरान अशफ़क़ुल्लाह खान ने क़ुरान का पाठ किया और नियमित तौर पर नमाज पढ़ना आरम्भ कर दिया तथा इस्लामी माह रमज़ान में कठोरता से रोजे रखना आरम्भ कर दिया। काकोरी डकैती का मामला बिस्मिल, खान, राजेन्द्र लाहिड़ी और ठाकुर रोशन सिंह को फांसी की सजा सुनाकर पूरा किया गया।।[७][१२][१३]

निधन और विरासत

खान को 19 दिसम्बर 1927 को फ़ैज़ाबाद कारावास में फ़ांसी की सजा दी गयी।[८] उनके क्रान्तिकारी व्यक्तित्व, प्रेम, स्पष्ट सोच, अडिग साहस, दृढ़ निश्चय और निष्ठा के कारण लोगों के लिए वो शहीद माने गये।[७][१४]


यह क्रांतिकारी व्यक्ति मातृभूमि के प्रति अपने प्रेम, अपनी स्पष्ट सोच, अडिग साहस, दृढ़ता और निष्ठा के कारण अपने लोगों के बीच शहीद और एक किंवदंती बन गया।

लोकप्रिय मीडिया चित्रण

खान और उसके साथियों के कार्य को हिन्दी फ़िल्म रंग दे बसंती (2006) में फ़िल्माया गया है जिसमें खान का अभिनय कुणाल कपूर ने किया। स्टार भारत की टेलीविजन शृंखला चन्द्रशेखर में चेतन्य अदीब ने खान का अभिनय किया है।

वर्ष 2014 में डीडी उर्दू पर भारतीय टेलीविजन शृंखला मुजाहिद-ए-आज़ादी - अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ प्रसारित की गयी जिसमें गौरव नंदा ने अभिनय किया।[१५]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

साँचा:reflist

ग्रंथसूची

  • स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।

साँचा:navbox

  1. S. Waris 2003, पृ॰ 8-14.
  2. साँचा:cite book
  3. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  4. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  5. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  6. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  7. साँचा:cite web
  8. <स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  9. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  10. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  11. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  12. साँचा:cite web
  13. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  14. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  15. साँचा:cite webसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]