ग़दर: एक प्रेम कथा

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ग़दर: एक प्रेम कथा
निर्देशक अनिल शर्मा
निर्माता नितिन केनी
लेखक शक्तिमान् तलवार
कथावाचक ओम पुरी
अभिनेता सनी देओल,
अमीशा पटेल,
अमरीश पुरी,
लिलेट दुबे
संगीतकार उत्तम सिंह
छायाकार नजीब ख़ान
संपादक अरुन—शेखर
प्रदर्शन साँचा:nowrap 15 जून, 2001
समय सीमा 186 मिनट
देश भारत
भाषा हिन्दी

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ग़दर 2001 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फिल्म का निर्देशन अनिल शर्मा ने और निर्माण नितिन केनी ने किया था। इसमें सनी देओल, अमीषा पटेल, और अमरीश पूरी मुख्य किरदार निभा रहे हैं। इस फिल्म को 15 जून 2001 को सिनेमाघरों में पहली बार दिखाया गया। इस फिल्म में सनी देओल को उनके शर्मीले किरदार के लिए फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार हेतु नामांकित भी किया गया था।

इस फिल्म को बनाने में लगभग ₹18.5 से ₹19 करोड़ रुपये लगे थे। फिल्म के प्रदर्शित होने के बाद ये भारत की सबसे सफल फिल्मों में से एक बन गई और उस समय की सबसे ज्यादा देखे जाने वाली दूसरी हिन्दी फिल्म भी बन गई। इस फिल्म ने कुल ₹78 करोड़ रुपये की कमाई की थी।

कहानी

ये तारा सिंह (सनी देओल) और सकीना (अमीषा पटेल) की प्रेम कहानी है। फिल्म की कहानी भारत के विभाजन के दौरान हो रहे दंगा फ़साद से शुरू होती है। इसी के दौरान तारा और सकीना मिलते हैं। तारा उसे बचा कर अपने साथ ट्रक में ले जाते रहता है और इसी दौरान वो अपने पिछले समय को याद करते रहता है, जब उसकी मुलाक़ात कॉलेज में सकीना से हुई थी।

तारा और सकीना की पहली मुलाक़ात सकीना के कॉलेज में हुई थी। तारा असल में एक गायक बनना चाहता था, पर उसे मौका नहीं मिला था। जब वो सकीना और उसके दोस्तों से मिलता है तो वे लोग उसे बेवकूफ बनाते हैं कि सकीना एक संगीत शिक्षिका है। तारा को बाद में पता चलता है कि वो कोई शिक्षिका नहीं, बल्कि उसी कॉलेज में पढ़ने वाली विद्यार्थी है। सकीना उसके गायकी से काफी प्रभावित रहती है और अपने कॉलेज में हो रहे संगीत समारोह में अपने जगह तारा को गाने का मौका देती है। तारा के गाने से सभी प्रभावित होते हैं। सकीना अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद तारा को अलविदा कह के अपने घर चले जाती है।

वर्तमान समय में तारा उसे अपने घर ले आता है और उसे किसी तरह उसके अपने घर भेजने के बारे में सोचने लगता है। बाद में सकीना को लगने लगता है कि उस दंगे में उसके पिता, अशरफ अली (अमरीश पुरी) की भी मौत हो गई है। बाद में धीरे धीरे सकीना और तारा एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं और दोनों शादी कर लेते हैं। उनका एक बेटा भी होता है, जिसका नाम वे लोग जीत रखते हैं। उनका जीवन काफी अच्छा चलते रहता है कि तभी एक दिन सकीना की नजर के पुराने अखबार पर पड़ती है, जिसमें उसके पिता होते हैं, जिसे वो मरा हुआ समझ रही होती है, वो अब लाहौर के मेयर हैं।

वो अपने पिता से मिलने के लिए दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी दूतावास से कॉल करती है और वो उसके लाहौर आने के लिए विमान का इंतजाम करता है। हालांकि तारा और उनका बेटा भी साथ में जाने वाले होते हैं, लेकिन वीजा की परेशानी के कारण सिर्फ सकीना ही जाती है। वहाँ जाने के बाद जब सकीना वापस आने की बात कहती है तो उसके माता-पिता मना कर देते हैं, जिससे सकीना का दिल टूट जाता है। सकीना के पिता उसकी जबरन दुसरी शादी कराने की कोशिश करते हैं।

इसी बीच तारा और उसका बेटा पाकिस्तान में गैर-कानूनी रूप से अंदर आ जाते हैं। उन्हें पता चलता है कि सकीना की शादी होने वाली है। वे लोग उस जगह पर आ जाते हैं और एक दूसरे से मिल जाते हैं। सकीना के पिता उसके सामने दो शर्त रखते हैं कि उसे पाकिस्तान की नागरिकता लेनी होगी और इस्लाम में परिवर्तित होना पड़ेगा। अशरफ को लगता रहता है कि तारा कभी इन दोनों शर्तों को नहीं मानेगा, पर अगले दिन वो दोनों शर्त मान लेता है। इसके बाद वो तारा से अपने देश का अपमान करने को कहता है, ताकि पता चल सके कि वो सच्चा पाकिस्तानी है। तारा इससे गुस्से में आ जाता है और अशरफ द्वारा नियुक्त किए हुए हमलावर, जो उसे मारने वाला होता है, उसे मार देता है। वे तीनों उस जगह से भाग जाते हैं और एक जगह छुप जाते हैं।

उन तीनों को ट्रेन मिल जाता है, जो भारत जाने वाला होता है। वे लोग उसी ट्रेन में बैठ जाते हैं। जब अशरफ को ये बात पता चलती है तो वो कुछ लोगों के साथ उन्हें रोकने आ जाता है। इसी दौरान सकीना को उसके पिता की गोली लग जाती है। अस्पताल में सकीना कोमा में चले जाती है। जब उसे वापस होश आता है तो फिल्म में दिखाया जाता है कि अशरफ अपने नाती और तारा को स्वीकार कर लेता है और वे लोग वापस भारत लौट जाते हैं।

मुख्य कलाकार

संगीत

सभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत उत्तम सिंह द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."मैं निकला गड्डी लेके"उदित नारायण5:26
2."उड़ जा काले कावाँ"उदित नारायण3:11
3."आन मिलो सजना"अजॉय चक्रबर्ती, परवीन सुल्ताना5:22
4."मुसाफिर जाने वाले"उदित नारायण, प्रीति उत्तम सिंह5:47
5."पारंपरिक शादी गीत"प्रीति उत्तम सिंह1:30
6."उड़ जा काले कावाँ — शादी"उदित नारायण, अलका याज्ञिक5:01
7."उड़ जा काले कावाँ — खोज"उदित नारायण, अलका याज्ञिक4:34
8."उड़ जा काले कावाँ — विजय"उदित नारायण, अलका याज्ञिक1:20
9."हम जुदा हो गये"प्रीति उत्तम सिंह, उदित नारायण6:04
कुल अवधि:38:15

नामांकन और पुरस्कार

विजेता:

  • फिल्मफेयर बेस्ट एक्शन अवॉर्ड - टिनू वर्मा
  • फिल्मफेयर स्पेशल परफॉर्मेंस अवार्ड - अमिषा पटेल
  • सांसुई सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार - अमिषा पटेल
  • वार्षिक फिल्मगोर्स अवॉर्ड्स - सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री - अमिषा पटेल
  • सांसुई सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - सनी देओल
  • उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ज़ी सिने विशेष पुरस्कार - पुरुष - सनी देओल
  • स्टार स्क्रीन अवॉर्ड सर्वश्रेष्ठ अभिनेता - सनी देओल

मनोनीत:

  • फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार - नितिन केनी
  • फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - सनी देओल
  • फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार - अमिषा पटेल
  • फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ निदेशक पुरस्कार - अनिल शर्मा
  • फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक पुरस्कार - उत्तम सिंह
  • फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार - आनंद बक्षी
  • फिल्मफेयर बेस्ट विलेन अवॉर्ड - अमरीश पुरी
  • फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ पुरुष प्लेबैक पुरस्कार - उदित नारायण
  • आईआईएफए बेस्ट मूवी अवॉर्ड - नितिन केनी
  • आईआईएफए सर्वश्रेष्ठ निदेशक पुरस्कार - अनिल शर्मा
  • आईआईएफए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार - अमिषा पटेल
  • आईआईएफए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - सनी देओल
  • स्टार स्क्रीन सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार - नितिन केनी
  • स्टार स्क्रीन सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार - अमिषा पटेल
  • स्टार स्क्रीन सर्वश्रेष्ठ निदेशक पुरस्कार - अनिल शर्मा
  • सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए ज़ी सिने पुरस्कार - नितिन केनी
  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए ज़ी सिने पुरस्कार - महिला - अमिषा पटेल
  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए ज़ी सिने पुरस्कार - पुरुष - सनी देओल
  • सर्वश्रेष्ठ निदेशक - अनिल शर्मा के लिए ज़ी सिने पुरस्कार
  • नकारात्मक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए ज़ी सिने पुरस्कार - अमृश पुरी

बाहरी कड़ियाँ