ग़दर पार्टी
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ग़दर पार्टी भारत को अंग्रेज़ों की पराधीनता से मुक्त कराने के उद्देश्य से बना एक संगठन था। इसे अमेरिका और कनाडा के भारतीयों ने 15 जूलाई 1913 सैन फ्रांसिस्को नगर में बनाया था। इसे प्रशान्त तट का हिन्दी संघ (Hindi Association of the Pacific Coast) भी कहा जाता था। यह पार्टी "हिन्दुस्तान ग़दर" नाम का पत्र भी निकालती थी जो उर्दू और पंजाबी में छपता था। इस संगठन ने भारत को अनेक महान क्रांतिकारी दिए। ग़दर पार्टी के महान नेताओं सोहन सिंह भाकना, करतार सिंह सराभा, लाला हरदयाल आदि ने जो कार्य किये, उसने भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों को उत्प्रेरित किया। पहले महायुद्ध के छिड़ते ही जब भारत के अन्य दल अंग्रेज़ों को सहयोग दे रहे थे, गदर पार्टी के लोगों ने अंग्रेजी राज के विरुद्ध जंग घोषित कर दी। उनका मानना था-
- सुरा सो पहचानिये, जो लड़े दीन के हेत।
- पुर्जा-पुर्जा कट मरे, कभूं न छाड़े खेत॥
स्थापना 15 जूलाई 1913 (1 नवंबर 1913 से परिवर्तित नाम)
ग़दर पार्टी का जन्म अमेरिका के सैन फ़्रांसिस्को के एस्टोरिया में 1913 में अंग्रेज़ी साम्राज्य को जड़ से उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से हुआ। गदर पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष सरदार सोहन सिंह भाकना थे। इसके अतिरिक्त केसर सिंह थथगढ - उपाध्यक्ष, लाला हरदयाल - महामंत्री, लाला ठाकुर दास धुरी - संयुक्त सचिव और पण्डित कांशी राम मदरोली - कोषाध्यक्ष थे।
स्थापना के बाद गदर पार्टी की पहली बैठक सैक्रामेंटो, कैलिफ़ोर्निया में दिसम्बर 1913 में आयोजित की गयी। इसमें कार्यकारिणी के सदस्यों की घोषणा भी की गयी, जो कि इस प्रकार है-
करतार सिंह सराभा, संतोख सिंह, अरूण सिंह, पृथी सिंह, पण्डित जगत राम, करम सिंह चीमा, निधान सिंह चुघ, संत वसाखा सिंह, पण्डित मुंशी राम, हरनाम सिंह कोटला, नोध सिंह थे। गुप्त और भूमिगत कार्यों के लिए एक कमेटी बनायी गयी जिसमें सोहन सिंह भाकना, संतोख सिंह सदस्य थे।
उद्देश्य
ग़दर पार्टी की पहली सभा के विचार थे कि अंग्रेज़ी राज के विरुद्ध हथियार उठाना गद्दारी नहीं, महायुद्ध है। हम इस विदेशी राज के आज्ञाकारी नहीं, घोर दुश्मन हैं। हमारी इसी दुश्मनी को अंग्रेज गद्दरी कहते हैं। इसीलिए वे हमारी 1857 की आज़ादी की जंग को ग़दर कहते आ रहे हैं।
ग़दरियों को कोलम्बिया नदी (अमेरिका) के किनारे के भारतीय मज़दूरों में काम शुरू किया। गदर पार्टी ने 15 जूलाई 1913 को असटेरिया की आरा मिलों में एक बुनियादी प्रस्ताव पास किया जिसके तहत कहा गया कि गदर पार्टी हथियारबंद क्रांति की मदद से अंग्रेज़ी राज से भारत को आज़ाद कर गणतंत्र कायम करेंगी। ध्यान देने योग्य है कि यह प्रस्ताव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 16 साल बाद 1929 में जवाहरलाल नेहरू के बहुत दबाव के बाद लाहौर में पास किया था। सभा में हर वर्ष चुनाव करने का निर्णय लिया। साथ ही यह भी तय किया गया कि इसमें कोई धार्मिक बहस नहीं होगी। धर्म को एक निजी मामला समझा गया था। हर समुदाय प्रत्येक माह एक डॉलर चंदा देगा, ग़दर का अक्ख़बार हिंदी, पंजाबी और उर्दू में निकाला जाएगा।
पत्र
स्क्रिप्ट त्रुटि: "main" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। गदर पार्टी ने अपना पत्र "हिन्दुस्तान ग़दर" निकाला जिसमें ब्रितानी हकुमत का खुला विरोध किया गया। यह पत्र हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अन्य भारतीय भाषाओं में छापा जाता था। "युगान्तर आश्रम" ग़दर पार्टी का मुख्यालय था। यहीं से ग़दर पार्टी ने एक पोस्टर छापा था जिसे पंजाब में जगह-जगह चिपकाया भी गया था। इस पोस्टर पर लिखा था - "जंग दा होका" अर्थात युद्ध की घोषणा।
योजना एवं लाहौर षडयन्त्र
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ग़दर के नेताओं ने निर्णय लिया कि अब वह समय आ गया है कि हम ब्रितानी सरकार के ख़िलाफ़ उसकी सेना में संगठित विद्रोह कर सकते हैं। क्योंकि तब प्रथम विश्वयुद्ध धीरे-धीरे क़रीब आ रहा था और ब्रितानी हकुमत को भी सैनिकों की बहुत आवश्यकता थी। नेतृत्व ने भारत वापिस आने का निर्णय लिया।
सदस्य
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- करतार सिंह सराभा
- सोहन सिंह भकना
- सोहन लाल पाठक
- भगत सिंह बिलगा
- हरनाम सिंह काला संघिआं
- बाबा गुरमुख्ख सिंह ललतों
- तेजा सिंह सुतंतर
- हरी सिंह उसमान
- हरनाम सिंह टुंडीलाट
- बाबा भगवान सिंह दुसांझ
- मौलवी बरकतउल्ला
- बाबा वसाखा सिंह ददेहर
- हरनाम सिंह काहिरा सहिरा
- हरनाम सिंह सैणी
- लाला हरदयाल
- तारकनाथ दास
- पांडूरंग सदाशिव खानखोजे
- गंडा सिंह
- विष्णु गणेश पिंगले
- भाई रणधीर सिंह
- मुनशा सिंह दुखी
- करीम बख्श
- हरिकिशन तलवाड़
- मा. ऊधम सिंह कसेल
- बाबा दुल्ला सिंह जलालदीवाल
- बाबा चूहड़ सिंह लील्ह
- बाबा ज्वाला सिंह
- बाबा ठाकर सिंह
- बाबा हज़ारा सिंह
- बाबा उजागर सिंह
- बाबा लाल सिंह साहिबआणा
- जैमल सिंह ढाका (अफगानिस्तान में गदर पार्टी का नेता)
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- गदर आन्दोलन 1912
- स्वतंत्रता आंदोलन और प्रवासी भारतीय (भारतीय पक्ष)
- हम भूल गए सौ साल पहले बनी गदर पार्टी को, जिसने देश को आज़ादी दिलाई (हिन्दी मिडिया)
- गदर आन्दोलन की गौरवशाली साम्राज्यवाद विरोधी विरासत को बुलन्द करें! (संग्रामी लहर)
- The Hindustan Ghadar Collection (Bancroft Library, University of California, Berkeley)
- गदर आंदोलन : एक प्रबल प्रेरणा (सीताराम येचुरी)