गरिमा श्रीवास्तव
गरिमा श्रीवास्तव | |
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जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
मृत्यु स्थान/समाधि | साँचा:br separated entries |
व्यवसाय | लेखिका, प्रोफेसर |
भाषा | हिन्दी |
निवास | नई दिल्ली, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा | एम.ए. (हिन्दी साहित्य), पीएच.डी., एम.फिल. |
उच्च शिक्षा | हिन्दू कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय |
विधा | कथालोचन, गायनोक्रिटिसिज़्म, आलोचना, अनुवाद |
उल्लेखनीय कार्य | देह ही देश (2018) |
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गरिमा श्रीवास्तव एक भारतीय लेखिका हैं। वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के भारतीय भाषा केंद्र में प्रोफेसर हैं।[१] उन्हें स्त्रीवाद,औपनिवेशिक और उत्तर-औपनिवेशिक भारतीय साहित्य' और स्त्री आत्मकथा की आलोचना के क्षेत्र में योगदान के लिए जाना जाता है। राजपाल एण्ड सन्स द्वारा 2018 में प्रकाशित इनकी यात्रा-डायरी देह ही देश काफी चर्चित रही जो युद्ध के दौरान स्त्रियों की दशा पर लिखी गई है।[२][३][४] वह जनसत्ता और नवभारत टाइम्स जैसे प्रमुख हिंदी दैनिक समाचार पत्रों की एक स्तंभकार भी हैं। अब तक उनकी 23 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।[५]
प्रारम्भिक जीवन एवं शिक्षा
गरिमा श्रीवास्तव का जन्म नई दिल्ली, भारत में हुआ। उन्होंने हिन्दू कॉलेज, दिल्ली से हिंदी साहित्य में परास्नातक करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.फिल और पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की।[६] इनके पिता डॉ रमाशंकर श्रीवास्तव एक जाने-माने साहित्यकार थे, जो राजधानी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्राध्यापक थे, जिनकी हिन्दी और भोजपुरी भाषा में 53 पुस्तकें प्रकाशित हैं।[५]
कार्य
वर्तमान में गरिमा श्रीवास्तव जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के भारतीय भाषा केंद्र, भाषा साहित्य और संस्कृति अध्ययन संस्थान में बतौर प्रोफ़ेसर कार्यरत हैं।[७] पूर्व में वह आर्मी कैडेट कॉलेज विंग, भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून, विश्व-भारती केन्द्रीय विश्वविद्यालय (शान्तिनिकेतन ,पश्चिम बंगाल) और हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय और ज़ाग्रेब विश्वविद्यालय, क्रोएशिया में प्राध्यापक रह चुकी हैं।[५][८]
इनकी दो पुस्तकें किशोरीलाल गोस्वामी (2016) और लाला श्रीनिवासदास (2007) भारतीय साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित हुई हैं।[६] साल 2018 में राजपाल एण्ड सन्स, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित देह ही देश एक यात्रा-डायरी है, जो पूर्वी यूरोप, क्रोएशिया और बोस्निया के संघर्ष क्षेत्रों पर आधारित है। देह ही देश के चार संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं।[५] इस किताब का अंग्रेजी, कन्नड़, ओडिया, बांग्ला और पंजाबी में अनुवाद किया गया है।[९] इसे पाठकों और आलोचकों के बीच काफी सराहा गया।[१०][११]
पुस्तक की समीक्षा लिखते हुए, अमर उजाला के रत्नेश मिश्र ने कहा, इस डायरी को पढ़कर जैसे पाठक एक शून्य में पहुँच जाता है। जैसे पीछे लौटकर पुनः यात्रा शुरू करने की इच्छा तीव्र हो जाती है और अतीत की उस यात्रा में जो उपेक्षित रह गया है, उस पर पुनः विचार करने की एक छटपटाहट पैदा होती है।[१२]
बहुवैकल्पिक प्रश्न 2100, भाषा और भाषा-विज्ञान, आशु अनुवाद, ऐ लड़की में नारी-चेतना, हिंदी उपन्यासों में बौद्धिक विमर्श, और झूठ का थैला इनकी अन्य उल्लेखनीय पुस्तकों में शामिल हैं।[६] उनके शोध आलेख प्रतिमान (CSDS), तद्भव, आजकल, हंस, आलोचना, समालोचन, बहुवचन और पाखी जैसी कई पत्र-पत्रिकाओं में छप चुके हैं। उनके सौ से अधिक शोध-पत्र प्रकाशित हैं।[५]
प्रकाशित कृतियाँ
पुस्तकें
- चुप्पियां और दरारें (प्रकाशन विभाग, सूचना और प्रसारण मंत्रालय), 2022
- देह ही देश (राजपाल एण्ड सन्स), 2018
- किशोरीलाल गोस्वामी (साहित्य अकादमी), 2016
- लाला श्रीनिवासदास (साहित्य अकादमी), 2007
- हिंदी साहित्य- बहुवैकल्पिक प्रश्न 2100 (संजय प्रकाशन), 2007
- हिंदी उपन्यासों में बौद्धिक विमर्श (संजय प्रकाशन), 1999
- भाषा और भाषा विज्ञान (संजय प्रकाशन), 2006
- ‘ऐ’ लड़की में नारी चेतना (संजय प्रकाशन), 2003
- आशु अनुवाद (संजय प्रकाशन), 2003
सम्पादन
- उपन्यास का समाजशास्त्र (वाणी प्रकाशन), 2022
- ज़ख्म, फूल और नमक (अनन्य प्रकाशन), 2017
- हृदयहारिणी (स्वराज प्रकाशन), 2015
- लवंगलता (स्वराज प्रकाशन), 2015
- वामाशिक्षक (राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत), 2008
- आधुनिक हिंदी कहानियां (नवजीवन प्रकाशन), 2004
- आधुनिक हिंदी निबंध (नवजीवन प्रकाशन), 2004
- ‘हिंदी नवजागरण और स्त्री’ श्रृंखला में सात पुस्तकें (नई किताब प्रकाशन), 2019
1.महिला मृदुवाणी 2.स्त्री समस्या 3.हिन्दी की महिला साहित्यकार 4. हिन्दी काव्य की कलामयी तारिकाएँ 5.स्त्री -दर्पण 6.हिन्दी काव्य की कोकिलायें 7.स्त्री कवि संग्रह
- हरदेवी का यात्रा-वृत्तान्त (सेतु प्रकाशन), 2022
अनुवाद
- जारवा भाषा का स्वनिमिक अध्ययन (भारतीय मानवविज्ञान सर्वेक्षण, कोलकाता), 2000
- ए वेरी इज़ी डेथ (स्वराज प्रकाशन), 2012
- झूठ का थैला (राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत), 2012
- संदेहास्पद (राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत), 2022