ऐबट ओलीबा

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ऐबट ओलीबा
Abad oliba.jpg
वीक में ओलीबा का स्मारक
जन्म 971
मृत्यु 1046
व्यवसाय ऐबट, बिशप, काउंट
प्रसिद्धि कारण कातालोन्या के आध्यात्मिक संस्थापक

ऐबट ओलीबा (साँचा:lang-ca; 971–1046) बर्गा और रिपोल के काउंट और बाद में वीक के बिशप व सेंट-मिचेल-डी-कोक्स़ा के मठधारी थे।[१] ये सांटा मारिया डी मॉन्ट्सेराट ऐबी के संस्थापक भी थे।[२] ओलीबा अपने समय की सबसे प्रभावशाली और महत्वपूर्ण शख्सियत में से एक थे जिन्होंने रोमेनेस्क कला को प्रोत्साहित किया था। इन्हें कातालोन्या के आध्यात्मिक संस्थापकों में से एक और अपने समय के इबेरिया प्रायद्वीप में यकीनन सबसे महत्वपूर्ण धर्माध्यक्ष माना जाता है।[३]

1973 में ऐबट अलीबा कॉलेज की स्थापना हुई जिसे बार्सिलोना विश्विद्यालय से मान्यता प्राप्त थी। 2003 में कातालोन्या की सरकार ने कॉलेज को पृथक विश्विद्यालय के रूप में परिवर्तित कर दिया व नए विश्विद्यालय का नाम ऐबट ओलीबा सीईयू यूनिवर्सिटी (कैटलन: Universitat Abat Oliba) रखा गया।

प्रारंभिक जीवन

ओलीबा का जन्म 971 में कातालोन्या के एक कुलीन घर में हुआ था। इनके पिता ओलीबा काब्रेता और माता एम्पोरिय्स की एर्म्नगार्दा थीं। इनके पिता बेसालो काउंटी और सेर्दान्या काउंटी के काउंट थे।[४] ये चार भाइयो और एक बहन में से तीसरे सबसे बड़े थे। बर्नर्ड और विल्फ्रेड इनके बड़े भाई और बैर्न्गा छोटे भाई थे व इनकी बहन का नाम एडिलेड था।

भगवान की शांति और संघर्ष विराम आंदोलन में भूमिका

ओलीबा ने 'भगवान की शांति और संघर्ष विराम' आंदोलन को 1022 के आसपास प्रोत्साहित किया व इनके कारण इस संधि पर दूसरे अन्य बिशप और कुलीनों के मध्य समझौता 1027 में फ्रांस के टुलूज़ में हुआ। इसके तहत कुछ ऐसे दिन निर्धारित किए गए जिन में कुलीनों, शूरवीरों, किसानों और सन्यासियों सहित कोई भी किसी के साथ किसी प्रकार का झगड़ा नहीं करेगा और ऐसे विशेष दिनों में भगोड़े गिरजाघर या अन्य पवित्र स्थलों में शरण प्राप्त कर पाएंगे जहाँ उन्हें सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित किया जाएगा। इन कदमों से वर्ष के कम से कम कुछ दिन शानिती के साथ निकल सकेंगे।

राजनीति में प्रभाव

ओलीबा अपने समय में इतने प्रभावशाली थे कि 1023 में नवा के महाराजा साँचो तृतीय ने अपनी बहन अरॅका के अपने दूसरे चचेरे भाई लेओन के अल्फोंसो पंचम से विवाह करने की उपयुक्तता के सन्दर्भ में परामर्श लिया था। बिशप ने ऐसे प्रस्ताव पर आपत्ति प्रकट की थी परन्तु साँचो ने उन्हें उपेक्षित कर दिया। ओलीबा द्वारा समकालीन राजाओं को लिखे पत्रों से संकेत मिलता है कि साँचो को केवल रेक्स (राजा) ही माना जाता था जबकि अल्फोंसो और उसके उत्तराधिकारी वेर्मुदो को सम्राट।

ओलीबा रिपोल के काउंट थे व इनके अंतर्गत रिपोल, जिस पर पहले मूरो का कब्जा था, अरब और ईसाई सभ्यताओं के बीच की कड़ी के रूप में संस्कृति और विचारों का केंद्र बना।[५]

दीर्घा

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

साँचा:commonscat